42 कैमरों में नहीं कैद हो सकी हत्या की वारदात, पुलिस कैसे खोलेगी आरा स्टेशन पर 3 खून के राज
- रेलवे सूत्रों के अनुसार चार नंबर प्लेटफॉर्म पर स्थित सीढ़ी और दो और तीन नंबर प्लेटफॉर्म पर नये बने रैंप पर भी सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हैं। इस कारण घटना कैमरे की नजर में नहीं आ सकी है। इससे लगता है कि वे लाइन पार कर आये होंगे, जहां तक कैमरे का फुटेज नहीं आता है।

आरा शहर सहित पूरे बिहार को दहलाने वाले रेलवे जंक्शन हत्याकांड ने आरा रेलवे जंक्शन की सुरक्षा की पोल खोल दी है। राजस्व के मामले में एक करोड़ी क्लब में शामिल आरा जंक्शन पर यात्रियों की सुरक्षा का ख्याल तक नहीं है। स्टेशन परिसर से प्लेटफॉर्म तक कहीं भी चेकिंग की कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में यात्री बेरोकटोक कहीं भी आते-जाते हैं। मंगलवार की रात हत्याकांड को लेकर सुरक्षा बढ़ाने की मांग तेज हो गयी है।
बताया जा रहा है कि रेलवे स्टेशन पर 42 सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं, ताकि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और किसी भी गतिविधि पर पैनी नजर रहे, लेकिन मंगलवार को स्टेशन के दो और तीन नंबर प्लेटफॉर्म के रैंप पर हुए हत्याकांड की फुटेज किसी भी कैमरे में कैद नहीं हो सका है।
रेलवे सूत्रों के अनुसार चार नंबर प्लेटफॉर्म पर स्थित सीढ़ी और दो और तीन नंबर प्लेटफॉर्म पर नये बने रैंप पर भी सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हैं। इस कारण घटना कैमरे की नजर में नहीं आ सकी है। इससे लगता है कि वे लाइन पार कर आये होंगे, जहां तक कैमरे का फुटेज नहीं आता है। बताया जा रहा है कि चार नंबर प्लेटफॉर्म पर कैमरे लगाने का प्रस्ताव गया है। पूर्व में छात्रों के द्वारा आंदोलन के दौरान तोड़फोड़ कर दिया गया था।
कैसे खुलेगा हत्याकांड का राज…
आरा जंक्शन पर हत्या की वारदात जब 42 कैमरों में भी कैद नहीं हो सकी है तब सवाल उठता है कि आखिर पुलिस कैसे इन हत्याओं के पीछे छिपे राज से पर्दा उठाएगी। मोबाइल सीडीआर के सहारे पुलिस इस गुत्थी का राज खोलने में जुटी है। इसके लिए घटनास्थल से जब्त तीनों मोबाइल के कॉल डिटेल्स का विश्लेषण किया जा रहा है। इसमें तकनीकी टीम की भी मदद ली जा रही है।
इधर, घटना की तफ्तीश करने रेल डीआईजी तौफिक परवेज और रेल एसपी प्रभाकर तिवारी भी मंगलवार की देर रात आरा पहुंचे। अधिकारियों ने घटनास्थल का जायजा लिया। मौजूद अफसरों के अलावा मृत पिता-पुत्री के परिजनों से मामले की जानकारी ली। जंक्शन और आसपास के सीसीटीवी फुटेज को भी खंगाला गया। फॉरेंसिक एक्सपर्ट की टीम भी अपने स्तर से छानबीन कर रही है। इधर, मृत छात्रा आरुषि कुमारी और उसके पिता बीमा एजेंट अनिल कुमार सिन्हा की हत्या के सिलसिले में प्राथमिकी दर्ज करा दी गयी है। छात्रा की मां पूनम श्रीवास्तव की तहरीर पर घटना में मृत उदवंतनगर थाना क्षेत्र के असनी गांव निवासी अमन कुमार उर्फ आकाश को आरोपित किया गया है।
गरीब रथ से आरुषि को दिल्ली जाना था
शहर के गोढ़ना रोड में रहने वाली मूल रूप से बिहिया थाना क्षेत्र के बांधा गांव निवासी पूनम श्रीवास्तव की ओर से दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि उनकी बेटी आरुषि कुमारी दिल्ली में पढ़ाई करती थी। मंगलवार की शाम उसे गरीब रथ एक्सप्रेस से दिल्ली जाना था। इसके लिए वह ट्रेन पकड़ने अपने पिता अनिल कुमार सिन्हा और छोटे भाई आरूष कुमार उर्फ हनी के साथ स्टेशन गयी थी। तभी प्लेटफॉर्म नंबर दो और तीन के बीच फुट ओवरब्रिज पर अमन कुमार उर्फ आकाश ने दोनों को गोली मार दी। इसके बाद अमन कुमार ने खुद को भी गोली मार ली। इसमें तीनों की मौके पर ही मौत हो गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने घटनास्थल से एक देसी पिस्टल, एक गोली, एक खोखा और तीन मोबाइल जब्त किये गये थे।
बाद में भोजपुर एसपी राज, आरा एएसपी परिचय कुमार के साथ ही आरपीएफ कमांडेंट प्रकाश कुमार पांडा, दानापुर रेल डीएसपी प्रशांत कुमार और नवादा थानाध्यक्ष पहुंचे थे। इधर, जीआरपी थानाध्यक्ष रणधीर कुमार के अनुसार अबतक की जांच में मामला प्रेम प्रसंग से ही जुड़ा हुआ लग रहा है। छात्र और युवक के मोबाइल कॉल के ब्योरा की जांच की जा रही। छानबीन के बाद ही मामला पूरी तरह स्पष्ट हो सकेगा।