दूषित हो गई नैनीताल की वर्ल्ड फेमस झील, पीने लायक नहीं है यहां का पानी
नैनीताल की वर्ल्ड फेमस नैनीझील का पानी अब पीने लायक नहीं बचा। नैनीझील के अलावा आसपास की अन्य झीलों का भी यही हाल है।

नैनीताल की विश्व प्रसिद्ध नैनीझील समेत आसपास की सभी झीलें और प्रमुख नदियों का पानी सीधे पीने लायक नहीं है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की सैंपल जांच में यहां की चार झीलों और नदियों का पानी बी-ग्रेड यानि मध्यम प्रदूषित पाया गया है। विशेषज्ञों के मुताबिक यह पानी सिंचाई या औद्योगिक उपयोग के लिए उपयुक्त है, लेकिन बिना ट्रीटमेंट इसे पीना खतरे से खाली नहीं है।
क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक जून में नैनीझील के अलावा भीमताल, नौकुचियाताल और सातताल झील के सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे। इसके अलावा शिप्रा, गौला, कोसी और सरयू नदी के पानी का नमूना जांच के लिए लेबोरेट्री देहरादून भेजा गया। चारों झीलों और नदियों का पानी जांच में अशुद्ध यानि प्रदूषित पाया गया। इस सभी सैंपल का जांच में ग्रेड-बी आया है, इसे मध्यम प्रदूषित कहा जाता है।
यह हैं नदियों के पानी का मानक
1. ए ग्रेड: बहुत साफ पानी, पीने के पानी के स्रोत के रूप में उपयुक्त।
2. बी ग्रेड: मध्यम प्रदूषित, पीने योग्य नहीं। सिंचाई या औद्योगिक उपयोग के लिए उपयुक्त।
3. सी ग्रेड: अधिक प्रदूषित, केवल औद्योगिक उपयोग के लिए उपयुक्त।
4. डी ग्रेड: अत्यधिक प्रदूषित, किसी भी उपयोग के लिए उपयुक्त नहीं।
पीने से पहले ट्रीटमेंट जरूरी
विशेषज्ञों के मुताबिक यह पानी सीधा पीने योग्य नहीं है। इसका उपयोग सिंचाई या औद्योगिक क्षेत्र में किया जा सकता है। पानी में रासायनिक और जैविक पदार्थ होने का अनुमान है, इसलिए पीने से पहले इसका ट्रीटमेंट जरूरी है।
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