Navratri Navami: नवमी हवन करने का आसान तरीका, जानें पूजन व हवन करने का मुहूर्त, विधि व मंत्र
- Navratri Navami Havan Muhurat: आज नवमी तिथि, चैत्र नवरात्रि का नौवां और आखिरी दिन है। कई लोग नवमी पर हवन पूजा और कन्याओं को भोजन कराते हैं। जानें आज हवन कब और कैसे करना शुभ रहेगा-

Navratri Navami Havan Muhurat: 06 अप्रैल को चैत्र नवरात्रि 2025 की नवमी है। नवमी तिथि चैत्र नवरात्रि का नौवां और आखिरी दिन है। ज्यादातर लोग इसी दिन पर हवन पूजा और कन्याओं को भोजन कराते हैं। आज नवमी तिथि शाम के 7 बजकर 22 मिनट तक ही है। इसके बाद दशमी तिथि लग रही है। नवमी तिथि में हवन व कन्या पूजा करना शुभ माना जाता है। जानें, 6 मार्च नवरात्रि नवमी पर हवन व कन्या पूजन के शुभ मुहूर्त, विधि, व मंत्र-
पूजन व हवन करने का मुहूर्त: ज्योतिषाचार्य विभोर इंदूसुत के अनुसार, रामनवमी पर सुबह 9-10.30 बजे तक बहुत लाभकारी मुहूर्त है। ज्योतिषचार्य भारत ज्ञान भूषण के अनुसार, 6 अप्रैल रविवार को नवमी पर लाभामृत मुहूर्त प्रातः 09:15 से दोपहर 12:23 बजे तक रहेगा। इस दौरान हवन पूजन व कन्या पूजन दोनों श्रेष्ठ रहेगा। इसके साथ पंचांग अनुसार, रवि पुष्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, व रवि योग पूरे दिन रहेंगे।
नवमी हवन करने का आसान तरीका: सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर साफ-स्वच्छ वस्त्र पहनें। हवन कुंड को साफ कर लें। इसके बाद हवन के लिए साफ-सुथरे स्थान पर हवन कुंड स्थापित करें। पूजा शुरू करने से पहले भगवान गणेश का ध्यान करें। अब गंगाजल का छिड़काव कर सभी देवताओं का आवाहन करें। अब हवन कुंड में आम की लकड़ी, घी और कपूर से अग्नि प्रज्जवलित करें। ऊं आग्नेय नम: स्वाहा मंत्र बोलकर अग्नि देव का ध्यान करें। ऊं गणेशाय नम: स्वाहा मंत्र बोलकर अगली आहुति दें। इसके बाद नौ ग्रहों (ऊं नवग्रहाय नम: स्वाहा) और कुल देवता (ऊं कुल देवताय नम: स्वाहा) का ध्यान करें। इसके बाद हवन कुंड में सभी देवी-देवताओं के नाम की आहुति डालें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हवनकुंड में कम से कम 108 बार आहुति डालनी चाहिए। देवी दुर्गा के नौ रूपों का ध्यान करते हुए आहुति डालें। अंत में बची हुई हवं सामग्री को एक पान के पत्ते पर एकत्रित कर, पूड़ी, हलवा, चना, सुपारी, लौंग आदि रख आहुति डालें। इसके बाद पूरी श्रद्धा के साथ मां की आरती करें। पूरी, हलवा, खीर या श्रद्धानुसार भोग लगाएं। आचवनी करें। क्षमा प्रार्थना करें। सभी को आरती दें और प्रसाद खिलाएं।
हवन पूजन मंत्र
- ऊं आग्नेय नम: स्वाहा
- ऊं गणेशाय नम: स्वाहा
- ऊं नवग्रहाय नम: स्वाहा
- ऊं कुल देवताय नम: स्वाहा
- ऊं ब्रह्माय नम: स्वाहा
- ऊं विष्णुवे नम: स्वाहा
- ऊं शिवाय नम: स्वाहा
- ऊं दुर्गाय नम: स्वाहा
- ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे
- ऊं महाकालिकाय नम: स्वाहा
- ऊं भैरवाय नम: स्वाहा
- ऊं जयंती मंगलाकाली, भद्रकाली कपालिनी दुर्गा क्षमा शिवाधात्री स्वाहास्वधा नमस्तुति स्वाहा
- ऊं ब्रह्मा मुरारी त्रिपुरांतकारी भानु: शशि भूमि सुतो बुधश्च: गुरुश्च शुक्र शनि राहु केतव सर्वे ग्रहा शांति करा भवंतु स्वाहा।
- ॐ दुं दुर्गायै नमः स्वाहा।
- ॐ श्रीं ह्रीं दुं दुर्गायै नमः स्वाहा।
- ॐ दुर्गायै दुर्गपारायै सारायै सर्वकारिण्यै। ख्यात्यै तथैव कृष्णायै धूम्रा सततं नमः ।। स्वाहा।
पूजाविधि
- सुबह उठकर स्नान करें और मंदिर साफ करें।
- दुर्गा माता का गंगाजल से अभिषेक करें।
- मैया को अक्षत, लाल चंदन, चुनरी और लाल पुष्प अर्पित करें।
- सभी देवी-देवताओं का जलाभिषेक कर फल, फूल और तिलक लगाएं।
- प्रसाद के रूप में फल , मेवा, पूरी हलवा, चना और मिठाई चढ़ाएं।
- धूपबत्ती और घी का दीपक जलाएं
- दुर्गा सप्तशती और दुर्गा चालीसा का पाठ करें
- हवन करने के बाद पान के पत्ते पर कपूर और लौंग रख माता की आरती करें।
- क्षमा प्रार्थना करें।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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