New Education Policy 2020 Promotes Arts and Culture in Indian Schools सुपौल: नई शिक्षा नीति 2020 के माध्यम से कला व संस्कृति को मिलेगा बढ़ावा, Araria Hindi News - Hindustan
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सुपौल: नई शिक्षा नीति 2020 के माध्यम से कला व संस्कृति को मिलेगा बढ़ावा

नई शिक्षा नीति 2020 के तहत कला और संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा। जिला शिक्षा व प्रशिक्षण संस्थान की व्याख्याता सुषमा श्रेष्ठ ने बताया कि यह नीति बच्चों में सांस्कृतिक जागरूकता और रचनात्मकता को सुदृढ़...

Newswrap हिन्दुस्तान, अररियाTue, 8 April 2025 05:52 PM
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सुपौल: नई शिक्षा नीति 2020 के माध्यम से कला व संस्कृति को मिलेगा बढ़ावा

सुपौल। नई शिक्षा नीति 2020 के माध्यम से कला व संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा। इसमें देश की सांस्कृतिक वरासत का संरक्षण, संवर्धन और प्रसार को प्राथमिकता देने की बात कही गई है। भारतीय कलाओं का प्रचार और प्रसार केवल राष्ट्र के लिए नहीं, बल्कि व्यक्ति विशेष के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है। यह बातें जिला शिक्षा व प्रशिक्षण संस्थान (डायट) बसहा में प्रतिनियुक्त व्याख्याता सुषमा श्रेष्ठ ने कहीं। उन्होंने कहा कि कला बच्चों में सांस्कृतिक जागरूकता और उसकी अभिव्यक्ति की क्षमता को सुदृढ करती है। नई शिक्षा नीति के तहत स्कूल में कला व संस्कृति पर आधारित शैक्षणिक माहौल बनेगा। छात्रों में रचनात्मकता, आलोचनात्मक विचार और सांस्कृतिक समझ विकसित होगा। उन्होंने बताया कि पिछले महीने राजस्थान के उदयपुर सीसीआरटी में देश भर के 14 राज्यों के 64 व्याख्याताओं को प्रशिक्षित किया गया। बिहार से व्याख्याता सुषमा श्रेष्ठ भी प्रशिक्षण में शामिल हुईं। प्रशिक्षण के दौरान बिहार की कला व संस्कृति की बेहतर प्रस्तुति के लिए उन्हें सम्मानित किया गया। प्रशिक्षण में बिहार के अलावा उत्तरप्रदेश, गुजरात, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, असम, मध्यप्रदेश, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल के व्याख्याता प्रशिक्षण में शामिल हुए। इन राज्यों के एससीआरटी ने अपने डायट संस्थान के व्याख्याताओं को प्रशिक्षण के लिए उदयपुर भेजा था।

स्कूली शिक्षा को सहज और रुचिकर बनाने का लक्ष्य:

सीसीआरटी प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य नई शिक्षा नीति 2020 के मुताबिक भारत के विभिन्न कला और संस्कृति को स्कूली शिक्षा से जोड़कर पाठ्यक्रम को सहज व रुचिकर बनाना है। शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाना है। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि हमने बिहार की कला व संस्कृति पर आधारित पीपीटी प्रदर्शित की। इसमें बिहार का मानचित्र, भूमि, प्राकृतिक संसाधन, व्यक्ति विशेष, धार्मिक व सांस्कृतिक पर्यटन स्थल, राजकीय प्रतीक चिन्ह सहित कई सांस्कृतिक महत्व को दर्शाया गया। गौरतलब है कि व्याख्याता पद पर चयन से पूर्व सुषमा श्रेष्ठ प्लस टू बीबी बालिका हाईस्कूल सुपौल में शिक्षिका रहीं। वे छात्राओं को कला व संगीत के प्रति जागरूक करती रहीं। उनके समय में स्कूल की छात्राओं ने कई बड़े मंच पर उत्कृष्ट प्रदर्शन की थी।

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