पश्चिम चंपारण के तत्कालीन डीएम दिलीप कुमार पर कोर्ट से वारंट जारी
बेतिया में करनमेया महावीरी अखाड़ा विवाद के चलते अधिवक्ता के साथ दुर्व्यवहार के मामले में तत्कालीन डीएम दिलीप कुमार के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है। कोर्ट ने उनकी व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट का...

बेतिया, विधि संवाददाता। करनमेया महावीरी अखाड़ा को लेकर हुए विवाद में अधिवक्ता से दुर्व्यवहार मामले में पश्चिम चंपारण के तत्कालीन डीएम दिलीप कुमार के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। कोर्ट ने उनकी व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट का आवेदन खारिज करते हुए आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया है। अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी शंशाक शेखर ने आरोपी डीएम दिलीप कुमार की उपस्थिति सुनिश्चित कराए जाने को लेकर उनके विरुद्ध जमानतीय वारंट निर्गत किया है। अधिवक्ता ब्रजराज श्रीवास्तव ने बताया कि मेरी ओर से दायर परिवाद में आरोपी बनाए गए पश्चिम चंपारण के तत्कालीन डीएम दिलीप कुमार फिलवक्त पंजाब सरकार में एनआरआई विभाग के प्रधान सचिव हैं। उनके विरुद्ध व्यवहार न्यायालय बेतिया में वर्ष 2008 में परिवाद दायर किया गया था। न्यायालय ने उन्हें समन जारी किया था। क्या है मामला: वर्ष 2008 में तत्कालीन डीएम ने शांति समिति की बैठक बुलाई थी। इसमें अधिवक्ता ब्रजराज श्रीवास्तव और विजय कश्यप भी आमंत्रित थे। बैठक में दिलीप ने एक समझौता पत्र पर हस्ताक्षर करने को कहा। इसपर वादी और विजय कश्यप ने समझौता पत्र में कुछ सुधार करने को कहा। इस पर तत्कालीन डीएम ने दोनों को बैठक से निकलकर दूसरे रूम में बैठने को कहा। आरोप है कि डीएम ने दोनों को हथकड़ी लगाकर नगर थाने में बंद करा दिया। पुलिस से उन्हें पिटवाया और 12 बजे रात में दोनों को जेल भेज दिया।
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