सोयाबीन, गहत, सफेद मडुआ की उन्नत किस्में उगाएं
वीपीकेएएस के वैज्ञानिकों ने हवालबाग, सल्ट, स्याल्दे और चौखुटिया के ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा किया। उन्होंने किसानों को उन्नत तकनीकों जैसे सोयाबीन, गहत और सफेद मडुआ की खेती की जानकारी दी। साथ ही,...
वीपीकेएएस के वैज्ञानिकों ने हवालबाग, सल्ट, स्याल्दे और चौखुटिया के ब्लॉकों का दौरा किया। ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर किसानों को उन्नत तकनीकों की जानकारी दी। सोयाबीन, गहत, सफेद मडुआ की उन्नत किस्में उगाकर आजीविका बढ़ाने का आह्वान किया। ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत डॉ पंकज कुमार मिश्रा, डॉ. अनुराधा भारतीय व डॉ. गौरव वर्मा के दल ने हवालबाग के चौना व रनखिला गावों का भ्रमण कर उन्हें योजनाओं, वन्यजीवों से सुरक्षा, बीज की उन्नत किस्मों, संरक्षण आदि के बारे में बताया। चौना में संस्थान के निदेशक डॉ. लक्ष्मी कांत व मुख्य उद्यान अधिकारी डॉ. नरेंद्र कुमार ने भी खेती व बागवानी की जानकारी दी।
किसानों ने वन्यजीवों से होने वाले नुकसान चिंता व्यक्त की। डॉ. राजेश कुमार खुल्बे, डॉ. अमित कुमार और देव सिंह पंचपाल की टीम ने सल्ट के कुणीधार, नाहटनौला, सिवनलीहीट, बसीसीमार, मनसुभाखली व क्वेराला, डॉ. दिनेश जोशी, डॉ. प्रियंका खाती व डॉ. देवेंदर शर्मा ने चौखुटिया के रामपुर और भगोटी में भ्रमण किया। डॉ. अशोक कुमार, डॉ. जय प्रकाश आदित्य व धीरज दुबे के नेतृत्व में टीम ने इंटर कॉलेज मालीखेत में भ्रमण कर लाल धान की खेती पर जोर दिया। खरीफ मौसम के लिए सोयाबीन, गहत, कुल्थ, सफेद मडुआ आदि की उन्नत किस्मों की जानकारी भी दी। भारत-चीन सीमा से लगे इलाकों में भी गए अल्मोड़ा। वीपीकेएएस के वैज्ञानिकों ने भारत-चीन सीमा पर स्थित नीती और गमशाली जैसे दूरस्थ गांवों में भी जागरूकता और बुवाई पूर्व प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए। नोडल अधिकारी डॉ. कुशाग्रा जोशी ने बताया कि नीती गांव में वैज्ञानिकों ने मटर की खेती पर बुवाई पूर्व प्रशिक्षण और प्याज सेट्स की उन्नत खेती विधियों का प्रदर्शन किया। गमशाली गांव में भी सब्जियों की उन्नत खेती विधियों और कीट व रोग प्रबंधन की जानकारी दी गई।
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