235 historical forts and 168 forts discovered in Uttarakhand ये तो छिपा खजाना है! उत्तराखंड में मिले 403 ऐतिहासिक किले, स्पेस सेंटर ने खोजा, Uttarakhand Hindi News - Hindustan
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ये तो छिपा खजाना है! उत्तराखंड में मिले 403 ऐतिहासिक किले, स्पेस सेंटर ने खोजा

उत्तराखंड के अलग-अलग जगहों पर 400 से ज्यादा ऐतिहासिक किले और गढ़ मिले हैं। इन किलों को उत्तराखंड अंतरिक्ष केंद्र ने कई सालों की स्टडी के बाद खोजा है।

Anubhav Shakya लाइव हिन्दुस्तान, अल्मोड़ाThu, 19 June 2025 08:07 AM
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ये तो छिपा खजाना है! उत्तराखंड में मिले 403 ऐतिहासिक किले, स्पेस सेंटर ने खोजा

उत्तराखंड में राज्य की ऐतिहासिक विरासत को दर्शाने वाले 235 गढ़ और 168 किले मौजूद हैं। इसका खुलासा उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र के वैज्ञानिकों ने 15 साल के अध्ययन के बाद किया है। यह किले ऐतिहासिक महत्व के साथ-साथ पारंपरिक संरचनाओं को भी समेटे हुए हैं।

उत्तराखड अपनी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संपदा के लिए जाना जाता है। परमार, कत्यूर, चंद जैसे राजवंशों ने इसके इतिहास को आकार देने में प्रमुख भूमिका निभाई है। राज्य के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को जानने के लिए उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (यूसैक) ने राज्य में मौजूद किलों का अध्ययन किया। 2008 से 2023 तक 15 वर्षों तक वैज्ञानिकों ने राज्य के सभी जिलों में सर्वे कर ऐतिहासिक स्थलों की पहचान की और अध्ययन कर कुल 403 किलों की पुष्टि की। जबकि अब तक लोगों को महज 52 गढ़ और किले होने की जानकारी थी। इनमें 235 गढ़ और 168 किले शामिल हैं।

पौड़ी जिले में सबसे अधिक किले

सबसे अधिक 108 किले पौड़ी गढ़वाल में मौजूद हैं। इसमें गढ़ों की संख्या 81 और किलों की संख्या 27 हैं। वहीं, इसके बाद टिहरी में 55 गढ़ और नौ किले और पिथौरागढ़ में 42 किले मौजूद हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि राज्य के इन ऐतिहासिक किलों को संजोने के लिए प्रयास करने की जरूरत है। इस अध्ययन में डॉ. गजेंद्र सिंह, गोविंद सिंह नेगी, डॉ. नवीन चंद्रा आदि शामिल रहे।

पौड़ी में सर्वाधिक किले होने का यह है कारण

अध्ययन में राज्य के पौड़ी जिले में सर्वाधिक 108 किले दर्ज हैं। इसके कई कारण माने जा रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि पौड़ी जिले में स्थित श्रीनगर गढ़वाल राजवंश की राजधानी रही थी। इसके अलावा पौड़ी, कुमाऊं और गढ़वाल क्षेत्र की सीमा पर भी स्थित है। पौड़ी में सर्वाधिक किले होने के पीछे भी यही मुख्य कारण बताए जा रहे हैं।

इन जिलों में भी हैं गढ़ और किले

वैज्ञानिकों के अनुसार, अल्मोड़ा में आठ गढ़ और 29 किले, बागेश्वर में एक गढ़ और 11 किले, चमोली में 15 गढ़ व पांच किले, चम्पावत में 17 किले, देहरादून में 19 गढ़, हरिद्वार में चार गढ़, नैनीताल में 18 किले, रुद्रप्रयाग में 19 गढ़ व तीन किले, उत्तरकाशी में 18 गढ़ व छह किले, ऊधमसिंह नगर में एक किला मौजूद है। वहीं, तीन गढ़ हिमाचल की सीमा और दो गढ़ उत्तर-प्रदेश की सीमा में भी हैं।

यह होते हैं कोट

कोट अथवा किले छोटे और कम जटिल रक्षात्मक ढांचे होते हैं, जो अक्सर गांवों, व्यापार मार्गों या सीमावर्ती क्षेत्रों की सुरक्षा के लिए बनाए जाते थे। ये स्थानीय स्तर पर रक्षा और निगरानी के लिए उपयोगी थे। कोट का आकार और महत्व गढ़ से कम होता था।

उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. गजेंद्र सिंह ने बताया कि 15 सालों तक फील्ड सर्वे कर उत्तराखंड के गढ़ और किलों का अध्ययन किया गया। कुल 403 गढ़ और किले इस अध्ययन में पाए गए। इन ऐतिहासिक किलों को संजोने के लिए प्रयास करने की जरूरत है।

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