Maha Shivratri Ke Upay: Do upay for peace of 9 planets on Mahashivratri 2025 Vrat Paran vidhi महाशिवरात्रि पर 9 ग्रहों की शांति के लिए करें ये उपाय, जानें व्रत पारण करने का तरीका, एस्ट्रोलॉजी न्यूज़ - Hindustan
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महाशिवरात्रि पर 9 ग्रहों की शांति के लिए करें ये उपाय, जानें व्रत पारण करने का तरीका

  • Maha Shivratri Ke Upay: आज बुधवार के दिन महाशिवरात्रि का व्रत रख शिव पूजन किया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन कुछ उपाय करने से ग्रहों की स्थिति मजबूत कर सकते हैं और दोष का प्रभाव भी कम कर सकते हैं।

Shrishti Chaubey लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीWed, 26 Feb 2025 11:06 AM
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महाशिवरात्रि पर 9 ग्रहों की शांति के लिए करें ये उपाय, जानें व्रत पारण करने का तरीका

Maha Shivratri Ke Upay: महाशिवरात्रि का दिन भगवान शिव व मां पार्वती की समर्पित है। इस दिन महादेव का आशीर्वाद पाने के लिए कई शिव भक्त व्रत, रुद्राभिषेक व उपाय करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन कुछ उपाय करने से ग्रहों की स्थिति मजबूत कर सकते हैं और दोष का प्रभाव भी कम कर सकते हैं।

महाशिवरात्रि पर रुद्राभिषेक करने से कार्य की सिद्धि शीघ्र होती है। धन की इच्छा रखने वाले व्यक्ति को स्फटिक शिवलिंग पर गोदुग्ध से, सुख-समृद्धि की इच्छा रखने वाले व्यक्ति को गोदुग्ध में चीनी व मेवे के घोल से, शत्रु विनाश के लिए सरसों के तेल से, पुत्र प्राप्ति के लिए मक्खन या घी से, अभिष्ट की प्राप्ति को गोघृत से तथा भूमि भवन एवं वाहन की प्राप्ति को शहद से रुद्राभिषेक करना चाहिए।

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महाशिवरात्रि पर 9 ग्रहों की शांति के लिए करें ये उपाय

  1. अगर जन्म कुण्डली में सूर्य से सम्बन्धित कष्ट या रोग हो तो श्वेतार्क के पत्तों को पीस कर गंगाजल में मिलाकर रुद्राभिषेक करें।
  2. चन्द्रमा से सम्बन्धित कष्ट या रोग हो तो काले तिल को पीसकर गंगाजल में मिलाकर अभिषेक करें
  3. मंगल से सम्बन्धित कष्ट या रोग हो तो अमृता के रस को गंगाजल में मिलाकर अभिषेक करें
  4. बुध जनित रोग या कष्ट हो तो विधारा के रस से अभिषेक करें
  5. गुरु जन्य कष्ट या रोग हो तो हल्दी मिश्रित गोदुग्ध से अभिषेक करें
  6. शुक्र से सम्बन्धित रोग एवं कष्ट हो तो गोदुग्ध के छाछ से अभिषेक करें
  7. शनि से सम्बन्धित रोग या कष्ट होने पर शमी के पत्ते को पीस कर गंगाजल में मिलाकर अभिषेक करें

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  • राहु जनित कष्ट व पीड़ा होने पर दूर्वा मिश्रित गंगा जल से अभिषेक करें
  • केतु जनित कष्ट या रोग होने पर कुश की जड़ को पीसकर गंगाजल में मिश्रित करके रुद्राभिषेक करने पर कष्टों का निवारण होता है व समस्त ग्रह जनित रोग का समन होता है।

जानें व्रत पारण करने का तरीका: शिव मन्दिर में व्रती को चाहिए कि वह पंचामृत से अभिषेक कर दूसरे दिन सूर्योदय के बाद काले तिल, त्रिमधु युक्त पायस व नवग्रह समिधा से हवन कर एक सन्यासी को भोजन कराकर स्वयं पारण करें। शिवलिङ्ग पर चढाई गयी कोई भी वस्तु जनसामान्य के लिए ग्राह्य नहीं है, अपितु अलग से मिष्ठान फल आदि का भोग लगा कर उसे इष्ट मित्रों में वितरण कर स्वयं भी ग्रहण करना चाहिए।

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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