उपनल कर्मियों के स्थायीकरण को दस्तावेजी प्रक्रिया शुरू
उत्तराखंड में उपनल कर्मियों के स्थायीकरण के लिए दस्तावेजी प्रक्रिया शुरू की गई है। 25 हजार से अधिक उपनल कर्मियों का डेटा श्रेणीवार तैयार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने शीघ्र स्थायीकरण का आश्वासन दिया...

हल्द्वानी। उत्तराखंड के विभिन्न विभागों में तैनात उपनल कर्मियों के स्थायीकरण को लेकर विभाग ने दस्तावेजी प्रक्रिया शुरू कर दी है। कुशल, अकुशल और उच्चकुशल में श्रेणीवार उनका डेटा तैयार करके भेजा गया है। साथ ही उनके सेवाकाल की अवधि, कार्यरत विभाग और संबंधित विभाग में तैनात कर्मचारियों का डेटा फाइनल कर शासन को भेजा जा रहा है। प्रदेश में 25 हजार से अधिक उपनलकर्मी तैनात हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कुछ समय पहले उपनल के तहत विभागों में कार्यरत कर्मचारियों के स्थायीकरण की प्रक्रिया शीघ्र पूरी करने का आश्वासन दिया था। इसी क्रम में अब कुमाऊं और गढ़वाल मंडल के परियोजना कार्यालय से उपनल कर्मचारियों के सेवाकाल की कुंडली तैयार की जा रही है।
अधिकारियों के मुताबिक तीन श्रेणियों कुशल, अकुशल और उच्चकुशल में कर्मचारियों का डाटा तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा उनके सेवाकाल की अवधि पांच, दस और 15 साल के हिसाब से सूची तैयार की जा रही है। साथ ही कर्मचारी किन विभागों में तैनात हैं, इसका डाटा भी श्रेणी वाइज मांगा गया है। यह सभी रिपोर्ट परियोजना कार्यालय तैयार कर चुका है, जिसे शासन को भेजा जाएगा। कुमाऊं में 6800 से अधिक कर्मी कुमाऊं मंडल में 6880 और गढ़वाल मंडल में उपनल से तैनात कर्मचारियों की संख्या 18 हजार से अधिक है। यह कर्मचारी शिक्षा, स्वास्थ्य के अलावा प्रत्येक सरकारी कार्यालयों में लंबे समय से तैनात हैं। ये कर्मचारी विभिन्न पदों पर कार्य करते हैं, जिनमें सुरक्षा गार्ड, परिचारक, लैब टेक्नीशियन, कंप्यूटर ऑपरेटर, लिपिक और अधिकारी वर्ग के पद शामिल हैं। कोट: शासन से उपनलकर्मियों के संबंध में जानकारी मांगी गई है। हम पूरा डाटा तैयार कर चुके हैं, जिसे शासन को भेजा जा रहा है। आलोक पांडे, वरिष्ठ क्षेत्रीय परियोजना अधिकारी, उपनल।
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