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देहरादून की इस बस्ती के लोगों से क्यों मांगे गए घरों के कागज? नगर निगम ने भेजा नोटिस

अवैध निर्माण को चिह्नित करने के लिए चार टीमें गठित की गईं। इसमें नगर निगम, जल संस्थान, राजस्व विभाग, एमडीडीए, सिंचाई विभाग के अधिकारी और कर्मचारी शामिल थे। सर्वे का काम कुछ समय पहले पूरा हो चुका है।

Utkarsh Gaharwar हिन्दुस्तान, देहरादूनMon, 2 June 2025 09:04 AM
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देहरादून की इस बस्ती के लोगों से क्यों मांगे गए घरों के कागज? नगर निगम ने भेजा नोटिस

बिंदाल नदी के किनारे की बस्तियों के लोगों को घरों से संबंधित कागजात दिखाने के लिए नगर निगम की ओर से नोटिस जारी किए गए हैं। नोटिस मिलने के बाद 15 दिनों के भीतर अभिलेख जमा कराने होंगे। दस जून से कमेटी अभिलेखों की जांच करेगी,इसके बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी। बिंदाल नदी के किनारे 11 मार्च 2016 के बाद हुए अवैध निर्माण को चिह्नित करने के लिए नगर निगम की ओर से अभियान चलाया गया था।

अवैध निर्माण को चिह्नित करने के लिए चार टीमें गठित की गईं। इसमें नगर निगम, जल संस्थान, राजस्व विभाग, एमडीडीए, सिंचाई विभाग के अधिकारी और कर्मचारी शामिल थे। सर्वे का काम कुछ समय पहले पूरा हो चुका है। इसके तहत करीब 873 मकान चिह्नित करके इन पर निशानदेही की गई थी।

अब नगर निगम की ओर से इनमें रहने वाले लोगों को नोटिस दिए जा रहे हैं। इसके बाद उप नगर आयुक्त की अध्यक्षता में बनी कमेटी कागजों की जांच करेगी। नोटिस के माध्यम से लोगों को अपना पक्ष रखने का मौका दिया जा रहा है। लोग तय तिथि 11 मार्च 2016 से पहले का पानी और बिजली का बिल जमा करा सकते हैं। नगर आयुक्त नमामी बंसल ने कहा कि लोग गाइडलाइन के मुताबिक मकान के निर्माण से संबंधित दस्तावेज तय समय के भीतर जमा कराएं।

विपक्षी दलों और विभिन्न संगठनों ने रविवार को नगर निगम को ईमेल के माध्यम से पत्र भेजकर मांग की कि बस्तियों में जिन लोगों के मकान चिन्हित किए हैं उनमें रहने वाले लोगों को साक्ष्य उपलब्ध करवाने का पूरा मौका मिलना चाहिए। केवल बिजली-पानी के बिलों को ही आधार नहीं बनाया जाए, ताकि लोग बेघर नहीं हों।

इसके अलावा बड़े अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने,पुनर्वास की व्यवस्था करने,मुआवजा देने की मांग की है। पदाधिकारियों का कहना है कि बिंदाल और रिस्पना नदी के किनारे फ्लैट, होटल आदि के अलावा सरकारी विभागों के स्तर से हुए अतिक्रमण को लेकर सर्वेक्षण नहीं हुआ। पत्र भेजने वालों में सपा के राष्ट्रीय सचिव डॉ एसएन सचान,भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय कौंसिल सदस्य समर भंडारी, उत्तराखंड सर्वोदय मंडल से हरबीर सिंह कुशवाहा, चेतना आंदोलन से विनोद बडोनी व शंकर गोपाल,उपपा से नरेश नौडियाल आदि शामिल हैं।

मकानों के अभिलेखों की जांच के बाद ही स्थिति होगी स्पष्ट

विभागीय सूत्रों के अनुसार रिस्पना और बिंदाल नदी के किनारे कई लोग एक से ज्यादा मकान भी बना चुके हैं। कुछ मकानों में किरायेदार रखे जा रहे हैं। अभिलेखों की जांच के बाद इसे लेकर स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। साथ ही डाटा बैंक बनाने में बड़ी मदद मिलेगी।

स्टाम्प पेपर पर बेचने लगे मकान

अवैध निर्माण ध्वस्त होने के डर से कई लोग मकान स्टाम्प पेपर पर बेचने लगे हैं। इसका खमियाजा खरीदने वाले लोगों को भुगतना पड़ रहा है। बिजली-पानी का कनेक्शन रिन्यू होने या नया कनेक्शन लेने वालों पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है। कई लोग मांग कर रहे हैं कि पूर्व में जो लोग मकान में रह रहे थे, उनके अभिलेख भी साक्ष्य के तौर पर मान्य हों, लेकिन नगर निगम ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि नियम के तहत ही इस मामले में निर्णय लिया जाएगा।

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