सौ किलो से अधिक कूड़ा पैदा करने वाले संस्थान को स्वंय करना होगा कूड़े का निष्पादन
नगर आयुक्त नंदन कुमार ने कहा कि सभी प्रतिष्ठानों को जो प्रतिदिन 100 किलोग्राम से अधिक ठोस कचरा उत्पन्न करते हैं, उन्हें गीले कचरे का निष्पादन स्वयं करना होगा। नगर निगम ने 144 बड़े कचरा उत्पादक...

नगर आयुक्त नंदन कुमार ने कहा कि नगर क्षेत्र के सभी ऐसे प्रतिष्ठान जहां प्रतिदिन 100 किलोग्राम से अधिक ठोस कचरा उत्पन्न होता है वह अपने परिसर में उत्पन्न गीले कचरे का निष्पादन स्वयं करें। यह बात उन्होंने मंगलवार को संस्थानों के निरीक्षण के दौरान कही। दरअसल, नगर निगम हरिद्वार द्वारा ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए पिछले दो वर्षों में नगर के 144 बड़े कचरा उत्पादक संस्थानों को 215 कम्पोस्टिंग मशीनें उपलब्ध कराई गई थीं। निगम की स्वच्छता टीम ने उपनगर आयुक्त के नेतृत्व में ऐसे संस्थानों का स्थलीय निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि कुछ प्रतिष्ठान कम्पोस्टिंग मशीनों का प्रयोग सुचारु रूप से कर रहे हैं, जबकि कई स्थानों पर मशीनों का संचालन अपेक्षित स्तर पर नहीं था और सुधार की आवश्यकता थी।
नगर आयुक्त ने बताया कि नगर निगम द्वारा जिन 144 संस्थानों को कम्पोस्टिंग मशीनें उपलब्ध कराई गई थीं, प्रत्येक मशीन की क्षमता लगभग 1000 किलोग्राम जैविक कचरे के निष्पादन की है। नगर आयुक्त ने सभी मुख्य सफाई निरीक्षकों को यह निर्देश भी दिए हैं कि वे अपने-अपने वार्डों में स्थापित कम्पोस्टिंग मशीनों की निगरानी करें और संबंधित प्रतिष्ठानों को मशीनों के सही संचालन के लिए दिशा-निर्देश दें। यदि नियमों का पालन नहीं किया गया तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उप नगर आयुक्त दीपक गोस्वामी के निरीक्षण के दौरान मुख्य सफाई निरीक्षक अर्जुन चौधरी भी मौजूद रहे।
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