Apara Ekadashi Vrat 2024 kab hai date time puja vidhi shubh muhrat parana time Apara Ekadashi 2024: 2 या 3 जून कब है अपरा एकादशी व्रत? जानें पूजन का सटीक मुहूर्त, पारण टाइमिंग व पूजा-विधि, एस्ट्रोलॉजी न्यूज़ - Hindustan
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Apara Ekadashi 2024: 2 या 3 जून कब है अपरा एकादशी व्रत? जानें पूजन का सटीक मुहूर्त, पारण टाइमिंग व पूजा-विधि

Apara Ekadashi Vrat 2024: हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह तिथि भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है। इस दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा की जाती है।

Yogesh Joshi लाइव हिन्दुस्तान टीम, नई दिल्लीSun, 2 June 2024 08:50 AM
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Apara Ekadashi 2024: 2 या 3 जून कब है अपरा एकादशी व्रत? जानें पूजन का सटीक मुहूर्त, पारण टाइमिंग व पूजा-विधि

Apara Ekadashi Vrat 2024: हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह तिथि भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है। इस दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर महीने दो एकादशी तिथियां आती हैं। इस तरह से साल में कुल 24 एकादशी आती हैं। ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को अपरा एकादशी कहते हैं। इस बार अपरा एकादशी 2 दिन पड़ रही है। 2 जून और 3 जून को अपरा एकादशी है। गृहस्थ लोग 2 जून को अपरा एकादशी व्रत करेंगे और वैष्णवजन 3 जून को अपरा एकादशी व्रत करेंगे।

मुहूर्त- 

  • एकादशी तिथि प्रारम्भ - जून 02, 2024 को 05:04 ए एम बजे

  • एकादशी तिथि समाप्त - जून 03, 2024 को 02:41 ए एम बजे

  • 3 जून को व्रत पारणा टाइम- 

    • पारण (व्रत तोड़ने का) समय - 3 जून को 08:05 ए एम से 08:23 ए एम

  • पारण तिथि के दिन हरि वासर समाप्त होने का समय - 08:05 ए एम

  • 4 जून को व्रत पारणा टाइम- 

    • पारण (व्रत तोड़ने का) समय - 4 जून को 05:41 ए एम से 08:23 ए एम
    • पारण के दिन द्वादशी सूर्योदय से पहले समाप्त हो जाएगी।

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    अपरा एकादशी महत्व-

    हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, अपरा एकादशी का व्रत रखने से व्रती की आर्थिक तंगी दूर होती है। पापों से मुक्ति मिलती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से जातक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

    अपरा एकादशी पूजा- विधि

    सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।
    घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
    भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें।
    भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें।
    अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें।
    भगवान की आरती करें। 
    भगवान को भोग लगाएं। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है। भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को जरूर शामिल करें। ऐसा माना जाता है कि बिना तुलसी के भगवान विष्णु भोग ग्रहण नहीं करते हैं। 
    इस पावन दिन भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा भी करें। 
    इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें। 

    एकादशी पूजा सामग्री लिस्ट

    • श्री विष्णु जी का चित्र अथवा मूर्ति
    • पुष्प
    • नारियल 
    • सुपारी
    • फल
    • लौंग
    • धूप
    • दीप
    • घी 
    • पंचामृत 
    • अक्षत
    • तुलसी दल
    • चंदन 
    • मिष्ठान