mohini ekadashi vrat date time puja vidhi tulsi pipal puja importance significance Mohini Ekadashi Vrat : मोहिनी एकादशी पर भगवान विष्णु के साथ तुलसी और पीपल पूजा करने का है विशेष महत्व, एस्ट्रोलॉजी न्यूज़ - Hindustan
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Mohini Ekadashi Vrat : मोहिनी एकादशी पर भगवान विष्णु के साथ तुलसी और पीपल पूजा करने का है विशेष महत्व

Mohini Ekadashi 2025 : हिंदू पंचांग के अनुसार हर माह में दो बार एकादशी तिथि पड़ती है। एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में। वैशाख माह में शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी तिथि को मोहिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है।

Yogesh Joshi लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSat, 3 May 2025 09:44 PM
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Mohini Ekadashi Vrat : मोहिनी एकादशी पर भगवान विष्णु के साथ तुलसी और पीपल पूजा करने का है विशेष महत्व

Mohini Ekadashi 2025 : हिंदू पंचांग के अनुसार हर माह में दो बार एकादशी तिथि पड़ती है। एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में। वैशाख माह में शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी तिथि को मोहिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का बहुत अधिक महत्व होता है। यह तिथि विष्णु भगवान को समर्पित होती है। इस दिन विधि-विधान से विष्णु भगवान की पूजा-अर्चना की जाती है। मोहिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के मोहिनी स्वरूप की पूजा-अर्चना की जाती है। इस पावन दिन विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने से समस्त पापों का नाश होता है और मृत्य़ु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है।

पीपल और तुलसी की पूजा का विशेष महत्व-

इस तिथि पर भगवान विष्णु के साथ पीपल और तुलसी के पौधे की पूजा की भी परंपरा है। ऐसा करने से इस व्रत का पूरा फल मिलता है। पीपल में भगवान विष्णु का वास माना जाता है। वहीं, तुलसी को लक्ष्मीजी का रूप माना गया है।"

मोहिनी एकादशी डेट- 8 मई 2025, गुरुवार

मोहिनी एकादशी शुभ मुहूर्त

एकादशी तिथि प्रारम्भ - मई 07, 2025 को 10:19 ए एम बजे

एकादशी तिथि समाप्त - मई 08, 2025 को 12:29 पी एम बजे

पारण (व्रत तोड़ने का) समय - 9 मई को 05:34 ए एम से 08:16 ए एम तक

पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय - 02:56 पी एम

मोहिनी एकादशी व्रत की पूजा-विधि...

इस पावन दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।

स्नान करने के बाद साफ- स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

इसके बाद घर के मंदिर की साफ- सफाई करने के बाद घी का दीपक प्रज्वलित करें।

विष्णु भगवान का गंगा जल से अभिषेक करें।

इसके बाद विष्णु भगवान को साफ- स्वच्छ वस्त्र पहनाएं।

विष्णु भगवान की आरती करें और भोग लगाएं। विष्णु भगवान के भोग में तुलसी को जरूर शामिल करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बिना तुलसी के विष्णु भगवान भोग स्वीकार नहीं करते हैं। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जा सकता है।

एकादशी व्रत पूजा सामग्री लिस्ट- श्री विष्णु जी का चित्र अथवा मूर्ति, पुष्प, नारियल, सुपारी, फल, लौंग, धूप, दीप, घी, पंचामृत, अक्षत, तुलसी दल, चंदन, मिष्ठान।

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