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उत्तराखंड के विकासनगर में जमीन बेचने के नाम पर साढ़े तीन करोड़ रुपए ठगे, पांच पर मुकदमा

  • कोतवाली विकासनगर क्षेत्र में भूमाफिया की ओर से एक व्यक्ति से जमीन के नाम साढ़े तीन करोड़ रुपये ठगने का मामला प्रकाश में आया है। आरोप है कि सौदा 64.5 बीघा भूमि का हुआ था, लेकिन उसके नाम पर केवल केवल 16.22 बीघा भूमि की रजिस्ट्री करवाई गई।

Devesh Mishra लाइव हिन्दुस्तान, विकासनगर, हिन्दुस्तानThu, 19 Dec 2024 12:01 PM
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उत्तराखंड के विकासनगर में जमीन बेचने के नाम पर साढ़े तीन करोड़ रुपए ठगे, पांच पर मुकदमा

कोतवाली विकासनगर क्षेत्र में भूमाफिया की ओर से एक व्यक्ति से जमीन के नाम साढ़े तीन करोड़ रुपये ठगने का मामला प्रकाश में आया है। आरोप है कि सौदा 64.5 बीघा भूमि का हुआ था, लेकिन उसके नाम पर केवल केवल 16.22 बीघा भूमि की रजिस्ट्री करवाई गई। तहरीर पर पुलिस ने पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

राजीव आनंद पुत्र गिरीश आनंद निवासी सी-142 नेहरू कॉलोनी देहरादून ने कोतवाली विकासनगर में तहरीर दी है। बताया कि वह कंस्ट्रक्शन का कार्य करता है। वह वर्ष 2022 में निवेश के लिए कुछ भूमि ढूंढ रहा था। इस दौरान परिचित मनित वालिया पुत्र विरेन्दर वालिया निवासी बद्रीपुर देहरादून व शावेज खान पुत्र इनामुल्ला खान निवासी माता मन्दिर रोड देहरादून ने उनका परिचय लाखन सिंह पुत्र हरनन्द निवासी वार्ड नंबर-एक बंसीपुर, एटनबाग हर्बटपुर से कराया।

लाखन सिंह ने उसे बताया कि वह यहां का मूल निवासी है। उसके तथा उसके साथी जगवीर सिंह, मोहम्मद इकराम व इस्तियाक के पास 65 बीघा का एक चक मौजूद है। यह भूमि वाद-विवाद से मुक्त है। बताया कि लाखन सिंह, जगवीर सिंह, मोहम्मद इकराम, इस्तियाक व अब्दुल कादिर ने अपने व परिवार के नाम की खतौनी भी दिखाई। बताया कि इसके बाद उनके बीच 32 लाख 70 हजार रुपये प्रतिबीघा की दर से कुल 64.5 बीघा भूमि का सौदा तय हुआ। लाखन सिंह ने प्रतीतपुर कल्याणपुर में एक भूमि का चक दिखाया गया। जिसका विक्रय पत्र जुलाई 2024 तक किया जाना तय पाया गया।

पीड़ित के मुताबिक, उसने लाखन सिंह को कुल 88323500 रुपये (आठ करोड़ 83 लाख तेईस हजार पांच सौ रुपये) का भुगतान दिसम्बर 2023 तक कर दिया था। जिसके एवज में लाखन सिंह ने उनके पक्ष में केवल 16.22 बीघा भूमि हस्तांतरित की। जिसकी कीमत 5 करोड़ 30 लाख रुपये बैठता है। बताया कि जब उसने अन्य भूमि के बारे में पूछा तो उन्होंने कुछ समय मांगा। शक होने पर जब उसने उप निबन्धक कार्यालय व तहसील आदि में अपने स्तर पर जानकारी एकत्रित की तो वह दंग रह गया। पता चला कि लाखन अनुसूचित जाति का है। उसने फर्जी दस्तावेज बनाकर खुद को सामान्य वर्ग का दर्शाकर जमीनें बेची हैं। साथ ही जिस भूमि का अनुबंध उनके साथ हुआ था, उसके विक्रय पत्र अपने, जगवीर सिंह, मोहम्मद इकराम, इस्तियाक व अब्दुल कादिर के नाम खरीद ली। रास्ते की भूमि रोहित नेगी व संजय अग्रवाल के नाम रजिस्ट्री करा ली है। कहा कि सबने मिलकर उसके तीन करोड़ रुपये हड़प लिए हैं। पूछने पर वह उसे जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। कोतवाल राजेश साह ने बताया कि सभी पांचों आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है।

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