दस लाख की मदद देने के बदले में मिली मौत, साले ने साथियों के साथ मिलकर कर दी जीजा की हत्या
उत्तराखंड के टांडा के जंगल में एक शख्स की हत्या मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें से एक मृतक का साला है, जिसने पैसों के लिए अपने ही जीजा को मौत के घाट उतार दिया।

टांडा जंगल में हुए हत्याकांड का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। मृतक ने मुश्किल वक्त में दस लाख रुपये अपने मुंह बोले साले को उधार दिए थे। यह रकम वापस मांगने पर आरोपी साले ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर जीजा की हत्या की दी। पुलिस ने तीनों आरोपियों को टांडा जंगल गूलरभोज रोड में नादिया धाम मंदिर के पास से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। मौके से हत्या में प्रयुक्त डंडा बरामद कर लिया।
टांडा जंगल में मिला था शव
एसपी सिटी प्रकाश चंद्र ने बताया कि 11 जून की दोपहर गढ़गंगा गढ़मुक्तेश्वर, हापुड़ निवासी भूगेंद्र चौहान का शव टांडा जंगल में एक किमी अंदर मिला था। वह ग्रींस कॉलोनी गंगापुर रोड रुद्रपुर में परिवार संग रहते थे। पेशे से वह प्रॉपर्टी डीलर और मैजिक वाहन भी चलाते थे। पुलिस का कहना है कि भूगेंद्र की पत्नी और हत्यारोपी बालम सिंह बिष्ट एक ही गांव के थे। इस नाते बालम, भूगेंद्र को जीजा बुलाता था। इसी रिश्ते का फायदा उठाते हुए तीन साल में उसने भूपेंद्र से 10 लाख रुपये कर्ज ले लिया। बालम भी भूगेंद्र के साथ प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करता था। लाखों का कर्ज चुकाने से बचने को बालम ने अपने दोस्त हरीश और उमेश की मदद 10 जून को ने फोन कर कर्ज लौटाने के बहाने बुलाया। वह भूगेंद्र को लेकर पहले गूलरभोज डैम गया। जहां से बालम ने भूगेंद्र से उसके घर बिठौरिया चलने की जिद्द की। चारों टांडा जंगल के रास्ते बिठौरिया को निकले। बीच जंगल पहुंचने पर बालम ने एक डंडे से भूगेंद्र के सिर पर वार कर उसे मौत के मौत के घाट उतार दिया। इसके तीनों शव जंगल में छोड़कर फरार हो गए। अगले दिन शव बरामद हुआ, जिसकी शिनाख्त उनके बेटे ने की।
ये हैं हत्या में शामिल आरोपी
वार्ड 37 बिठौरिया हरिपुर सील थाना मुखानी निवासी बालम सिंह बिष्ट पुत्र आनंद सिंह बिष्ट मुख्य आरोपी है। उसके साथ सालम कॉलोनी पनियाली थाना मुखानी निवासी हरीश सिंह नेगी पुत्र राम सिंह और बजूनिया हल्दू कठघरिया थाना मुखानी निवासी उमेश सिंह बोरा उर्फ अनिया पुत्र बहादुर सिंह बोरा को गिरफ्तार किया है।
हरीश और उमेश को 50-50 हजार में साथ मिलाया
मुख्य आरोपी बालम ने हत्या की वारदात को अंजाम देने के लिए हरीश और उमेश को 50-50 हजार रुपये में बुलाया था। आरोपियों ने कत्ल के बाद भूगेंद्र के शरीर पर मौजूद सभी कपड़े उतारकर दूर जंगल में फेंक दिए गए। जिस डंडे से हत्या की उसे कपड़ों से कुछ और दूरी पर फेंका था।
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