Mahavir Jayanti 2025 Date Time Puja Vidhi Shubh Muhurat Importance Mahavir Jayanti 2025 : जैन धर्म का प्रमुख त्योहार महावीर जयंती आज, जानें पूजा-विधि और महत्व, एस्ट्रोलॉजी न्यूज़ - Hindustan
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Mahavir Jayanti 2025 : जैन धर्म का प्रमुख त्योहार महावीर जयंती आज, जानें पूजा-विधि और महत्व

  • Mahavir Jayanti 2025 : महावीर जयंती का पावन पर्व बड़े ही हर्षो- उल्लास के साथ मनाया जाता है। भगवान महावीर जैन धर्म के अंतिम आध्यात्मिक लीडर थे। भगवान महावीर का जन्म 6वीं शताब्दी ईसा पूर्व में बिहार में हुआ था।

Yogesh Joshi लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 10 April 2025 07:54 AM
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Mahavir Jayanti 2025 : जैन धर्म का प्रमुख त्योहार महावीर जयंती आज, जानें पूजा-विधि और महत्व

Mahavir Jayanti 2025 : महावीर जयंती का पावन पर्व बड़े ही हर्षो- उल्लास के साथ मनाया जाता है। भगवान महावीर जैन धर्म के अंतिम आध्यात्मिक लीडर थे। भगवान महावीर का जन्म 6वीं शताब्दी ईसा पूर्व में बिहार में हुआ था। भगवान महावीर का जन्म जन्म रानी त्रिशला और राजा सिद्धार्थ से हुआ था। 30 वर्ष की आयु में उन्होंने सबकुछ छोड़कर आध्यात्मिक मार्ग अपना लिया। जैन धर्म का प्रमुख त्योहार महावीर जयंती है। हर साल चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर महावीर जयंती मनाई जाती है। इस दिन भगवान महावीर की मूर्ति के साथ जूलूस निकाला जाता है और धार्मिक गीत गाए जाते हैं। इस साल 10 अप्रैल, गुरुवार को भगवान महावीर के जन्म का उत्सव मनाने के लिए महावीर जयंती मनाई जाती है। इस पर्व को जैन समुदाय के लोग बड़े ही धूम-धाम से मनाते हैं।

मुहूर्त-

त्रयोदशी तिथि प्रारम्भ - अप्रैल 09, 2025 को 10:55 पी एम बजे

त्रयोदशी तिथि समाप्त - अप्रैल 11, 2025 को 01:00 ए एम बजे

भगवान महावीर के 5 संस्कार-

अहिंसा

सत्य

ईमानदारी

ब्रह्मचर्य (शुद्धता)

गैर-भौतिक चीजों से दूरी

महावीर स्वामी के पांच सिद्धांत-

  1. जिस प्रकार धागे से बंधी (ससुत्र) सुई खो जाने से सुरक्षित है, उसी प्रकार स्व-अध्ययन (ससुत्र) में लगा व्यक्ति खो नहीं सकता है।

2. वो जो सत्य जानने में मदद कर सके, चंचल मन को नियंत्रित कर सके, और आत्मा को शुद्ध कर सके उसे ज्ञान कहते हैं।

3. हर एक जीवित प्राणी के प्रति दया रखो, घृणा से विनाश होता है

4. सभी मनुष्य अपने स्वयं के दोष की वजह से दुखी होते हैं , और वे खुद अपनी गलती सुधार कर प्रसन्न हो सकते हैं।

5. आत्मा अकेले आती है अकेले चली जाती है , न कोई उसका साथ देता है न कोई उसका मित्र बनता है।

पूजा-विधि: महावीर जयंती के दिन जैन धर्म के लोग उपवास रखते हैं और जैन ग्रंथों का पाठ करते हैं। अहिंसा और शाकाहार को बढ़ावे देने वाले कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।

महावीर जयंती का महत्व- महावीर जयंती का जैन धर्म में बहुत अधिक महत्व होता है। यह केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं है, बल्कि यह मानवता, शांति और नैतिक जीवन की ओर एक महत्वपूर्ण कदम को बढ़ावा देने का दिन है।

महावीर स्वामी के शरीर में 1008 उत्तम चिन्ह थे

भगवान महावीर स्वामी के शरीर की ऊंचाई 7 फुट थी। रंग पीला स्वर्ण जैसा था। सवार्ंग सुंदर उनकी आकृति थी। सुगंधित श्वास था। अछ्वुत रूप अतिशय बल एवं मधुर वाणी थी। उस शरीर में 1००8 उत्तम चिन्ह थे। वैशाख शुक्ला दशमी के दिन ऋजुकला नदी के तट पर वीर प्रभु को केवल ज्ञान हुआ। समवशरण की रचना हुई तथा कार्तिक कृष्णा अमावस्या के दिन महावीर भगवान पावापुरी के पदम सरोवर नामक स्थान से मोक्ष पधारे।

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