गोपेश्वर में वेद पुराण, उपनिषद, मर्म चिकित्सा-योग संगोष्ठी में चिंतन
गोपेश्वर, संवाददाता। --क्रॉसर-- विशेषज्ञों ने गंगा नदी के उद्गम-संरक्षण पर दिया जोर

गोपेश्वर, संवाददाता। --क्रॉसर-- विशेषज्ञों ने गंगा नदी के उद्गम-संरक्षण पर दिया जोर वेद पुराण-उपनिषद् ज्ञान के बारे में किया जागरूक वैदिक ज्ञान विज्ञान, वेद, पुराणों, उपनिषदों में वर्णित दर्शन के साथ ही नदी घाटी सभ्यता पर सोमवार को चिंतन शिविर आयोजित किया गया, जिसमें विशेषज्ञों ने अपनी राय रखी। राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, गोपेश्वर की नमामि गंगे इकाई के द्वारा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस से पूर्व विशेष जन-जागरूकता चिंतन शिविर में विशेषज्ञों ने भारतीय सभ्यता पर विस्तार से अपने विचार रखे। राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, गोपेश्वर के इतिहास विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ एसएस रावत और अंकित आर्य ने भारत की नदी घाटी सभ्यता पर व्याख्यान किया।
शोध पत्रों के आधार पर दोनों विषय विशेषज्ञों ने अपने विचार रखे। मुख्य रूप से गंगा नदी के उद्गम तथा आज की स्थिति में गंगा नदी के संरक्षण के ज्वलंत मुद्दों पर अपने विचारों को व्यक्त किया। वेदाचार्य महादेव भट्ट ने वेद पुराण एवं उपनिषद् के बारे में बताया। योगाचार्य रघुवीर वर्त्वाल ने योग के महत्व एवं उपयोगिता पर अपने विचार रखने के बाद यौगिक क्रियाओं पर अभ्यास करवाया। मर्म चिकित्सा के विशेषज्ञ डॉ राहुल द्वारा मर्म चिकित्सा से जुड़े मुख्य बिंदुओं पर चर्चा की । नोडल अधिकारी डाक्टर सबज सैनी ने बताया कि आयोजन का मुख्य उद्देश्य गंगा नदी के संरक्षण, स्वच्छता एवं भारतीय योग व वैदिक परंपराओं के प्रति आम जनता को जागरूक करना है। मुख्य अतिथि विक्रम सिंह बर्तवाल ने कहा कि भारतीय संस्कृति वैदिक काल से ही समृद्ध रही है, जिसे आज के परिपेक्ष में जानने, समझने और उसका उन्नयन करने की आवश्यकता है। विशिष्ट अतिथि हरि प्रसाद मंमगाई ने कहा कि यदि गंगा का संरक्षण करना जरूरी होने के साथ ही प्लास्टिक पर लगाम लगाने की जरूरत है। इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता बीएड विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो स्वाति नेगी ने की जबकि संचालन डॉ विधि ढौंडियाल ने किया। एडवोकेट महेंद्र रावत, नगर पालिका पार्षद संजय कुमार, डॉ चंद्रावती जोशी, डॉ सरिता पवार, डॉ श्याम लाल बाटियाटा ने योग, जल संरक्षण पर जानकारी दी।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।