लेखक गांव प्रकृति, संस्कृति और पर्यावरण की समृद्ध पाठशाला:निशंक
विश्व पर्यावरण दिवस पर, लेखक गांव थानों में छात्रों ने पर्यावरण विशेषज्ञों के साथ नेचर वॉक और क्विज प्रतियोगिता में भाग लिया। मुख्य अतिथि शोभाराम प्रजापति ने पर्यावरण के प्रति प्रेम को महत्व दिया। डॉ....

विश्व पर्यावरण दिवस पर गुरुवार को लेखक गांव थानों में विभिन्न स्कूलों कॉलेजों के छात्र-छात्राओं के साथ पर्यावरण विशेषज्ञ, वैज्ञानिकों, प्रकृति एवं पर्यावरण प्रेमियों द्वारा नेचर वॉक एवं पर्यावरण पर क्विज प्रतियोगिता के माध्यम से छात्र-छात्राओं को पर्यावरण के प्रति जागरूक किया गया। प्रतिभागियों ने वन विभाग विश्रामगृह थानों से लेखक गांव तक नेचर वॉक किया। मुख्य अतिथि माटी कला बोर्ड उपाध्यक्ष शोभाराम प्रजापति ने कहा कि पर्यावरण तभी सुरक्षित रह सकता है। जब व्यक्ति प्रकृति और अपनी माटी से प्रेम करे। मिट्टी जीवन का सार है, जो मनुष्यों, विभिन्न प्रकार की जीव- जंतुओं और पादपों व पेड़- पौधों का पोषण करती हैं।
नेचर साइंस निदेशक डॉ. रमन कुमार ने कहा कि मानव जीवन में प्लास्टिक पूरी तरह घुसपैठ कर चुका है। इसे हर हालत में बंद करना होगा। ग्राफिक एरा वैज्ञानिक डॉ. बीपी उनियाल, लेखक सौम्या प्रसाद ने छात्र-छात्राओं को घरेलू प्लास्टिक कचरे से प्लास्टिक ब्रिक बनाने को प्रेरित किया। लेखक गांव के संरक्षक पूर्व केन्द्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने कहा लेखक गांव प्रकृति, संस्कृति और पर्यावरण की पाठशाला है। यहां स्थापित संजीवनी, जैन, नक्षत्र और नवग्रह वाटिका में युवाओं एवं छात्र-छात्राओं को जरूर भ्रमण करना चाहिए। मौके पर आशीष गर्ग, ओपी मिनोचा, डॉ. राजेश नैथानी, प्रो. आरसी सुंदरियाल, प्रो. सर्वेश उनियाल, सनराइज एकेडमी की प्रबंध निदेशक पूजा पोखरियाल, डॉ. नीरजा कुकरेती, डॉ. शिवचरण नौटियाल, चेतन गौड़, डॉ. बैचेन कंडियाल, डॉ. इंदु नवानी मौजूद रहे। संचालन आशना नेगी ने किया।
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