2100 newborns got new life due to mother affectionate touch premature delivery threat to lives मां के ममतामयी स्पर्श से 2100 नवजातों को नई जिंदगी, प्री मैच्योर डिलीवरी से बना था जान का खतरा, Uttarakhand Hindi News - Hindustan
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मां के ममतामयी स्पर्श से 2100 नवजातों को नई जिंदगी, प्री मैच्योर डिलीवरी से बना था जान का खतरा

इसके अलावा जिन बच्चों को संक्रमण होता है, उन्हें लंबे समय तक इंजेक्शन भी दिए जाते हैं। स्टेप डाउन में एक सप्ताह से लेकर एक महीने तक भी बच्चे एवं मां को भर्ती रखा जाता है

Himanshu Kumar Lall हिन्दुस्तान, देहरादून। चांद मोहम्मदThu, 15 May 2025 09:34 AM
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मां के ममतामयी स्पर्श से 2100 नवजातों को नई जिंदगी, प्री मैच्योर डिलीवरी से बना था जान का खतरा

प्री मैच्योर डिलीवरी, कम वजन वाले एवं संक्रमण का शिकार बच्चों के लिए मां की छाती का स्पर्श उन्हें जिंदगी की गर्माहट दे रहा है। दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल की 31 बेड की निक्कू यूनिट में संचालित नौ बेड के स्टेप डाउन में हर माह 70 ऐसे नवजातों को भर्ती करके कंगारू मदर केयर यानि केएमसी दिलाई जा रही है। केएमसी में मां बच्चे को 24 में करीब 20 घंटे तक अपनी छाती से चिपकाकर रखती है।

इसके अलावा जिन बच्चों को संक्रमण होता है, उन्हें लंबे समय तक इंजेक्शन भी दिए जाते हैं। स्टेप डाउन में एक सप्ताह से लेकर एक महीने तक भी बच्चे एवं मां को भर्ती रखा जाता है। शुरू होने से ढ़ाई साल के भीतर यहां पर 2100 नवजात को स्टेप डाउन में रखा गया है। अच्छी बात यह है कि एक भी बच्चे की मौत नहीं हुई है। बेहद गंभीर बच्चों को निक्कू वार्ड में इलाज देने के बाद भी यहां रखा जाता है।

मां की गर्माहट से बढ़ता है वजन, होता है विकास

निक्कू वार्ड के इंचार्ज प्रो. डॉ. अशोक कुमार बताते हैं कि जब किसी महिला की प्री-मैच्योर डिलीवरी होती है या शिशु का जन्म कम वजन में होता है तो इस अवस्था में केएमसी काफी कारगर है। इसमें नवजातों को मां की प्राकृतिक गर्माहट दी जाती है। इससे उनकी ग्रोथ बेहतर होती है और वजन तेजी से बढ़ता है। स्टेप डाउन में मां शांत माहौल में बच्चे को अपनी छाती से चिपकाकर भावनात्मक सपोर्ट देती है। डॉक्टरों एवं नर्सिंग स्टाफ की तरफ से भी बेहतर देखभाल होती है।

डॉक्टरों और नर्सिंग अधिकारियों की अहम भूमिका

बाल रोग विभाग की निक्कू यूनिट में 13 निक्कू, नौ एसएनसीयू व नौ स्टेप डाउन में बेड हैं। एचओडी प्रो. डॉ. नूतन सिंह, निक्कू प्रभारी प्रो. डॉ. अशोक कुमार, डॉ. मेजर गौरव मुखीजा, डॉ. तन्वी सिंह, डॉ. आयशा इमरान, डॉ. कुलदीप, डॉ. बनीता नेगी, डॉ. आस्था भंडारी, डॉ. पूजा समेत सात पीजी एवं जेआर की अहम भूमिका है।

इसके अलावा नर्सिंग इंचार्ज हेमंती नेगी की अगुआई में 14 नर्सिंग अधिकारी मनोयोग से नवजातों की देखरेख में लगे हैं। यहां पूर्व नर्सिंग इंचार्ज एसएनओ मीनाक्षी जखमोला एवं उनकी टीम का इसके ढ़ाई साल संचालन में अहम योगदान रहा। प्राचार्य डॉ. गीता जैन, एमएस डॉ. आरएस बिष्ट, डीएमएस डॉ. एनएस बिष्ट ने बाल रोग विभाग के डॉक्टरों एवं स्टाफ की सराहना की।

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