देहरादून में बिना जमीन रिकॉर्ड के बांट दिए बिजली कनेक्शन, 300 मामलों में सामने आया फर्जीवाड़ा
यूपीसीएल ने जमीनों के दस्तावेजों के बिना ही 300 से अधिक बिजली कनेक्शन जारी कर दिए हैं। विद्युत नियामक आयोग ने मामला संज्ञान में आने पर यूपीसीएल मैनेजमेंट को कड़ी फटकार लगाई। अब इस मामले में सख्त कार्रवाई के साथ ही जुर्माने की भी तैयारी है।

बिजली कनेक्शन जारी करने के मामले में यूपीसीएल के स्तर पर लगातार गड़बड़ियां, अनियमितताएं जारी हैं। यूपीसीएल ने जमीनों के दस्तावेजों के बिना ही 300 से अधिक बिजली कनेक्शन जारी कर दिए हैं। विद्युत नियामक आयोग ने मामला संज्ञान में आने पर यूपीसीएल मैनेजमेंट को कड़ी फटकार लगाई। अब इस मामले में सख्त कार्रवाई के साथ ही जुर्माने की भी तैयारी है।
यूपीसीएल ने रुद्रपुर, हल्द्वानी, काशीपुर, चंपावत, रामनगर, बाजपुर, सितारगंज, खटीमा में बिना जमीनों का स्वामित्व साबित करने वाले दस्तावेज दिखाए बिना बिजली के कनेक्शन जारी किए। कनेक्शन जारी करने में विद्युत नियामक आयोग के रेगुलेशन 2020 का सीधे तौर पर उल्लंघन किया। जिसमें बिना भू स्वामित्व दस्तावेजों के बिजली कनेक्शन जारी करने पर प्रतिबंध लगाया गया है। इसके बावजूद यूपीसीएल ने कनेक्शन जारी करने में इन नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई।
यूपीसीएल ने मनमाने तरीके से तीन गुना अधिक सिक्योरिटी जमा करवा कर 300 से अधिक प्राइवेट ट्यूबवेल के कनेक्शन जारी कर दिए। जैसे ही मामला विद्युत नियामक आयोग के संज्ञान में आया तो एमडी यूपीसीएल, निदेशक ऑपरेशन, चीफ कुमाऊं, चीफ रुद्रपुर, एसई हल्द्वानी, काशीपुर, चंपावत, रुद्रपुर समेत अधिशासी अभियंता रामनगर, काशीपुर, बाजपुर, चंपावत, सितारगंज, खटीमा, रुद्रपुर को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया। अब पूरे मामले में सुनवाई हो चुकी है। आयोग ने निर्णय सुरक्षित रख लिया है। इस मामले में यूपीसीएल पर कार्रवाई के साथ भारी जुर्माना लगाने की तैयारी है।
पहले भी बड़े पैमाने पर हुए हैं घपले
यूपीसीएल के काशीपुर, रुद्रपुर, बाजपुर, रामनगर डिवीजन में बिजली कनेक्शन देने के साथ ही बिजली लाइन, ट्रांसफर लगाने के मामले में बड़े पैमाने पर घपले हो चुके हैं। इन घपलों की पुष्टि यूपीसीएल के स्तर पर कराई गई जांच तक में हो चुकी है। अधीक्षण अभियंता की जांच रिपोर्ट में साफ किया गया था कि अधिशासी अभियंता से लेकर अन्य विभागीय इंजीनियरों ने बिल्डरों को लाभ पहुंचाने को यूपीसीएल को नुकसान पहुंचाया। इसके बावजूद इन इंजीनियरों के खिलाफ आज तक कोई सख्त कार्रवाई नहीं हुई। न ही उन्हें ऐसे संवेदनशील क्षेत्रों से हटाया गया।
हिदायत भी नजरअंदाज की
शासन स्तर से भी बिना दस्तावेज बिजली कनेक्शन न देने की सख्त हिदायत जारी की गई है। साफ किया गया है कि बिजली, पानी के कनेक्शन देते समय जमीन के स्वामित्व के दस्तावेज सख्ती के साथ देखे जाएं। किसी भी संदिग्ध को बिना दस्तावेज बिजली, पानी कनेक्शन देने पर कार्रवाई की भी चेतावनी दी गई है। इसके बाद भी अफसर सुध नहीं ले रहे हैं।
विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष एमएल प्रसाद ने बताया कि बिना जमीनों के दस्तावेज देखे बिजली कनेक्शन देना पूरी तरह गलत है। यूपीसीएल के स्तर से प्राइवेट ट्यूबवेल के नाम पर 300 से अधिक बिजली कनेक्शन जारी किए गए हैं। इस मामले में सुनवाई पूरी हो गई है। जल्द निर्णय सार्वजनिक किया जाएगा।
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