Ramadan 2025: माह-ए-रमजान के लिए आज देखा जाएगा चांद, जानें पहले रोजे के लिए सेहरी और इफ्तार टाइम
- माह-ए- रमजान को लेकर मौलाना ने लोगों को खास नसीहत देते हुए कहा कि एहतराम के साथ माह-ए-रमजान का इस्तेकबाल(स्वागत)करें। माह-ए-रमजान अफजल महीना है। मुसलमान रोजा कसरत के साथ रखें।

मुस्लिम समुदाय का पाक, इबादत व परहेजगार का महीना माह-ए-रमजान एक मार्च से शुरू होने की उम्मीद है। हालांकि यह बात चांद दिखने पर निर्भर है। मौलाना के अनुसार अगर 29 का चांद हुआ तो 28 फरवरी को देखा जाएगा। उस हिसाब से एक मार्च को पहला रोजा रखा जाएगा। अन्यथा दो मार्च को पहला रोजा होगा। माह-ए- रमजान को लेकर मौलाना ने लोगों को खास नसीहत देते हुए कहा कि एहतराम के साथ माह-ए-रमजान का इस्तेकबाल(स्वागत)करें। माह-ए-रमजान अफजल महीना है। मुसलमान रोजा कसरत के साथ रखें। माह-ए-रमजान को लेकर मुस्लिम समुदाय के लोग कई दिनों से तैयारी में जुटे हैं। लोग घरों की साफ-सफाई से लेकर कई तैयारी कर चुके है। माह-ए-रमजान को लेकर बाजारों में भी चहल-पहल देखी जा रही है। फल दुकानें अभी से सज गई हैं। लोग इफ्तार व सेहरी के सामानों की खरीदारी में लगे हैं। शहर के सभी मस्जिदों में साफ-सफाई व लाइट आदि की मरम्मती की जा रही है। नमाज व तरावीह की विशेष नमाज को लेकर व्यवस्था की गई है।
इन बातों पर रखें खास ख्याल:
-बुराईयों से परहेज करें
-पांबदी के साथ पांच वक्त की नमाज पढ़े।
-किसी की गीबत (शिकायत) न करें।
-माह-ए-रमजान अल्लाह का महीना है। इसी माह में कुरआन नाजिल हुआ है। माह-ए-रमजान के महीना अल्लाह का महीना है। रमजान के रोजा फर्ज है। इसमें एक फर्ज नमाज में 70 गुना अधिक सवाब(पुण्य) मिलता है। तरावीह की नमाज की भी काफी अहमियत है। रमजान में हर नेकी का बदला अल्लाह खुद देता है। हर सेहतमंद पर रोजा फर्ज है।
तारीख रोजा सेहरी टाइम इफ्तार टाइम
1 मार्च 2025 -05:25 AM 6:23 PM
2 मार्च 2025 - 05:24 AM 6:24 PM
हाफिज मो. अबरार हुसैन
पेशइमाम, कुलीपाड़ा मस्जिद
माह-ए-रमजान का महीना अफजल महीना है। इसकी खुशी है। मुसलमानों को एहतराम के साथ रोजा रखना है। इसमें ज्यादा से ज्यादा इबादत करें। माह-ए-रमजान का रोजा फ़र्ज़ है। अल्लाह ने इसमे तीन अशरा अता किया है। इसमें सदका, फितरा व जकाअत भी शामिल है।
हाफिज अब्दुल बारी
पेशइमाम, हबीबपुर मस्जिद
दूसरे कामों के साथ रोजा रख नमाज-तरावीह पढेंगे युवा
माह-ए-रमजान को लेकर खासकर युवाओं में खुशी है। युवा माह-ए-रमजान को लेकर तरावीह की विशेष नमाज पढ़ने को लेकर योजना बना ली है। शहर के कई युवाओं ने बताया कि रमजान में दैनिक कामकाज के साथ रोजा-नमाज के साथ तरावीह भी पढ़ना है। इसलिए समय की थोड़ी किल्लत होगी। पर उसे मैनेज कर लिया जाएगा। कुछ युवाओं ने 10 दिनों के तरावीह की विशेष नमाज पढ़ने की बात कही है।
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