जुडो खिलाड़ी से यौन उत्पीड़न के मामले में नोटिस
नैनीताल में हाईकोर्ट ने 19 वर्षीय जूडो खिलाड़ी की याचिका पर सुनवाई की, जिसमें कोच पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया है। खिलाड़ी ने कहा कि कोच ने उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया और प्रतियोगिता में भाग न...

नैनीताल, संवाददाता। हाईकोर्ट ने 19 वर्षीय जूडो प्रशिक्षण खिलाड़ी की ओर से कोच पर लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों से संबंधित जनहित याचिका पर सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी नरेंदर और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने मामले को गंभीरता से लेते हुए उत्तराखंड जूडो एसोसिएशन को नोटिस जारी कर शपथपत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है। मामले के अनुसार, देहरादून निवासी एक राष्ट्रीय स्तर की जूडो खिलाड़ी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर बताया कि वह पिछले सात वर्षों से कोच सविता गुरंग के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण ले रही थी। वर्ष 2024 में उसका चयन भोपाल में होने वाले नेशनल कैंप के लिए हुआ, लेकिन सविता गुरंग ने उसे मुरादाबाद निवासी अपने पूर्व कोच सतीश शर्मा के पास भेज दिया।
आरोप है कि बीती 12 मार्च को कोच सतीश शर्मा उसे अपने फार्महाउस ले गए, जहां उन्होंने उसका यौन उत्पीड़न किया। जब खिलाड़ी ने विरोध किया, तो उसे राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग न लेने देने और उसका कॅरियर बर्बाद करने की धमकी दी गई। खिलाड़ी ने याचिका में कहा कि मानसिक रूप से प्रताड़ित होने के कारण वह प्रतियोगिता में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकी और बाहर हो गई। याचिका में न्यायालय से मांग की गई है कि मामले की निष्पक्ष जांच को एक स्वतंत्र समिति गठित की जाए और दोषियों को कड़ी सजा दी जाए। पीड़िता ने इस संबंध में 28 अप्रैल को देहरादून के रायपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिसे बाद में स्थानांतरण कर मुरादाबाद के भोजपुर थाना भेजा गया। हाईकोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए अगली सुनवाई तक उत्तराखंड जुडो एसोसिएशन से विस्तृत जवाब मांगा है।
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