वक्फ बिल 40 करोड़ मुसलमानों के अधिकार छीनने की कोशिश, ईद की नमाज के बाद बोले संभल सांसद बर्क
ईद पर संभल सांसद जियाउर्रहमान बर्क काली पट्टी बांधकर ईदगाह पहुंचे। इस दौरान उन्होंने वक्फ विधेयक का तीखा विरोध करते हुए कहा कि यह 40 करोड़ मुसलमानों का अधिकार छीनने वाला है। उन्होंने संसद में मजबूती से आवाज उठाने की बात कही।

ईद-उल-फितर के अवसर पर सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने ईदगाह में नमाज अदा की और इस दौरान वक्फ बिल को लेकर सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि यह बिल 40 करोड़ मुसलमानों के हकों को छीनने वाला है और वह इसका हर स्तर पर विरोध करेंगे। संसद में, सड़क पर और जरूरत पड़ने पर कोर्ट में भी। उन्होंने सवाल उठाया कि जब अन्य त्योहार सड़क पर मनाए जा सकते हैं तो नमाज अदा करने में क्या परेशानी है।
सांसद बर्क ने कहा कि जुमातुल अलविदा के मौके पर बड़ी संख्या में लोगों ने काली पट्टी बांधकर विरोध जताया, हालांकि ईद-उल-फितर के दिन यह संदेश पूरी तरह प्रसारित नहीं हो सका। बावजूद इसके, लोग इस बिल के खिलाफ एकजुट हैं और इसका पुरजोर विरोध जारी रहेगा। उन्होंने साफ कहा, मैं कल से संसद में अपनी पार्टी के साथ मजबूती से इस बिल का विरोध करूंगा। सांसद बर्क ने सड़क पर नमाज को लेकर उठ रही आपत्तियों की कड़ी निंदा की और कहा कि देश का संविधान धार्मिक स्वतंत्रता प्रदान करता है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब सड़कों को बंद कर त्योहार मनाए जा सकते हैं तो फिर मात्र 10 मिनट की नमाज पर आपत्ति क्यों?
उन्होंने इसे 'दोहरे मापदंड' का उदाहरण बताया और कहा कि यदि जनता के अधिकारों का हनन होगा तो वे हर मंच से उनकी आवाज बुलंद करेंगे। सांसद ने कहा कि काली पट्टी बांधकर शांतिपूर्ण विरोध करना लोकतंत्र में कानूनी अधिकार है। उन्होंने कहा कि हम मेमोरेंडम भी देंगे, धरना भी करेंगे और सदन में भी विरोध भी। हमें इस पर कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए, क्योंकि यह हमारा संवैधानिक अधिकार है। बर्क ने स्पष्ट किया कि वे सिर्फ सदन में ही नहीं, बल्कि जरूरत पड़ने पर कोर्ट में भी कानूनी लड़ाई लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि वे अपनी जनता के साथ खड़े हैं और इस बिल को किसी भी हाल में स्वीकार नहीं करेंगे।