पिरान कलियर दरगाह मामले की जांच रिपोर्ट तीन सप्ताह में दें : हाईकोर्ट
हाईकोर्ट :: - हरिद्वार की पिरान कलियर दरगाह में निर्माण कार्यों में गड़बड़ी का है मामला - हरिद्वार निवासी एक व्यक्ति ने 2014 में हाईकोर्ट में दायर की

नैनीताल, संवाददाता। हाईकोर्ट ने हरिद्वार की पिरान कलियर दरगाह में यात्री विश्राम गृह के निर्माण कार्य समेत अन्य सुविधाओं की गुणवत्ता में हुई गड़बड़ी के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर गुरुवार को सुनवाई की। पूर्व के आदेश के क्रम में अल्पसंख्यक आयोग के सचिव धीराज गर्ब्याल कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश हुए। उन्होंने कोर्ट से मामले की रिपोर्ट पेश करने के लिए उन्हें अतरिक्त समय देने की प्रार्थना की। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी नरेंदर और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने पूर्व में दिए गए दिशा-निर्देशों का अनुपालन करते हुए उनसे तीन सप्ताह के भीतर रिपोर्ट पेश करने को कहा है। अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद होगी। हाईकोर्ट ने 2017 में इस मामले की जांच कर रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने को कहा था, लेकिन अभी तक रिपोर्ट पेश नहीं की गई। पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अल्पसंख्यक आयोग के सचिव को कोर्ट में वीसी के माध्यम से पेश होने को कहा था। मामले के अनुसार, हरिद्वार निवासी मोहम्मद अली ने 2014 में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि वक्फ बोर्ड ने पिरान कलियर में यात्री विश्राम गृह समेत अन्य सुविधाओं को बनाने के लिए 2 करोड़ रुपये यूपी पेयजल निगम को दिए थे। लेकिन निर्माण कार्य शर्तों के मुताबिक नहीं हुआ। निर्माण कार्यों में घोर लापरवाही करने के साथ-साथ, जारी बजट का दुरुपयोग किया गया। ऐसे में इस मामले की जांच कराई जाए। 2017 में हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मामले की जांच कर रिपोर्ट अदालत में पेश करने के आदेश दिए थे, लेकिन आज तक न मामले की जांच हुई और न ही कोर्ट में रिपोर्ट पेश की गई। जबकि दरगाह के सभी प्रशासनिक कार्य जिला अधिकारी की देखरेख में होते हैं। कहा कि वक्फ बोर्ड नाम मात्र का है। दरगाह में देश के ही नहीं विदेश से भी लोग आते हैं, लेकिन वहां सुविधाओं की कमी है।
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