न्यायिक कार्यों से विरत रहे अधिवक्ता
बार संघ देहरादून ने रजिस्ट्री, वसीयत और विवाह पंजीकरण को ऑनलाइन करने के विरोध में मंगलवार को कोटद्वार बार एसोसिएशन से जुड़े अधिवक्ताओं ने न्यायिक कार्यों से विरत रहने का निर्णय लिया। अधिवक्ताओं ने...
रजिस्ट्री, वसीयत और विवाह पंजीकरण आन लाइन करने के विरोध में बार संघ देहरादून के आह्वान पर मंगलवार को कोटद्वार बार एसोसिएशन से जुड़े अधिवक्ता न्यायिक कार्यों से विरत रहे। इस दौरान उन्होंने सिमलचौड़ स्थित सिविल न्यायालय के बाहर प्रदर्शन करते हुए राज्य की भाजपा सरकार से इस फैसले को वापस लेने की मांग की। अधिवक्ताओं ने कहा कि राज्य सरकार एक तरफ जीरो टॉलरेंस की नीति को अपना रही है दूसरी ओर रजिस्ट्री विवाह पंजीकरण तथा वसीयत को ऑनलाइन कर फर्जीवाड़े को बढ़ावा दे रही है। इससे जो अधिवक्ता इस कार्य में से जुड़े हुए हैं उनकी आजीविका पर फर्क पड़ेगा।
कहा कि यह फैसला अधिवक्ताओं के खिलाफ है। चेतावनी दी कि जब तक राज्य सरकार इस फैसले को वापस नहीं ले लेती तब तक आन्दोलन जारी रखा जायेगा। बार संघ के पूर्व अध्यक्ष अजय कुमार पंत ने कहा कि राज्य सरकार अधिवक्ताओं का दमन कर रही हैं जिसका वे विरोध करते हैं। कहा कि अगर सरकार ने अपना यह फैसला वापस नहीं लिया तो राज्य के समस्त अधिवक्ता न्यायिक कार्यों का पूर्ण रूप से बहिष्कार करने पर मजबूर होंगे। प्रदर्शन करने वालों में अरविंद वर्मा, प्रवेश रावत, अनिल खंतवाल, रंजीत कौर, योजना शर्मा, रविन्द्र जज़ेडी, सरिता रानी, अरविंद चौधरी, सलीम अहमद, गिरीश कुमार, सुनीता थापा, सागर बिष्ट और शिवदयाल भारती आदि अधिवक्ता शामिल रहे।
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