Apara ekadashi date 2025: अपरा एकादशी का व्रत रखने से क्या होता है लाभ
Apara ekadashi date and time: कहा जाता है कि अपरा एकादशी का व्रत करने से सभी पाप कट जाते हैं। इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि दशमी के दिन अगर एकादशी की आधी तिथि पड़े तो उस दिन नहीं बल्कि अगले दिन एकादशी व्रत करना चाहिए।

ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अपरा एकादशी मनाई जाती है। इस साल यह एकादशी 23 मई को मनाई जाएगी। आपको बता दें कि पंचांग के अनुसार, 23 मई को देर रात 01 बजकर 12 मिनट पर शुरू होगी और 23 मई को देर रात 10 बजकर 29 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। उदयातिथि 23 मई को पड़ रही है,इसलिए अपरा एकादशी 23 मई को मनाई जाएगी। अपरा एकादशी के बाद ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष में निर्जला एकादशी व्रत रखा जाता है। ऐसा कहा जाता है कि यह व्रत बहुत खास है। सभी एकादशी में निर्जला एकादशी बहुत महत्व रखती है।
अपरा एकादशी से लाभ
कहा जाता है कि इस दिन का व्रत करने से सभी पाप कट जाते हैं। व्यक्ति को इस व्रत को रखने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि दशमी के दिन अगर एकादशी की आधी तिथि पड़े तो उस दिन नहीं बल्कि अगले दिन एकादशी व्रत करना चाहिए। दशमी की रात्रि से अन्न का त्याग कर देना चाहिए और सुबह व्रत का संकल्प करना चाहिए। व्रत के नियमों का पालन करना चाहिए। भगवान का भजन करना चाहिए। हो सके तो भगवान का प्रसाद से ही व्रत का पारण करना चाहिए।
अपरा एकादशी पर क्या दान करें
अपरा एकादशी ज्येष्ठ मास में रखा जाता है, इसलिए इस दिन भी जलदान करना उत्तम रहता है, मटका पंखा, खरबूज, फलों का दान इसदिन करना चाहिए। गरीबों को अन्न का दान करना चाहिए। कहा जाता है कि इस दिन अन्न और जल का दान आपके लिए बहुत अधिक फलदायी रहता है।
अपरा एकादशी पर क्या खाएं
अपरा एकादशी का व्त दशमी तिथि से ही शुरु हो जाता है। इसलिए इस दशमी तिथि की रात्रि से भोजन ना करें। इस दिन अन्न और चावल का दान किया है। अधिकतर लोग इस दिन नमक भी नहीं खाते हैं। इस दिन फलाहार करना उत्तम रहता है।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।