पृथ्वी दिवस: प्रकृति का दोहन इंसान की सबसे बड़ी भूल
पिथौरागढ़ में विश्व पृथ्वी दिवस पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। बच्चों ने रैली निकालकर पृथ्वी की बिगड़ती सेहत के बारे में जागरूक किया और पौधरोपण किया। वक्ताओं ने बढ़ते तापमान और पिघलते ग्लेशियर पर...

पिथौरागढ़, संवाददाता। सीमांत में विश्व पृथ्वी दिवस पर विभिन्न कार्यक्रम हुए। मंगलवार को कहीं नन्हे बच्चों ने रैली निकालकर आमजन को पृथ्वी की बिगड़ती सेहत से रूबरू कराया तो कहीं स्कूली बच्चों ने धरा को हरा बनाने के लिए पौधे रोपे। नगर में विश्व पृथ्वी दिवस पर गोष्ठी हुई। नेड़ा में डॉ. तारा सिंह की अध्यक्षता में हुई गोष्ठी के दौरान वक्ताओं ने कहा कि बढ़ते तापमान, सिमटती हरियाली, पिघलते ग्लेशियर और तेजी से बढ़ती जनसंख्या ने पृथ्वी पर मानव जाति के अस्तित्व पर प्रश्न चिन्ह लगा दिया है। डॉ. सिंह ने कहा कि प्रकृति का दोहन करना इंसान की सबसे बड़ी भूल है। जिसके परिणाम आए दिन सामने आ रहे हैं। निर्मला देवी ने कहा कि पृथ्वी हमारा जीवन है। इसकी सुरक्षा सभी की नैतिक जिम्मेदारी है। बाद में बच्चों ने क्षेत्र में जागरूकता रैली निकालकर लोगों को जागरूक किया। यहां सार्थक पाल, दृष्टि ततराड़ी, कार्तिक सोराड़ी, शौर्य, जैनिथ, अंशुल, ध्रुव, किरन, विभू भट्ट, युवराज, उत्कर्ष, परिणिता, आयुश, प्रत्यक्ष, दक्ष आदि मौजूद रहे।
जीआईसी पीपलकोट में पृथ्वी दिवस पर पौधरोपण किया
पिथौरागढ़। मूनाकोट विकासखंड के जीआईसी पीपलकोट में पृथ्वी दिवस पर विभिन्न कार्यक्रम हुए। मंगलवार को कार्यक्रम का शुभारंभ प्रधानाचार्य मोहन चंद्र पाठक ने किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि पृथ्वी की लगातार बिगड़ती सेहत प्राणि जाति के लिए ठीक नहीं है। उन्होंने पृथ्वी को उसके वास्तविक स्वरूप में ही रहने दिए जाने पर जोर दिया। बाद में छात्रों ने पर्यावरण संरक्षण के लिए विद्यालय परिसर और आसपास क्षेत्र में विभिन्न प्रजाति के पौधों का रोपण किया। यहां शिक्षक उमेश पुनेठा, संतोष कुमार भट्ट, अल्का राज, पवन सिंह खाती, पंकज पाण्डेय, भावेश, समीर बोरा, सागर, साहिल, आदित्य आदि मौजूद रहें।
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