इन कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर, योगी सरकार ने सात गुना बढ़ाया मानदेय, चतुर्थ श्रेणी कर्मियों को भी राहत
समाज कल्याण विभाग ने गुरुवार को अनुसूचित जाति छात्रावासों व पुस्तकालयों में कार्यरत अधीक्षक, प्रबंधकों, पुस्तकालयाध्यक्ष, चतुर्थ श्रेणी व सफाई कर्मियों के मानदेय में सात गुना तक की बढ़ोत्तरी की है।

समाज कल्याण विभाग ने गुरुवार को अनुसूचित जाति छात्रावासों व पुस्तकालयों में कार्यरत अधीक्षक, प्रबंधकों, पुस्तकालयाध्यक्ष, चतुर्थ श्रेणी व सफाई कर्मियों के मानदेय में सात गुना तक की बढ़ोत्तरी की है। श्रम विभाग की ओर से निर्धारित की गई व्यवस्था के अनुसार इन्हें अब मानदेय दिया जाएगा। स्वैच्छिक संस्थाओं के माध्यम से आर्वतक सहायता प्राप्त 32 अनुसूचित जाति संस्थानों का संचालन किया जा रहा है। यहां अनुसूचित जाति-जनजाति व विमुक्त जाति के बच्चों के लिए यह छात्रावास संचालित किए जा रहे हैं।
अभी तक अधीक्षक व प्रबंधक को तीन हजार रुपये मासिक मानदेय दिया जाता था। अब इसमें चार गुना तक की बढ़ोत्तरी कर इसे 12661 रुपये कर दिया गया है। ऐसे ही पुस्तकालय अध्यक्ष को अभी तक 2000 रुपये मासिक मानदेय मिलता था और अब इसमें छह गुना तक की बढ़ोत्तरी कर इसे 12661 कर दिया गया है। ऐसे ही रसोइया का तीन हजार रुपये से बढ़ाकर 11303 रुपये प्रति महीने मानदेय किया गया है। यानी इसमें चार गुना तक की बढ़ोतरी की गई है।
वहीं सफाई कर्मियों व चतुर्थ श्रेणी कर्मियों को जिन्हें अभी तक केवल 1500 रुपये मानदेय मिलता था अब उन्हें 10275 रुपये मासिक मानदेय दिया जाएगा यानी इनके मानदेय में सात गुणा तक की बढ़ोत्तरी कर दी गई है। राज्य सरकार ने सामाजिक न्याय की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। यह निर्णय कर्मचारियों को आर्थिक संबल प्रदान करेगा और उनके मनोबल भी बढ़ेगा।
वृद्ध कलाकारों की पेंशन बढ़कर 4 हजार मासिक होगी
यूपी के कलाकारों के लिए अच्छी खबर है। संस्कृति विभाग उनके लिए कलाकार कल्याण बीमा योजना शुरू करेगा। सभी पंजीकृत कलाकारों को कार्यक्रम आवंटित करने की प्रक्रिया भी पारदर्शी होगी। साथ ही वृद्ध कलाकारों की पेंशन राशि भी दो हजार से बढ़ाकर 4000 रुपये की जाएगी। यह महत्वपूर्ण निर्देश गुरुवार को प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दिए। पर्यटन भवन में विभागीय समीक्षा बैठक में चहेते कलाकारों को मनमाने ढंग से कार्यक्रम आवंटित किए जाने पर कड़ी नाराजगी जताई।
उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि कलाकारों के पंजीकरण से लेकर कार्यक्रम आवंटित एवं भुगतान किये जाने तक की सम्पूर्ण प्रक्रिया पारदर्शी बनायी जाये। किसी भी कलाकार को कार्यक्रम आवंटित करते समय इस संबंध में जारी शासनादेश का 100 फीसदी पालन सुनिश्चित किया जाए। कार्यक्रमों के आवंटन में भेदभाव पाए जाने पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराकर जेल भेजा जाएगा। कई प्रकरणों में स्थापित प्रक्रिया का पालन न किये जाने पर गहरी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने भविष्य में ऐसा न किये जाने के लिए चेतावनी भी दी।