उत्तराखंड में गर्मियों में पानी का संकट, देहरादून समेत इन जिलों की हालत खराब; यह है टोल फ्री नंबर
- गर्मियों में अप्रैल के महीने में जल संस्थान हर साल राज्य के संभावित समस्याग्रस्त क्षेत्रों को चिन्हित करता है। इस बार राज्य के 183 मोहल्लों को संभावित संकटग्रस्त माना गया है।

उत्तराखंड में गर्मियों में इस बार पेयजल संकट गहराएगा। देहरादून समेत कई जिलों में हालत खराब होंगे। विभाग की ओर से टोल फ्री नंबर भी जारी किया गया है। पेयजल संकट के लिहाज से गर्मियों में राज्य के 183 मोहल्ले संवेदनशील रहेंगे।
जल संस्थान ने इन 183 मोहल्लों को गर्मियों में संभावित पेयजल संकट के लिहाज से समस्याग्रस्त क्षेत्र के रूप में चिन्हित किया है। राज्य की 75 पेयजल योजनाओं में पानी कम होने से लेकर तमाम दूसरी खामियों के कारण पेयजल सप्लाई बाधित रहेगी।
गर्मियों में अप्रैल के महीने में जल संस्थान हर साल राज्य के संभावित समस्याग्रस्त क्षेत्रों को चिन्हित करता है। इस बार राज्य के 183 मोहल्लों को संभावित संकटग्रस्त माना गया है। जल संस्थान मैनेजमेंट ने इन मोहल्लों की सूची शासन को भेज दी है। इसके साथ ही इन संभावित संकटग्रस्त क्षेत्रों का पेयजल संकट दूर करने का संभावित एक्शन प्लान भी शासन को भेज दिया है। शासन से बजट की मांग की है।
इन क्षेत्रों से जुड़ी पेयजल योजनाओं में पानी कम हो गया है। कहीं स्रोतों में पानी कम होने से योजनाएं प्रभावित हुई हैं। कहीं ट्यूबवेल का डिस्चार्ज कम होने से सप्लाई बाधित हो रही है। कई इलाकों में आबादी का बढ़ता दबाव, पेयजल की बढ़ती मांग के साथ ही पेयजल की घटती उपलब्धता के कारण दिक्कत खड़ी हो रही है। ऐसे क्षेत्रों में गर्मियों में पानी की दिक्कत न हो, इसके लिए टैंकरों का अभी से इंतजाम शुरू कर दिया है। सभी डिवीजनों के स्तर से टैंकरों के लिए टेंडर कर दिए गए हैं।
सात करोड़ का एक्शन प्लान: गर्मियों में पेयजल संकट से निपटने को जल संस्थान मैनेजमेंट ने एक्शन प्लान तैयार किया है। सात करोड़ का संभावित खर्चा आएगा। इस सात करोड़ के बजट में टैंकर, नई लाइन समेत जनरेटर का इंतजाम किया जाएगा। जल संस्थान की सीजीएम नीलिमा गर्ग कहती हैं कि गर्मियों में जिन क्षेत्रों में पेयजल का संकट हो सकता है, वहां के लिए एक्शन प्लान तैयार कर दिया गया है। 183 संभावित संकटग्रस्त क्षेत्र चिन्हित किए गए हैं। टैंकरों के साथ ही जनरेटर का भी इंतजाम किया गया है।
राजधानी में ही सबसे अधिक पेयजल संकट
संभावित पेयजल संकट के लिहाज से सबसे अधिक दिक्कत देहरादून जिले में है। यहां की सात पेयजल योजनाओं से जुड़े 48 मोहल्लों में दिक्कत हो सकती है। चंपावत की चार योजनाएं आठ मोहल्ले, बागेश्वर में तीन योजना पांच मोहल्ले, पिथौरागढ़ चार योजना 13 मोहल्ले, यूएसनगर आठ योजना 15 मोहल्ले, अल्मोड़ा की पांच योजना 12 मोहल्ले, नैनीताल दस योजनाओं से जुड़े 29 मोहल्ले, उत्तरकाशी पांच योजना आठ मोहल्ले, टिहरी में सात योजना 15 मोहल्ले, रुद्रप्रयाग चार योजना के छह मोहल्ले, चमोली पांच योजना पांच मोहल्ले, पौड़ी की चार योजना पांच मोहल्ले, हरिद्वार की चार योजना के 10 मोहल्लों में दिक्कत हो सकती है।
तेजी से कम होते समस्याग्रस्त क्षेत्र
राज्य में गर्मियों में पेयजल सप्लाई के लिहाज से संभावित समस्याग्रस्त क्षेत्रों की संख्या में तेजी से कमी आ रही है। एक दशक के भीतर संभावित समस्याग्रस्त क्षेत्रों की संख्या 787 से घट कर 183 रह गई है। समस्याग्रस्त क्षेत्रों में आई कमी की एक बड़ी वजह, पिछले एक दशक में पेयजल योजनाओं के निर्माण, जल जीवन मिशन, एडीबी प्रोजेक्ट समेत अमृत पेयजल योजनाओं के कारण संख्या कम होती जा रही है।
पानी नहीं आए तो टोल फ्री नंबर पर करें शिकायत
देहरादून में गर्मियों में पेयजल सप्लाई सामान्य बनाए रखने को जल संस्थान ने सभी जिलों में कंट्रोल रूम की स्थापना कर दी है। पानी न आने पर उपभोक्ता फोन नंबरों पर कॉल कर शिकायत दर्ज करा सकते हैं। उपभोक्ता टोल फ्री नंबर 18001804100 और 1916 पर भी पानी संबंधी शिकायत दर्ज करा सकेंगे। देहरादून जिले के लिए नोडल अफसर के रूप में सतेंद्र कुमार गुप्ता काम करेंगे।
जिला यहां करें शिकायत
देहरादून 01352676260
टिहरी 01376232154
उत्तरकाशी 01374222206
हरिद्वार 01334226360, 262099,
पौड़ी 01368222015
चमोली 01372252341
रुद्रप्रयाग 01364233226,
नैनीताल 05946220776,
यूएसनगर 05944243711,
अल्मोड़ा 05962234049,
बागेश्वर 05963222038,
पिथौरागढ़ 05964225237
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