अक्षय तृतीया के दिन परशुराम का हुआ था जन्म
बेतिया, नरकटियागंज और रामनगर में भगवान परशुराम की जयंती बड़े धूमधाम से मनाई गई। कार्यक्रम का आयोजन ब्राह्मण समाज द्वारा किया गया, जिसमें प्रभात फेरी, संगोष्ठी और वेदोपनिषद पाठ का आयोजन हुआ। वक्ताओं ने...
बेतिया/रामनगर, बेप्र/एप्र। बेतिया, नरकटियागंज व रामनगर में बुधवार को भगवान परशुराम की जयंती मनाई गई। रामनगर के राज शिव मंदिर धर्मशाला में बुधवार को समारोह पूर्वक भगवान परशुराम जयंती मनाई गई। ब्राह्मण समाज के तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम की शुरुआत प्रभात फेरी से हुई। जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। प्रभात फेरी के बाद संगोष्ठी का हुई। इसकी शुरुआत भगवान परशुराम के तैल चित्र पर पुष्प अर्पण से हुई। संगोष्ठी कार्यक्रम का संचालन हरीनगर शुगर मिल के एसीएम विनय कुमार मिश्रा ने किया। वक्ताओं ने भगवान परशुराम के जीवन पर प्रकाश डाला। वक्ताओं ने कहा कि अक्षय तृतीया के दिन ऋषि जमदग्नि व माता रेणुका के पुत्र भगवान परशुराम का जन्म हुआ।
जन्म के समय इनका नाम राम था। भगवान शिव की आराधना की जिसके बाद उन्होंने इनको परशु नामक अस्त्र दिया। जिसके बाद इनका नाम परशुराम पड़ा। इनको भगवान विष्णु के दस अवतारों में छठा अवतार माना जाता है। ब्राम्हण समाज से एकजुट हो काम करने का आह्वान किया। कई चरणों में आयोजित इस जयंती समारोह में वेदोपनिषद पाठ, सम्मान समारोह आदि का भी आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में ब्राम्हण समाज के लोगों की भागीदारी रही। इस मौके पर आचार्य दिनेश शुक्ल, सदाकांत शुक्ला, डॉ. ए चौबे, डॉक्टर धनंजय द्विवेदी, अधिवक्ता राजेश द्विवेदी, सौरभ पाण्डेय शिबू, पंडित घनश्याम ओझा, भाजपा के वरीय नेता भूपेन्द्र तिवारी, प्रखंड जदयू अध्यक्ष संजय मिश्रा, दीपक दूबे थे।
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