बोले गढ़वाल : श्रीनगर की इस कालोनी की गड्ढे वाली सड़कों पर चलना दुश्वार
श्रीनगर गढ़वाल में स्थित वीआईपी सड़क, जो पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस से जुड़ती है, पिछले 5 वर्षों से बदहाल स्थिति में है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि सड़क पर चलना मुश्किल हो गया है। नालियों की सफाई न होने...
सड़क उबड़खाबड़ तंगहाल और बेहद खस्ताहाल हो तो उसपर चलना भी किसी मुसीबत से कम नहीं होता। इसका उदाहरण है श्रीनगर गढ़वाल में बदरीनाथ हाईवे से पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस को जोड़ती वीआईपी सड़क। डाक बंगला कालोनी, नीरंजनीबाग क्षेत्र के लोग इस बदहाल सड़क से परेशान हैं। करीब 800 मीटर की ये सड़क इस कदर टूटी-फूटी व बदहाल स्थिति में है कि उसपर वाहन तो दूर पैदल चलना भी किसी मुसीबत से कम नहीं है। इसे ठीक नहीं किया जा रहा है। प्रस्तुति है डॉ. सुधीर भट्ट की रिपोर्ट...
सड़कें मानवजीवन की धुरी होती हैं लेकिन जब वो ही धुरी मुसीबत का कारण बन जाए तो उसे समझा जा सकता है। ऐसे में यदि वो आम सड़क की जगह वीआईपी सड़क का तमगा हासिल किये हुए हो तो उसकी बदहाली और कचोटती है। इसका आदर्श उदाहरण है श्रीनगर गढ़वाल के नगरनिगम क्षेत्र में लगभग 2500 से अधिक की आबादी को लाभान्वित करने वाली 800 मीटर की वीआईपी कहलाई जाने वाली पीडब्ल्यूडी गेस्टहाउस सड़क जो बदरीनाथ हाईवे से डाकबंगला, नीरंजनीबाग को जोड़ते हुए आवासीय क्षेत्र के बीचोबीच स्थित लोकनिर्माण विभाग के अतिथिगृह तक जाती है। पांच वर्षों से भी अधिक के समय से पीडब्ल्यूडी और नगरनिगम की लापरवाही के कारण ये सड़क इस कदर गड्ढों से भरी है कि ये पक्की के बजाय कच्ची सड़क ज्यादा नजर आती है। पुरानी पक्की सड़क के ब्लैक टॉप के बचे हिस्से की बचीखुची काली परतों से ही इसके कभी पक्की सड़क रही होने का आभास होता है।
वीआईपी और वीवीआईपी मेहमानों के वाहनों की आवाजाही के बावजूद और नेशनल हाईवे से सटी होने और साफ दिखाई देने के बावजूद न तो पीडब्ल्यूडी और न ही नगरनिगम इसे देखने को तैयार है। बदरीनाथ हाईवे से इस सड़क के शुरूआती हिस्से में कदम रखते ही वाहनों के हिचकोले खाने का और पैदल चलने वाले लोगों को लगती ठोकरों से पैदा होती तकलीफों का वो दौर शुरू होता है जिसे बयां करना भी मुश्किल है। सड़क किनारे जलती बुझती व अपर्याप्त स्ट्रीटलाइट्स के साथ खस्ताहाल चोक नालियों की वजह से गंदा पानी सड़क पर ही बहकर उसे दलदला भी कर रहा है और बचीखुची सड़क की स्थिति भी खराब कर रहा है। बड़े आबादी क्षेत्र से गुजरने के बावजूद इस सड़क पर मात्र 1 कूड़ेदान की ही व्यवस्था है जो नाकाफी है। लावारिस पशु जहां कचरा सड़क पर बिखेर देते हैं तो सफाईकर्मियों के अनियमित होने से सफाई व्यवस्था भगवान भरोसे ही है। ऐसा नहीं है कि स्थानीय निवासियों ने इसे ठीक किये जाने की मांग न की हो बल्कि कई बार मिन्नतों के बावजूद इसे सिरे से ही नजअंदाज कर दिया गया।
सड़क की बदहाली पर ध्यान नहीं
पिछले 5 वषोंर्ं से अधिक समय से बदहाल स्थिति में पड़ी और वीआईपी कहलाई जाने वाली 800 मीटर की पीडब्ल्यूडी गेस्टहाउस रोड वैसे तो राजकीय इंटर कॉलेज के साथ जल संस्थान और अन्य सरकारी कार्यालयों को भी जोड़ती है लेकिन इसके बावजूद इसकी स्थिति की ओर ध्यान ही नहीं दिया जा रहा है। लोक निर्माण विभाग का कहना है कि सुधारीकरण का 13 लाख रुपये का प्रस्ताव शासन में लम्बित है और जैसे ही प्रस्ताव पास होता है तो फिर इसके सुधारीकरण का कार्य जल्द से जल्द शुरू कर दिया जायेगा। बेहद बुरी हालत में पड़ी इस सड़क से परेशान स्थानीय निवासियों का कहना है कि जब वीआईपी सड़क की भी लम्बे समय बाद यह स्थिति है तो फिर आम सड़कों की स्थिति के ठीक होने की सोचना भी बेकार है।
चोक नालियों की नहीं हो रही सफाई
बड़ी आबादी को कवर करने वाली इस सड़क के ऊपरी क्षेत्र की आबादीक्षेत्र में ही 1 कूड़ादान रखा गया है जबकि निचले आबादीक्षेत्र में एक भी कूड़ेदान नहीं है। एक ही कूड़ेदान होने के कारण वो जल्दी भर जाता है जिससे उससे बाहर निकलकर सड़क पर पड़ते कचरे को लावारिस मवेशी और बिखेर देते हैं। नगरनिगम के सफाईकर्मी भी कभीकभार ही क्षेत्र में आते हैं जिस कारण चोक नालियों की न तो सफाई हो पा रही है और न समय पर कूड़ा उठान हो पा रहा है। ऊपरी आबादीक्षेत्र में सीवरलाइन नहीं होने से तो दिक्कतें हैं। लावारिस पशुओं की मौजूदगी के कारण गुलदार की दहशत बनी रहती है।
नालियों का गंदा पानी सड़क पर
पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस रोड के किनारों पर बनाई गई नालियां भी बेहद बुरी हालत में हैं। कहीं पत्थरों और घास से तो कहीं गाद से बुरी तरह चोक हो चुकी नालियों से ओवरफ्लो होता गंदा पानी न केवल बची-खुची सड़क की स्थिति खराब कर रहा है बल्कि दलदली होने के कारण इन पर आवाजाही भी बेहद खतरनाक हो चली है। गैस्टहाउस के पास तो बुरी तरह चोक नालियों का गंदा पानी या तो सड़क पर बहता दिखता है या फिर सड़क पर ही जलभराव रहता है।
पेयजल लाइनों का बना है जाल
सड़क और नालियों से गुजरती पेयजल लाइनों का जाल भी जहां आवाजाही में मुश्किलें पैदा कर रहा है वहीं नालियों के क्षतिग्रस्त चैम्बर भी दिक्कतें बढ़ा रहे हैं। निचली आबादीक्षेत्र में गुजरती वीआईपी सड़क के बीचोंबीच सीवरलाइन के मानकों को ताक पर रख बनाये गए चैम्बर अलग से जननता के लिये मुसीबत बने हुए हैं। सड़क से या तो ये ऊंचे उठे हुए हैं या फिर सड़क में नीचे की ओर धंसने की वजह से इनपर चोटिल होना आम बात है।
बोले लोग
सड़क पर फैले मलबे की सफाई नहीं होने व जलभराव से बारिश में फिसलनभरे रास्तों पर चलना मुश्किल है। -नीलम, स्थानीय निवासी।
सड़क की बदहाल स्थिति से बहुत परेशान हैं। सफाईकर्मी के नियमित तौर पर नहीं आने से बिखरी रहती है गंदगी। -विजया पंवार, स्थानीय निवासी।
चोक नालियों से सड़कों पर बहते पानी से सड़कें भी खराब हो रही हैं इसलिए चोक नालियां खोली जाएं। समस्या हल की जाए। -धन्नी, स्थानीय निवासी।
नगर निगम प्रशासन नई नालियों के निर्माण के साथ सड़क की ऊपरी आवासीय क्षेत्र में सीवरलाइन की व्यवस्था भी करे। -करिश्मा, स्थानीय निवासी।
पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस सड़क की स्थिति को ठीक करवाना मेरी प्राथमिकता है। क्षेत्रों में मौजूद समस्या हल की जाएगी। -अंजना डोभाल, नवनिर्वाचित पार्षद।
क्षेत्र में वाहनों के लिए उचित पार्किंग की व्यवस्था के साथ तेज रफ्तार वाहनों व असामाजिक तत्वों पर भी काबू किया जाए। -उर्मिला, स्थानीय निवासी।
पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस सड़क के दोनों ओर आबादीक्षेत्र होने के बावजूदपर्याप्त कूड़ेदानों की व्यवस्था नहीं होने से दिक्कतें होती हैं। -रोशनी रावत, स्थानीय निवासी।
क्षेत्र में लावारिस पशुओं की समस्या भी बड़ी है इसलिए नगर निगम प्रशासन इस समस्या से छुटकारा दिलाये। -अजय पांडे, स्थानीय निवासी।
पेयजल लाइनों के जाल से दिक्कतें होती हैं। निगम क्षेत्र में शामिल होने के बाद भी इस ओर पर्याप्त ध्यान नहीं देना निराशाजनक है। -प्रवीन सिंह, स्थानीय निवासी।
सड़क के किनारे नालियां पत्थरों, गाद व पत्थरों से चोक होने के साथ टूटी हुई हैं, इन्हें ठीक किया जाय व सीवरलाइन व्यवस्था हो। -अंजू, स्थानीय निवासी।
हमारे क्षेत्र में मात्र एक कूड़ेदान के होने व नियमित कूड़ा उठान नहीं होने से दिक्कतें होती हैं। समस्या हल की जानी चाहिए। -दुर्गा भंडारी, स्थानीय निवासी।
बढ़ती आबादी के साथ नगरनिगम को सुविधाएं भी क्षेत्र में बढ़ानी चाहिए जिससे आम जनता को सहूलियतें मिल सकें। -अंकिता भंडारी, स्थानीय निवासी।
सुझाव
1. बदहाल पीडब्ल्यूडी गैस्टहाउस सड़क का पुर्ननिर्माण हो जिससे आवाजाही में दिक्कतें न हो
2. चोक नालियों को खोलकर गंदे पानी की निकासी की जाय।
3. सड़क पर सीवरलाइन के सड़क से ऊंचे व धंसे चैम्बरों को ठीक किया जाय।
4. पर्याप्त कूड़ेदानों की व्यवस्था के साथ नियमित सफाई कर्मी की व्यवस्था हो।
5. नालियों व रास्तों से गुजरती पेयजल लाइनों के जाल को हटाया जाय व लावारिस पशुओं की व्यवस्था हो।
शिकायतें
1. बदहाल पीडब्लूडी गेस्ट हाउस सड़क पर आवाजाही में होती है परेशानी।
2. चोक नालियों की वजह से गंदा पानी सड़कों पर बहकर उन्हें खराब कर रहा है।
3. सड़क से ऊंचे व धंसे चैम्बर व नालियों के क्षतिग्रस्त चैम्बरों से हो रही परेशानियां।
4. पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस सड़क के बड़े क्षेत्र में 1 ही कूड़ेदान है। नियमित तौर पर सफा ईकर्मी की व्यवस्था नहीं है।
5. नालियों से गुजरती पेयजल लाइनों के जाल व लीकेज के साथ लावारिस पशुओं से होती है परेशानी।
बोले जिम्मेदार
पीडब्ल्यूडी श्रीनगर के अधिशासी अभियंता किशोर कुमार का कहना है कि पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस सड़क के रिन्यूवल का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। इस्टीमेट पास होते ही टेंडर प्रक्रिया के बाद सड़क का सुधारीकरण कार्य शुरू कर दिया जायेगा। आशा है मार्च में इस्टीमेट पास होने के बाद इसपर आवश्यक प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। वहीं नगर निगम श्रीनगर की मेयर आरती भंडारी ने बताया कि पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस सड़क की बदहाल स्थिति पर पीडब्ल्यूडी से बात की जायेगी। क्षतिग्रस्त व चोक नालियों को ठीक करने के साथ पर्याप्त सुचारू सफाई व्यवस्था बनाना हमारी प्राथमिकता है। नगर निगम स्तर की समस्याओं का समाधान भी उपलब्ध संसाधनों में हमारी जिम्मेदारी है।
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