उत्तराखंड के सरकारी कर्मचारी हो जाएं सावधान! लेट ऑफिस आए तो होंगे ये ऐक्शन
उत्तराखंड के लेट लतीफ सरकारी अधिकारी-कर्मचारी अब सावधान हो जाएं। महीने में तीन दिन देर से ऑफिस आने वाले कर्मचारियों का आकस्मिक अवकाश (Casual Leave) काटा जाएगा। सामान्य प्रशासन सचिव विनोद कुमार सुमन ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं।

उत्तराखंड के लेट लतीफ सरकारी कर्मचारी अब सावधान हो जाएं। महीने में तीन दिन देर से ऑफिस आने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों का आकस्मिक अवकाश (Casual Leave) काटा जाएगा। सामान्य प्रशासन सचिव विनोद कुमार सुमन ने गुरुवार को इस संबंध में आदेश जारी किए।
सरकारी और अर्द्ध सरकारी दफ्तरों में अब बायोमैट्रिक हाजिरी लगाना अनिवार्य है। इसकी समीक्षा में सामने आया है कि काफी कर्मचारी इसका इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं और कई देरी से ऑफिस पहुंच रहे हैं।
इसे देखते हुए सभी प्रमुख सचिव, सचिव, मंडलायुक्त, विभागाध्यक्ष और जिलाधिकारियों के भेजे निर्देश में कहा गया कि हर दिन नामित अफसर सुबह सवा 10 बजे बायोमैट्रिक सिस्टम में दर्ज हाजिरी की समीक्षा करेगा। एक दिन देरी से आने पर कर्मचारी को मौखिक चेतावनी दी जाएगी। दो दिन देरी से आने पर लिखित चेतावनी और महीने में तीन दिन देरी पर आकस्मिक अवकाश काटा जाएगा। यदि कर्मचारी चार दिन लेट होगा तो अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
धामी कैबिनेट की बैठक आज
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी की अध्यक्षता में शुक्रवार को कैबिनेट बैठक होने जा रही है। सुबह 11 बजे से सचिवालय में यह बैठक शुरू होगी। सूत्रों ने बताया कि कैबिनेट बैठक में पंचायतों में प्रशासकों का कार्यकाल बढ़ाने के लिए सरकार अध्यादेश ला सकती है। साथ ही बैठक में उपनल कर्मचारियों के नियमितीकरण को नीति, सोलर सब्सिडी के लिए 143 की अनिवार्यता खत्म करने, सीएम स्वरोजगार योजना की अवधि बढ़ाने समेत कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी मिलने की उम्मीद है। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर प्रधानमंत्री मोदी और सेना का आभार प्रस्ताव लाया जाएगा।
आउटसोर्स भर्ती पर भी दिया जाए आरक्षण का लाभ
देहरादून। उत्तराखंड एससी/एसटी इम्प्लॉइज फेडरेशन ने आउटसोर्स भर्ती में भी आरक्षण का लाभ देने की मांग की है। फेडरेशन के अध्यक्ष करम राम ने आरोप लगाया कि उपनल भर्ती में आरक्षण लागू नहीं किया जा रहा है। ऐसे में यदि भविष्य में उपनल कर्मियों को नियमित किया जाता है, तो इससे एससी एसटी वर्ग के युवाओं को बड़ा नुकसान होगा। मुख्य सचिव के भेजे ज्ञापन में करम राम ने कहा कि सरकार सबसे पहले तत्काल संविदा, आउटसोर्स पदों पर आरक्षण लागू करे। एससी-एसटी कार्मिकों की शिकायतों के निस्तारण के लिए तहसील स्तर पर समिति गठित की जाए।
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