Eid 2025: Kab Hai Eid Al Fitr When is Eid in India Know when the moon will be visible Eid Al Fitr: भारत में ईद कब है? जानें कब होगा चांद का दीदार, एस्ट्रोलॉजी न्यूज़ - Hindustan
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Eid Al Fitr: भारत में ईद कब है? जानें कब होगा चांद का दीदार

  • Eid 2025, Kab Hai Eid Al Fitr: रमजान उल मुबारक महीना अब अंतिम दिनों से गुजर रहा है। ईद-उल-फितर की सही तारीख चांद के दीदार पर निर्भर करती है। संभावना है कि 31 मार्च या 1 अप्रैल को ईद का त्योहार मनाया जाएगा।

Shrishti Chaubey लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीWed, 26 March 2025 02:33 PM
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Eid Al Fitr: भारत में ईद कब है? जानें कब होगा चांद का दीदार

Eid 2025, Kab Hai Eid Al Fitr: ईद-उल-फितर की सही तारीख चांद के दीदार पर निर्भर करती है। रमजान खत्म होने के बाद ईद का त्योहार मनाते हैं, जिसे मीठी ईद के नाम से भी जानते हैं। इस्लामिक कैलेंडर में रमजान नौवां महीना है। रमजान उल मुबारक महीना अब अंतिम दिनों से गुजर रहा है। रमजान में रोजा रख अल्लाह की इबादत की जाती है। इस पवित्र महीने में अल्लाह के बताए रास्ते पर चलने और गरीबों की मदद करने की परंपरा है। मान्यता है कि इसी महीने में पैगंबर मोहम्मद साहब को कुरान शरीफ का ज्ञान मिला था। तभी से मुस्लिम समुदाय के लोग रमजान में 30 दिनों तक रोजे रखते हैं और इबादत करते हैं। इसके बाद ईद-उल-फितर का त्योहार मनाया जाता है, जिसमें लोग एक-दूसरे को शुभकामनाएं देते हैं।

भारत में ईद कब है: इस साल 2 मार्च को रमजान का पवित्र महीना शुरू हुआ था। इस्लामिक कैलेंडर की मानें तो ईद-उल-फितर रमजान समाप्ति और शव्वाल महीने की पहले दिन मनाई जाती है।

जानें कब होगा चांद का दीदार: अगर शव्वाल का चांद 30 मार्च की रात को दिखता है तो सोमवार 31 मार्च को ईद मानी जाएगी। वहीं, अगर चांद 31 मार्च की रात को दिखेगा तो ईद का त्योहार 1 अप्रैल को मनेगी।

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मुस्लिम समुदाय का एक माह तक चलने वाला माहे रमाजन अब समाप्ति की ओर है। चांद का दीदार होने पर रमजान माह की शुरुआत हुई है। रमजान मुसलमानों के लिए बेहद जरूरी माना जाता है। इस माह के अंत में ईद-उल-फितर का त्योहार भी मनाया जाता है। इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार, मोहम्मद साहब को इसी महीने में इस्लाम धर्म की पवित्र पुस्तक कुरान शरीफ का ज्ञान प्राप्त हुआ था। तब से इस महीने को रमजान के तौर पर मनाया जाने लगा। इस्लाम में मानने वाले लोग रमजान के दौरान सांसारिक सुखों, फिजूलखर्ची को छोड़कर दान करते हैं। मान्यताओं के अनुसार, माह-ए-रमजान का महीना अफजल महीना होता है। इस माह मुसलमान एहतराम के साथ रोजा रखते हैं। माह-ए-रमजान के महीना अल्लाह का महीना है। रमजान के रोजा फर्ज है। इसमें एक फर्ज नमाज में 70 गुना अधिक सवाब(पुण्य) मिलता है। तरावीह की नमाज की भी काफी अहमियत है। माना जाता है कि रमजान में हर नेकी का बदला अल्लाह खुद देता है। हर सेहतमंद पर रोजा फर्ज है।

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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