Water Crisis in Varanasi Residents Struggle Amidst Poor Infrastructure बोले काशी: प्यास बुझाने को कुंआ और टैंकर पर हैं निर्भर, Varanasi Hindi News - Hindustan
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बोले काशी: प्यास बुझाने को कुंआ और टैंकर पर हैं निर्भर

Varanasi News - वाराणसी में जल संकट गहरा गया है, जहां नागरिकों को पानी के लिए संघर्ष करना पड़ता है। मंडुवाडीह क्षेत्र में पाइपलाइनें जर्जर हो चुकी हैं और साफ पानी की कमी है। लोग कुएं और टैंकरों पर निर्भर हैं, लेकिन...

Newswrap हिन्दुस्तान, वाराणसीSun, 1 June 2025 07:36 PM
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बोले काशी: प्यास बुझाने को कुंआ और टैंकर पर हैं निर्भर

वाराणसी। जल ही जीवन है-इसका गर्मी के दिनों में बखूबी एहसास होता है। शहर में पानी को बर्बाद करने और बूंद-बूंद बचाने वाले-दोनों तरह के लोग हैं। दूसरी श्रेणी के लोग अक्सर जलसंकट से भी घिरे दिखते हैं। उनके लिए एक हैंडपंप या कुआं ही नियामत होता है। मंडुवाडीह क्षेत्र की बड़ी आबादी इस भीषण गर्मी में एक कूप से गला तर कर रही है। पानी का टैंकर भी आ जाता है। समस्या का स्थायी समाधान पानी का नया पाइप है। मगर सिस्टम की बेरुखी नागरिकों को हताश कर रही है। बनारस शहर के उन इलाकों में पेयजल का गंभीर संकट है जो तीन वर्ष पहले नगर निगम का हिस्सा बने हैं।

पंचायतीराज के दौरान बिछी पाइप लाइनें जर्जर, कई जगह क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं। गंदा पानी पेयजल समस्या बढ़ाता ही है। मंडुवाडीह वार्ड में पुरानी रेलवे क्रॉसिंग के पास पचपेड़वा (तुलसीपुर) मोहल्ला सिस्टम से हताश है। बाशिंदों की नजर में सिस्टम में नगर निगम एवं जलकल-दोनों शामिल हैं। ‘हिन्दुस्तान से बातचीत में नागरिकों ने कहा कि निगम के विभिन्न प्लेटफार्म पर लगाई जाने वाली गुहार अनसुनी हैं तो जलकल क्यों नया सिरदर्द मोल ले? अशोक कुमार, नीलम ने सवाल किया कि आखिर एक टैंकर और कुएं के भरोसे कब तक जीवन चलेगा? यहां लगभग 500 घर हैं जिनमें लगभग चार हजार की आबादी रहती है। लगभग सभी को हर सुबह पानी के लिए जंग करनी पड़ती है। सुधा ने कहा कि पानी की पाइप लाइन वर्षों से क्षतिग्रस्त है। दूसरे मोहल्लों की तरह हमें भी उम्मीद थी कि नगर निगम अब हमारी समस्या दूर करा देगा लेकिन अब नाउम्मीदी के बादल गहरे होते जा रहे हैं। रोज लगाते वाटर पंप अशोक कुमार ने बताया कि क्षेत्र में दो कुआं हैं। एक सूख गया है। दूसरे कुएं के पानी पर लगभग पूरा मोहल्ला निर्भर है। कहा कि हर सुबह कोई न कोई कुएं में वाटर पंप लगाता है, कुछ लोग पाइप जोड़ते हैं। तब घरों तक पानी पहुंचता है। सुबह के दो घंटे इसी काम में लगते हैं। शारदा ने कहा कि बार-बार कुएं से पानी निकालना हर किसी के लिए संभव नहीं होता। बताया कि पड़ोसी राजेंद्र पटेल के घर समर्सिबल लगा है। जरूरत पड़ने पर लोग उनके घर से पानी लेते हैं। संजय श्रीवास्तव बोले, जलकल का टैंकर आता है लेकिन उससे जरूरत पूरी नहीं हो पाती है। रामसरिक यादव ने बताया कि कुछ लोगों के घरों में सरकारी पानी आता है लेकिन एकदम गंदा। उसे न पी सकते हैं न किसी काम में इस्तेमाल कर सकते हैं। नागरिकों के अनुसार पानी के साथ अतिक्रमण भी बड़ी समस्या बन गई है। सब्जी मंडी के दुकानदार सड़कों पर अतिक्रमण कर लेते हैं। इसे लेकर आए दिन मारपीट होती है। गलियों में बह रहा सीवर राजकिशोर, राजेश कुमार सिंह ने ध्यान दिलाया कि सीवर लाइन की सफाई नहीं होती है। सीवर गलियों में बहता है। कई लोगों के घरों के सामने सीवेज लगा हुआ है। घरों से निकलना मुश्किल होता है। रामसरिक यादव, अक्षरनाथ, दीपक बोले, बारिश के दिनों में समस्या बढ़ जाती है। सीवर की सफाई नहीं होने से जलजमाव होता है। दुर्गंध असहनीय हो जाती है। इस माहौल में मच्छर और बीमारियों का भी खतरा मंडराने लगता है। राजकिशोर ने कहा कि बारिश शुरू होने के पहले सीवर लाइन की सफाई हो जाए तो बहुत सुकून मिलेगा। जल्द बने फुट ओवरब्रिज राजेंद्र कुमार, श्रीनिवास, किरन पटेल ने ध्यान दिलाया कि तुलसीपुर से महमूरगंज जाने के लिए पुरानी क्रॉसिंग के पास फुटओवर ब्रिज बनाने की योजना बनी है। उसे हरी झंडी भी मिल गई है। इध कई दिनों से काम शुरू होने की बात चल रही है लेकिन अब तक अफसरों को नारियल फोड़ने का मुहूर्त शायद नहीं मिला है। जबकि, पूरे क्षेत्र के लिए एफओबी बहुत बड़ी आवश्यकता है। राजकिशोर आदि ने कहा कि अभी मंडुवाडीह या महमूरगंज जाने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। जाम भी लगता है। सफाई-कूड़ा उठान सड़कों तक तुलसीपुर के बाशिंदों के मुताबिक स्वच्छता अभियान सड़क पर दिखता है। गलियों में न झाड़ू लगती है न कूड़ा उठता है। सफाईकर्मी सड़क पर झाड़ू लगाकर चले जाते हैं। क्षेत्र में कूड़े का कंटेनर भी नहीं है। लोग जहां-तहां कूड़ा लगा देते हैं। छुट्टा पशु उन्हें फैला देते हैं, फिर वह कचरा मुसीबत बन जाता है। बृजेश विश्वकर्मा और राजेन्द्र कुमार ने कहा कि स्वच्छता सर्वे के दौरान गलियों की दुर्दशा देखने टीम नहीं आती वरना नगर निगम की पोल खुल जाती। सब्जी-मीट विक्रेता फैलाते कचरा पुरानी रेलवे क्रॉसिंग के पास मीट की कई गुमटियां हैं। विक्रेता मौके पर ही गंदगी छोड़ देते हैं। रामसरिक यादव ने बताया कि पहले एक लेन तय थी लेकिन मीट विक्रेता अपनी लेन छोड़कर सब्जी मंडी के आसपास दुकानें लगाते हैं। उनकी लापरवाही से मीट की दुकानें देखकर नाक दबाने वाले राहगीरों को अधिक दिक्कत होती है। अक्षरनाथ, दीपक ने कहा कि सब्जी विक्रेता भी कचरा फैलाते हैं। इसकी सफाई नहीं होती। गंदगी की दुर्गंध भी परेशान करती है। घरों तक लटक रहे तार अशोक कुमार, नीलम, सुधा देवी ने दिखाया कि बिजली के तार गलियों से होकर घरों की छतों तक गुजरे हैं। कई जगह वे नीचे लटक रहे हैं। उनमें अक्सर शार्ट सर्किट से बिजली आपूर्ति बाधित होती है। राजेश कुमार सिंह ने कहा कि पर्याप्त पोल न होने से तार घरों के सहारे दौड़ाए गए हैं। कई बार शिकायत हुई लेकिन समाधान नहीं मिला। नागरिकों ने कहा कि विभाग तार दुरुस्त करा दे तो बरसात के दिनों में करंट का खतरा नहीं रहेगा। सुझाव और शिकायतें सुझाव 1- पचपेड़वा, तुलसीपुर में पेयजल की पाइप लाइन बिछाई जाए ताकि शुद्ध पेयजल मिल सके। नगर निगम को टैंकरों की संख्या बढ़ानी चाहिए। 2- सब्जी मंडी की सड़क से अतिक्रमण हटाया जाए ताकि आवागमन में परेशानी न हो। सब्जी विक्रेता सफाई का भी ध्यान रखें। 3-पुलिस की नियमित गश्त हो। इससे चोरी की घटनाओं पर रोक लगेगी। भय का माहौल खत्म होगा। 4- रेलवे क्रासिंग से महमूरगंज सड़क की मरम्मत कराई जाए। मरम्मत में गुणवत्ता का ध्यान दिया जाए ताकि सड़क जल्द न खराब हो। 5- जरूरत के अनुसार पोल लगाए जाएं। गलियों और छतों से बिजली के तार हटाएं जाएं। शिकायतें 1- पेयजल की पाइप लाइन खराब होने से वर्षों से शुद्ध पानी नहीं मिल रहा है। बिजली न रहने पर एकमात्र सबमर्सिबल भी साथ नहीं देता। 2- सब्जी विक्रेता सड़क पर अतिक्रमण करते हैं। इससे आवागमन में परेशानी होती है। 3- पुलिस गश्त न होने से आए दिन चोरी की घटनाएं होती हैं। लोगों में भय का माहौल है। 4- रेलवे क्रासिंग से महमूरगंज तक सड़क क्षतिग्रस्त है। खराब रास्ते पर संभलकर न चलने पर दुर्घटना होती रहती है। 5- गलियों में बिजली के तार लटक रहे हैं। कई लोगों के घरों से तार गए हैं। क्षेत्र में पर्याप्त पोल नहीं लगा है। बारिश के दिनों में करंट का खतरा रहता है। हमें भी सुनें नगर निगम में शामिल होने के बाद पेयजल समस्या दूर होने की उम्मीद थी लेकिन तीन साल बाद भी समस्या है। - राजेंद्र पटेल मोहल्ले के एक कुएं से लोग पानी ले रहे हैं। बार-बार पानी निकालना हर किसी के लिए संभव नहीं है। - दीपक श्रीवास्तव कुछ घरों में सरकारी पानी आता है लेकिन इतना गंदा कि उसका किसी काम में भी इस्तेमाल नहीं हो पाता। - रामसरिक यादव कई घरों के सामने सीवेज जमा है। ऐसे में लोगों का निकलना मुश्किल होता है। बदबू से भी परेशान हैं। - राजेश कुमार सिंह बिजली के तार गलियों से लेकर छतों से गुजर रहे हैं। कई जगह नीचे लटक रहे हैं। - संजय श्रीवास्तव पुरानी रेल क्रॉसिंग के पास फुटओवर ब्रिज का निर्माण जल्द से जल्द हो ताकि आवागमन सुगम हो सके। - राजकिशोर मीट विक्रेताओं को मौके पर ही गंदगी छोड़ देने से रोका जाए। न मानने पर कड़ी कार्रवाई हो। -शारदा सब्जी मंडी की सड़क अतिक्रमण से मुक्त की जाए। उस कारण अक्सर मारपीट होती है। - सुधा देवी पुलिस गश्त न होने से चोरों और असामाजिक तत्वों के हौसले बुलंद रहते हैं। चोरी अक्सर होती है। - नीलम स्वच्छता अभियान सड़क पर ही दिखता है। गलियों में न सफाई हो रही न ही कूड़ा उठता है। - अशोक कुमार बोले जिम्मेदार गश्त के लिए करेंगे निर्देशित स्थानीय थाने को पुलिस गश्त के लिए निर्देशित किया जाएगा। चोरी की घटनाओं पर लगाम लगे, इसके लिए हल्का दरोगा और चौकी प्रभारी की जिम्मेदारी तय होगी। - संजीव शर्मा, एसीपी रोहनिया

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