Karnprayag train will run at a speed of 90 km per hour 90 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ेगी कर्णप्रयाग ट्रेन, Rishikesh Hindi News - Hindustan
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90 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ेगी कर्णप्रयाग ट्रेन

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग के सर्पाकार रेलवे ट्रैक पर ट्रेन 90 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ेगी। 18 कोच वाली ट्रेन में आगे-पीछे दो इंजन लगाए जाएंगे। रेलवे ट्रैक में ब्स्ट लेस कंक्रीट की पटरियां बिछाई...

Newswrap हिन्दुस्तान, रिषिकेषFri, 20 Sep 2019 06:14 PM
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90 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ेगी कर्णप्रयाग ट्रेन

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग के सर्पाकार रेलवे ट्रैक पर ट्रेन 90 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ेगी। 18 कोच वाली ट्रेन में आगे-पीछे दो इंजन लगाए जाएंगे। रेलवे ट्रैक में ब्स्ट लेस कंक्रीट की पटरियां बिछाई जा रही हैं। कश्मीर के बाद यह तकनीक कर्णप्रयाग रेल लाइन बिछाने में प्रयोग की जा रही है। हरिद्वार-देहरादून के बीच चलने वाली ट्रेनों की तरह ही ऋषिकेश-कर्णप्रयाग ट्रेन में 18 कोच होंगे। सर्पाकार रेल लाइन पर स्पीड के लिये ट्रेन में आगे-पीछे दो इंजन लगाये जाएंगे। बिना स्लीपर वाली ब्लास्ट लेस कंक्रीट की पटरियों पर ट्रेन 90 किलोमीटर से अधिक स्पीड से दौड़ेंगी। ऋषिकेश से कर्णप्रयाग के बीच 125 किलोमीटर की दूरी तय करने में ट्रेन को दो घंटे का समय लगेगा। वर्तमान में कार से यह दूरी तय करने में दोगना समय लगता है। खास बात यह है कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग के बीच पड़ने वाले 11 रेलवे स्टेशन ऋषिकेश, शिवपुरी, व्यासी, देवप्रयाग, मलेथा, श्रीनगर, धारी, रुद्रप्रयाग, धोलतीर, गौचर, कर्णप्रयाग स्टेशनों में शिवपुरी रेलवे स्टेशन पर ट्रेन रुकने पर कुछ डिब्बे सुंरग के अंदर ही रहेंगे। 18 कोच वाली ट्रेन होने से इस स्थान पर प्लेटफार्म सुरंग के अंदर भी बनेगा।रेल विकास निगम के प्रबंधक ओपी मालगुडी ने बताया कि कर्णप्रयाग-ऋषिकेश के बीच 18 कोच की ट्रेन दौड़ेगी,जिसमें दो इंजन लगे होंगे। सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण कर्णप्रयाग रेल लाइन एलाइमेंट कार्य में हाई रिजोल्यूशन सेटेलाइट इमेजरी जैसी आधुनिक तकनीक इस्तेमाल की गई है। इसलिये रेल विकास निगम इसमें कोई कमी नहीं छोड़ना चाहता है। सबसे पहले सुरंग और पुल निर्माण कार्य ही होने हैं। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग के बीच 11 रेलवे स्टेशन और कच्चे पहाड़ में लगभग 17 छोटी-बड़ी सुरंग बनाना विशेषज्ञों के लिये चुनौती है। ट्रैक में 35 ब्रिज भी बनाए जाने हैं। लगभग 16216 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट को सरकार ने 2012 में राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया। उन्होंने बताया कि 2025 तक प्रोजेक्ट पूरा किया जाना है।

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