मुंबई में मूसलाधार बारिश, फ्लाइट्स डाइवर्ट; दिल्ली और यूपी में कब पहुंचेगा मॉनसून?
मुंबई में मौसम विभाग ने येलो अलर्ट को ऑरेंज अलर्ट में बदल दिया है। अगले 24 घंटे मुंबई के लिए भारी रहने वाले हैं। इस बार 12 दिन पहले ही मॉनसून महाराष्ट्र पहुंच गया है।

महाराष्ट्र में मॉनसून इस बार समय से 12 दिन पहले ही आ गया है। मुंबई समेत महाराष्ट्र के कई शहरों में मूसलाधार बारिश जारी है। मौसम विभाग ने मुंबई के लिए पहले येलो अलर्ट जारी किया था। हालांकि स्थिति को देखते हुए इसे बदलकर ऑरेंज अलर्ट कर दिया गया है। इसका मतलब है कि मुंबई और आसपास के इलाकों में बहुत भारी बारिश होने वाली है। बारिश की वजह से मुंबई में जन-जीवन पहले से ही अस्त-व्यस्त हो गया है। वहीं आने वाले दिनों में बारिश और भी तबाही मचा सकती है। मुंबई, ठाणे और पालघर जैसे तटीय जिलों में एडवाइजरी जारी की गई है।
डाइवर्ट कर दी गईं फ्लाइट्स
खराब मौसम और कम दृश्यता को देखते हुए कई फ्लाइट डाइवर्ट कर दी गई हैं। जानकारी के मुताबिक गोवा से मुंबई जाने वाली AIC604 फ्लाइट को इंदौर के लिए डाइवर्ट कर दिया गया है। इसके अलावा AIC614 को वापस अहमदाबाद लौटा लिया गया है। यह विमान मुंबई जा रहा था। खराब मौसम की वजह से मुंबई एयरपोर्ट पर उतरने वाली फ्लाइट्स को डाइवर्ट किया गया है।
खाली कराई गईं कमजोर इमारतें
तटीय इलाकों में बिजली गिरने की संभावना बनी हुई है। वहीं मछुआरों को भी समंदर से दूर रहने की सलाह दी गई है। बीएमसी ने शहर में करीब 96 कमजोर इमारतों को खाली करवा लिया है। इनमें रहने वाले 3 हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है। मॉनसून को देखते हुए बीएमसी ने पंपिंग सेट और नालों की सफाई शूरू कर दी है। हालांकि बारिश के चलते इस काम में मुश्किल आ रही है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे बेवजह घर के बाहर ना निकलें। इसके अलावा किसी भी आपताकालीन स्थिति में नगर निगम के हेल्पलाइन नंबरों पर संपर्क करें।
क्यों आ गया इतनी जल्दी मॉनसून
इस बार मॉनसून 8 दिन पहले ही केरल पहुंच गया। वहीं तेजी से आगे बढ़ते हुए यह 12 दिन पहले महाराष्ट्र में दस्तक दे चुका है। मॉनसून की गति और समय समुद्री सतह के तापमान, मैडेन जूलियन ऑसिलेशन, मौसमी हवाओं, अल नीना या फिर ला लनीना और वायुमंडलीय दाब पर निर्भर करता है।
अरब सागर या फिर बंगाल की खाड़ी में अगर समंदर का तापमान तेजी से बढ़ता है तो मॉनसून जल्दी आ जाता है। वहीं अगर जेट स्ट्रीम या फिर अन्य हवाएं दक्षिण की ओर जल्द शिफ्ट हो जाती हैं तो मॉनसून भी जल्दी शुरू हो जाता है। मैडेन जूलियन ऑसिलेशन उस स्थिति को कहते हैं जब हिंद महासागार में बादल ज्यादा इकट्ठा हो जाते हैं। इससे भी मॉनसून जल्दी आने की संभावना रहती है। जानकारों का कहना है कि धरती पर तेजी से जलवायु परिवर्तन हो रहा है। ऐसे में समंदर तेजी से गर्म हो रहा है। इसी वजह से मॉनसून जल्द आने की संभावना बनी रहेगी। इससे पहले 2009 में मॉनसून 23 मई को केरल पहुंच गया था।
दिल्ली और यूपी तक कब पहुंचेगा मॉनसून
राजधानी दिल्ली, यूपी और बिहार में फिलहाल ज्यादातर हिस्सों में तेज धूप चमक रही है। हालांकि मौसम विभाग ने कुछ जगहों पर हल्की बारिश का अनुमान लगाया है। उत्तर प्रदेश में मॉनसून कब आएगा इसको लेकर अभी कोई स्पष्ट अनुमान नहीं लग पाया है। जानकारों का कहना है कि बंगाल की खाड़ी से आने वाला मॉनसून पहले पूर्वोत्तर के राज्यों में पहुंचता है। वहां अब तक मॉनसून नहीं पहुंचा है। ऐसे में उत्तर प्रदेश और दिल्ली को लेकर भी सटीक भविष्यवाणी अभी नहीं की जा सकती। वहीं यूपी के बाद मॉनसून दिल्ली पहुंचता है।
आम तौर पर उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में सबसे पहले मॉनसून पहुंचता है। अनुमान के मुताबिक 18 जून को मॉनसून गोरखपुर पहुंचता है। अगर बंगाल की खाड़ी से आने वाला मॉनसून अच्छी रफ्तार से आगे बढ़ा तो समय से पहले भी मॉनसून उत्तर प्रदेश में दस्तक दे सकता है। अगले एक सप्ताह मॉनसून पूर्वोत्तर के राज्यों तक पहुंच सकता है। इसके बाद 4 जून तक यह मध्य और पूर्वी भारत को कवर कर सकता है। आम तौर पर मॉनसून 1 जून को केरल पहुंचता है। इसके बाद 8 जुलाई तक यह पूरे देश को कवर करता है और 17 सितंबर को वापस लौटने लगता है।
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