बोले हरिद्वार : शिवालिक नगर में पिछले एक महीने से नहीं उठाया जा रहा डोर टू डोर कूड़ा
हरिद्वार के शिवालिक नगर क्षेत्र में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन नहीं होने से लोग परेशान हैं। पिछले एक महीने से सफाईकर्मी नियमित रूप से नहीं आ रहे हैं, जिससे गंदगी फैल गई है। टैक्स देने के बावजूद भी लोग...
हरिद्वार के शिवालिक नगर पालिका क्षेत्र में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन न होने से क्षेत्रवासियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पिछले एक महीने से कई वार्डों में ये समस्या बनी हुई है। आरोप है कि कलेक्शन न होने की वजह से लोगों को खुद ही कूड़ा उठाना पड़ रहा है। जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे हुए हैं, जिससे उठने वाली दुर्गंध से लोगों का सांस लेना भी मुश्किल हो गया है। वहीं, गंभीर बीमारियां फैलने का भी डर बना रहता है। टैक्स देने के बावजूद भी लोगों को कूड़ा उठाना पड़ रहा है। आरोप है कि कई क्षेत्रों में सफाईकर्मी नहीं आते हैं और पैसे देकर लोगों को निजी सफाईकर्मियों से कूड़ा उठवाना मजबूरी बन गया है। आरोप है कि निजी कंपनी के बजाय एनजीओ को कूड़ा कलेक्शन का कार्य सौंपा गया है। हरिद्वार से सचिन कुमार की रिपोर्ट..
हरिद्वार की शिवालिक नगर पालिका घनी आबादी वाला क्षेत्र है। शिवालिक नगर पालिका के 13 वार्डों में करीब 80 हजार की आबादी रहती है। सिडकुल से सटा होने कारण कारण तेजी से आबादी बढ़ रही है। शिवालिक नगर पालिका क्षेत्र के लोगों के अनुसार, उनके वार्डों में कूड़ा कलेक्शन का कार्य नहीं हो रहा है। सफाईकर्मी नियमित रूप से गलियों में सफाई करने नहीं आते। दूरस्थ क्षेत्रों में तो बुरा हाल है। कई जगहों पर न तो नालियों की सफाई कराई जा रही है और न ही सड़कों से कूड़ा उठाया जा रहा है। नवोदय नगर, चिन्मय चौक, शिवालिक नगर तिराहे, टिहरी विस्थापित और सुभाष नगर के आसपास कूड़े के ढेर जमा हो जाते हैं। लोगों का आरोप है कि वो नियमित रूप से टैक्स देते हैं, लेकिन फिर भी घरों से डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन नहीं हो पा रहा है।
लोगों ने बताया कि इससे पहले डीपीएस स्कूल के पास डंपिंग जोन बना दिया गया था जिसके चलते बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। जिसके बाद उन्होंने शिकायत की तो प्रशासन ने जेसीबी से वहां के डंपिंग जोन को बंद करवा दिया। इसके बाद शिवालिक नगर में सामुदायिक केंद्र के पास खाली मैदान में कूड़े की गाड़ियों को खड़ा किया जाने लगा है। जिससे उठने वाली दुर्गंध से लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। बताया कि चिन्मय चौक के पास भी डंपिंग जोन बना दिया गया है। वहां से गुजरने वाले लोगों को गंदगी से परेशानी होने लगी है। इसी तरह नवोदय नगर में भी इसी तरह जगह जगह गंदगी के ढेर जमा हैं। नियमित रूप से सफाईकर्मी आते नहीं हैं और अब उन्हें गंभीर बीमारियां फैलने का डर भी बना रहता है। बताया कि नगर पालिका द्वारा एक एनजीओ को कूड़ा कलेक्शन का काम सौंपा गया है। एनजीओ द्वारा भी उनसे फ़िक्स चार्ज वसूला जाने लगा लेकिन फिर भी नियमित साफ सफाई का कार्य नहीं होता। लोगों को उम्मीद थी कि बोर्ड बैठक के बाद उनकी समस्या का समाधान हो जाएगा, लेकिन इसके बाद भी कूड़ा नहीं उठाया जा रहा है। लोगों की मांग है कि शिवालिक नगर क्षेत्र में डोर टू डोर कूड़ा उठान की व्यवस्था की जाए। जगह जगह बनाए गए डंपिंग जोन बंद किए जाएं और एक निर्धारित स्थान पर डंपिंग जोन बनाकर कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था कर स्थाई समाधान किया जाए।
सुझाव
1. शिवालिक नगर में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन की स्थायी और नियमित व्यवस्था की जाए। नगर पालिका प्रशासन को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए। यह हजारों की आबादी की समस्या है।
2. सभी अनधिकृत डंपिंग जोन को तत्काल हटाया जाए और एक तय स्थान पर ही कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था हो।
3. नगर पालिका में स्थायी सफाईकर्मियों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए, ताकि सभी वार्ड कवर हो सकें।
4. सफाई व्यवस्था की निगरानी के लिए एक स्थानीय समिति गठित की जाए जो हर महीने स्थिति की रिपोर्ट तैयार करें।
5. वार्ड स्तर पर शिकायत दर्ज कराने और समाधान के लिए हेल्पलाइन या मोबाइल ऐप की सुविधा शुरू की जाए। ताकि कूड़ा उठान न होने और सफाई की अन्य समस्या की शिकायत की जा सके।
शिकायतें
1. पिछले एक महीने से कई वार्डों में कूड़ा कलेक्शन पूरी तरह बंद पड़ा है जिससे गंदगी का अंबार लग गया है। कई बार नगर पालिका प्रशासन से शिकायत की गई, लेकिन समाधान नहीं हो पा रहा है।
2. सफाईकर्मी नियमित रूप से गलियों में नहीं आते जिससे नालियों की सफाई और सड़कों से कूड़ा उठाना बंद हो गया है।
3. टैक्स देने के बावजूद लोगों को निजी खर्च पर कूड़ा उठवाना पड़ रहा है, जो सोचनीय है।
4. डंपिंग जोन रिहायशी इलाकों के पास बनाए जा रहे हैं जिससे बदबू और संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया है।
5. कूड़ा कलेक्शन के नाम पर फिक्स चार्ज वसूला जा रहा है, लेकिन काम समय पर और नियमित नहीं हो रहा। कई लोग अपने निजी खर्चे पर घरों का कूड़ा उठवा रहे हैं। इस पर नगर पालिका को ध्यान देना चाहिए।
सिडकुल से सटे इलाके की बढ़ती आबादी बनी चुनौती
शिवालिक नगर पालिका क्षेत्र सिडकुल औद्योगिक क्षेत्र से सटा होने के कारण लगातार विकास और जनसंख्या विस्तार का केंद्र बन गया है। यहां तेजी से नए घर, फ्लैट और कॉलोनियां बस रही हैं। जिससे आबादी का दबाव तेजी से बढ़ा है। 13 वार्डों वाले इस क्षेत्र में अब अनुमानित एक लाख से अधिक लोग रह रहे हैं लेकिन सफाई व्यवस्था उसी पुराने ढांचे पर चल रही है। न तो पर्याप्त सफाईकर्मी हैं और न ही पर्याप्त कूड़ा संग्रहण वाहन। ऐसे में नियमित कूड़ा कलेक्शन और निस्तारण जैसी मूलभूत सुविधाएं चरमरा गई हैं। नए बसे मोहल्लों में तो सफाईकर्मी कभी-कभी ही नजर आते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि जब क्षेत्र की जनसंख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है तो नगर पालिका को भी उसी अनुरूप व्यवस्था का विस्तार करना चाहिए। विकास के नाम पर हो रहे निर्माण कार्य और बढ़ती आबादी से निकला कचरा अब क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या बनता जा रहा है। यदि समय रहते संसाधनों और निगरानी व्यवस्था को नहीं बढ़ाया गया तो यह समस्या विकराल रूप ले सकती है।
खुद उठाना पड़ रहा घरों का कूड़ा, बढ़ रही नाराजगी
शिवालिक नगर क्षेत्र में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन व्यवस्था ठप पड़ने से लोग परेशान और नाराज हैं। स्थिति यह है कि टैक्स चुकाने के बावजूद लोगों को मजबूरी में खुद अपने घरों का कूड़ा उठाकर फेंकना पड़ रहा है। कई क्षेत्रों में महिलाएं और बुजुर्ग थैलों में कूड़ा भरकर दूर फेंकने जा रहे हैं, जिससे न सिर्फ उनकी असुविधा बढ़ी है बल्कि स्वास्थ्य पर भी असर पड़ रहा है। स्थानीय निवासी बताते हैं कि गाड़ियों की आवाजाही बंद होने से गलियों में बदबू फैल रही है। इससे संक्रामक बीमारियों का खतरा और भी बढ़ गया है। लोग अब निजी सफाईकर्मियों से पैसे देकर कूड़ा उठवाने को मजबूर हैं, जो उनके लिए एक अतिरिक्त बोझ बन गया है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि नगर पालिका को या तो निजी कंपनी से फिर से अनुबंध करना चाहिए या एनजीओ की कार्यप्रणाली में सुधार लाना चाहिए। नियमित सफाई न होने से मोहल्लों में रहने का माहौल दिन-प्रतिदिन खराब होता जा रहा है। लोगों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द व्यवस्था नहीं सुधरी तो वे शिकायत करने पर मजबूर होंगे।
बोर्ड बैठक में जोरशोर से उठाया गया था सफाई का मुद्दा
शिवालिक नगर पालिका की हाल ही में हुई बोर्ड बैठक में सफाई व्यवस्था की बदहाली पर कई पार्षदों ने नाराजगी जताई थी। पार्षदों ने कहा था कि नगर क्षेत्र के अधिकतर वार्डों में नियमित कूड़ा कलेक्शन नहीं हो रहा और लोग परेशान हैं। उन्होंने एनजीओ की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा था कि इतनी बड़ी आबादी के लिए मौजूदा सफाईकर्मी पर्याप्त नहीं हैं। बैठक में सुझाव दिया गया था कि हर वार्ड में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन की ठोस योजना बनाई जाए और डंपिंग जोन को आबादी से दूर स्थानांतरित किया जाए। साथ ही कूड़ा उठाने वाली कंपनी की नियुक्ति के लिए अनुबंध कराने की मांग भी की गई थे। लेकिन सभासदों का भी आरोप है कि बोर्ड बैठक की कार्रवाई पर संशय है। वहीं, बैठक में अधिकारियों ने जल्द सुधार का आश्वासन दिया था, लेकिन लोगों का कहना है कि बैठक के बाद भी हालात में कोई खास बदलाव नहीं आया है। लोगों ने समस्या से निजा दिलाने की मांग की है।
रोह नदी में डंप किया जा रहा फैक्ट्रियों का कूड़ा
पिछले दिनों रोशनाबाद मुख्यालय में गंगा संरक्षण समिति की बैठक हुई थी। बैठक में गंगा प्रेमियों ने रोह नदी में फैक्ट्रियों का केमिकल कूड़े डालने का मुद्दा उठाया था। जिलाधिकारी को बताया था कि रोह नदी से कूड़ा करकट और केमिकल युक्त पानी से रोह नदी प्रदूषित हो रही है। इससे गंगा प्रदूषित हो रही है। पूर्व में भी यह मुद्दा कई बार सुर्खियों में आ चुका है। कई बार गंगा प्रेमी इस पर आपत्ति दर्ज करा चुके हैं। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि शिवालिक नगर में कूड़ा निस्तारण के लिए कोई ठोस योजना तैयार नहीं की गई है और इसी के चलते लोगों को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उनकी मांग है कि नगर पालिका क्षेत्र के सभी वार्डों में नियमित रूप से साफ सफाई का कार्य कराया जाए और चिन्हित स्थान पर ही डंपिंग जोन में कूड़ा डालकर उसके निस्तारण की व्यवस्था की जाए।
बोले जिम्मेदार
नगर पालिका शिवालिक नगर के कर्मचारी डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन का कार्य कर रहे हैं। सफाई व्यवस्था के लिए एनजीओ से सहायता भी ली जा रही है। अगर कहीं कूड़ा कलेक्शन नहीं हो रहा है तो टीम भेजकर मौके पर स्थिति का जायजा लिया जाएगा। कूड़ा उठाने के लिए व्यवस्था बनाई जाएगी। -सुभाष कुमार, अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका, शिवालिक नगर
बोले लोग-
हम हर महीने नगर पालिका प्रशासन को टैक्स देते हैं, लेकिन फिर भी हमारे घर से कूड़ा उठाने कोई सफाई कर्मी नहीं आता है। अब हमें खुद ही कूड़ा उठाकर दूर फेंकना पड़ रहा है। -अनूप वशिष्ठ
हमारे मोहल्ले में पिछले एक महीने से साफ सफाई का नियमित कार्य नहीं हो रहा है। गली-गली में गंदगी के ढेर लगे हुए हैं। दुर्गंध से बच्चों और बुजुर्गों की तबीयत खराब हो रही है। -गुड्डू भड़ाना
नगर पालिका प्रशासन ने जिस एनजीओ को सफाई का जिम्मा दिया है, उसके कर्मचारी भी न तो समय से आते हैं और न ही नियमित सफाई करते हैं। ऊपर से हमसे निजी तौर पर चार्ज भी वसूलते हैं। -कार्तिक
नवोदय नगर क्षेत्र में तो हाल और भी बुरे हैं। नालियों की सफाई महीनों से नहीं हुई। बारिश में स्थिति और भी खराब हो जाती है। मानसून आने वाला है। नगर पालिका को इस पर ध्यान देना चाहिए। -मनोज गुप्ता
हमारे यहां कूड़े की गाड़ी कभी-कभी ही आती है। कई बार शिकायत की गई, लेकिन कोई असर नहीं पड़ा। अब तो लोग अपने पैसे से निजी सफाईकर्मी बुलाकर उसे घरों से निकलने वाला का कूड़ा देते हैं। -नीतू
चिन्मय चौक के पास कूड़े का डंपिंग जोन बना दिया गया है। दुर्गंध के कारण लोगों का सांस लेना भी मुश्किल हो गया है। आसपास रहने वाले ज्यादा परेशान हैं। बीमारी फैलने का डर बना रहता है। -परमजीत
टिहरी विस्थापित क्षेत्र में जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हैं। कोई पूछने वाला नहीं है। बच्चे खेलने नहीं जा सकते और बुजुर्गों का बाहर निकलना भी मुश्किल हो गया है। सफाई पर ध्यान दिया जाना चाहिए। -शिवम त्यागी
हमें उम्मीद थी कि नई बोर्ड बैठक के बाद नगर पालिका क्षेत्र की सफाई व्यवस्था सुधरेगी, लेकिन अभी तक कुछ नहीं बदला। समस्या जस की तस बनी हुई है। पालिका को ध्यान देना चाहिए। -विशांत गोयल
हमने पहले भी डीपीएस स्कूल के पास कूड़े का डंपिंग जोन बनाने का विरोध किया था। अब फिर से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के पास गाड़ियां खड़ी कर दी गई हैं, जिससे पूरे क्षेत्र में बदबू फैल रही है। -अमरदीप रॉबिन
हर साल सफाई के नाम पर बजट पास होता है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। टैक्स देने के बावजूद भी लोगों को मजबूरी में खुद सफाई करनी पड़ रही है। इसके लिए निजी सफाई कर्मी बुला रहे हैं। -सुधीर शर्मा
कई बार नगर पालिका कार्यालय में जाकर शिकायत की, लेकिन अफसर सिर्फ आश्वासन देते हैं। न सफाई होती है और न ही कूड़ा उठाया जाता है। जनप्रतिनिधि भी इस मामले में सवाल नहीं उठाते हैं। -सुमित
शिवालिक नगर क्षेत्र पॉश इलाका है। यहां का बाजार सबसे मुख्य बाजार है। यहां भी सड़क किनारे कूड़े के देर जमा हो जाते हैं। कूड़ा उठाने वाली गाड़ी यहां कभी समय पर नहीं आती है। -शिवांश गोयल
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