Navratri Day 2 Chaitra Navratri 2025 2nd day Muhurat Time Pooja vidhi mantra bhog Navratri colour flower Navratri Day 2: चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन कब करें पूजा? जानें मां ब्रम्हाचरिणी का मंत्र, भोग, रंग, फूल, एस्ट्रोलॉजी न्यूज़ - Hindustan
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Navratri Day 2: चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन कब करें पूजा? जानें मां ब्रम्हाचरिणी का मंत्र, भोग, रंग, फूल

  • Navratri Day 2 Chaitra Navratri 2025: चैत्र नवरात्रि का दूसरा दिन माता ब्रह्मचारिणी का दिन माना जाता है। इस दिन पूरे विधि-विधान से माता ब्रह्मचारिणी की पूजा-उपासना करने से जीवन के सभी कष्ट दूर हो सकते हैं।

Shrishti Chaubey लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSun, 30 March 2025 06:54 PM
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Navratri Day 2: चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन कब करें पूजा? जानें मां ब्रम्हाचरिणी का मंत्र, भोग, रंग, फूल

Navratri Day 2 Chaitra Navratri 2025, Maa Brahmacharini: चैत्र नवरात्रि 2025 का दूसरा दिन माता ब्रह्मचारिणी को समर्पित है। विधि-विधान से मां की आराधना कर ज्ञान-ध्यान के साथ वैराग्य की प्राप्ति होती है। मां ब्रह्मचारिणी सरल स्वभाव वाली व दुष्टों को मार्ग दिखाने वाली हैं। मां ब्रह्मचारिणी ध्यान, ज्ञान व वैराग्य की अधिष्ठात्री देवी हैं। नवरात्रि के दूसरे दिन विधिवत मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है। मां ब्रह्मचारिणी का उद्भव ब्रह्मा जी के कमंडल से माना जाता है। इसीलिए इनका नाम ब्रह्मचारिणी पड़ा। जानें, ब्रह्मचारिणी मां की पूजा-विधि, पसंदीदा भोग, शुभ मुहूर्त, रंग, व फूल के बारे में-

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पूजा मुहूर्त

ब्रह्म मुहूर्त 04:40 से 05:26

प्रातः सन्ध्या 05:03 से 06:12

अभिजित मुहूर्त 12:01 से 12:50

विजय मुहूर्त 14:30 से 15:19

गोधूलि मुहूर्त 18:37 से 19:00

सायाह्न सन्ध्या 18:38 से 19:48

अमृत काल 07:24 से 08:48

निशिता मुहूर्त 00:02, अप्रैल 01 से 00:48, अप्रैल 01

रवि योग 13:45 से 14:08

  • ब्रह्मचारिणी मां का मंत्र- या देवी सर्वभूतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः
  • ह्रीं श्री अम्बिकायै नम:
  • दधाना काभ्याम् क्षमा कमण्डलू। देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा

सामग्री: मां ब्रह्मचारिणी के हवन में सामग्री के साथ धूप, कपूर, लौंग, सूखे मेवा, मिश्री-मिष्ठान, देसी घी के साथ आहुति देकर पूजन किया जाता है।

मां ब्रह्मचारिणी का प्रिय भोग- फल, सफेद मिठाई, मिश्री, खीर

मां ब्रह्मचारिणी का प्रिय रंग- सफेद

मां ब्रह्मचारिणी का प्रिय फूल- सफेद फूल

मां ब्रह्मचारिणी पूजा-विधि: सुबह उठकर स्नान करें और मंदिर साफ करें। दुर्गा माता का गंगाजल से अभिषेक करें। मैया को अक्षत, लाल चंदन, चुनरी और लाल पुष्प अर्पित करें। सभी देवी-देवताओं का जलाभिषेक कर फल, फूल और तिलक लगाएं। प्रसाद के रूप में फल और मिठाई चढ़ाएं। घर के मंदिर में धूपबत्ती और घी का दीपक जलाएं। दुर्गा सप्तशती और दुर्गा चालीसा का पाठ करें। पान के पत्ते पर कपूर और लौंग रख माता ब्रह्मचारिणी की आरती करें। अंत में क्षमा प्रार्थना करें। मान्यताओं के अनुसार, भगवती ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से भगवान शिव भी प्रसन्न होते हैं।

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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