Street Light Issues and Drainage Problems in Jayprakash Nagar जयप्रकाश नगर में स्ट्रीट लाइट नहीं जलजमाव से बाहर निकलना मुश्किल, Bagaha Hindi News - Hindustan
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जयप्रकाश नगर में स्ट्रीट लाइट नहीं जलजमाव से बाहर निकलना मुश्किल

जयप्रकाश नगर में स्ट्रीट लाइट की कमी और जल निकासी की समस्या है। बरसात के दिनों में जलजमाव और जर्जर सड़कों की वजह से छात्र कॉलेज नहीं पहुंच पाते। मोहल्ले के निवासी जलापूर्ति, सफाई और सड़क चौड़ीकरण की...

Newswrap हिन्दुस्तान, बगहाSat, 31 May 2025 09:58 PM
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जयप्रकाश नगर में स्ट्रीट लाइट नहीं जलजमाव से बाहर निकलना मुश्किल

नगर के जयप्रकाश नगर में स्ट्रीट लाइट नहीं है। जलनिकासी की सुविधा नहीं होने से बरसात के दिनों में जलजमाव यहां की बड़ी समस्या है। अधिकतर पीसीसी सड़कें जर्जर हो चुकी है। यह मोहल्ला नव अधिग्रहित क्षेत्र में आता है। तीन साल पहले यह मोहल्ला ग्रामीण क्षेत्रों में आता था। शाम होते ही यह मोहल्ला अंधेरे में डूब जाता है। जबकि इस मोहल्ले के 60 फीसदी घरों में किराए पर रहकर दूर दराज के बच्चे पठन-पाठन करते हैं। इसका मुख्य कारण बगल में राम लखन सिंह यादव कॉलेज, आईटीआई कॉलेज और महिला पॉलिटेक्निक कॉलेज कई शिक्षण संस्थान का होना है। ड्रेनेज सिस्टम दुरुस्त नहीं होने से बरसात का पानी यहां के लोगों के लिए मुसीबत बन जाती है।

कूड़े-कचरे और टूटे-फूटे थर्मोकोल से अगल-बगल का क्षेत्र पट जाता है। छात्रों को सबसे ज्यादा परेशानी समय पर काॅलेज जाने में होती है। समाजसेवी रूपेश कुमार, अमित कुमार उर्फ रूपक श्रीवास्तव, छोटन मिश्रा ने बताया कि जयप्रकाश नगर शहर से सटा हुआ वार्ड है। इस मोहल्ले को 20 वर्ष पहले नगर निगम में शामिल कर लेना चाहिए। लेकिन तीन वर्ष पहले इसे निगम में शामिल किया गया है। हर घर जल नल की व्यवस्था पूरी तरह से ठप है। बोतल बंद पानी और जार के पानी के सहारे यहां की 80 फीसदी आबादी निर्भर है। अधिकांश सरकारी चापाकल खराब पड़े हैं। सड़कों का हाल भी खराब है। मोहल्ले वासी वर्षों से हरित क्षेत्र बनाने की मांग कर रहे हैं। क्योंकि इस मोहल्ले के अगल-बगल के क्षेत्र बेतिया राज्य के अधीन आता है। कभी एशिया का दूसरा सबसे बड़ा पशु मेला हजारी पशु मेला हुआ करता था। लेकिन सरकार के उदासीन रवैया और अतिक्रमण ने हजारी पशु मेला का अस्तित्व ही समाप्त कर दिया। बस स्टैंड से शांति चौक सड़क पर जाम सबसे बड़ी समस्या है। अधिवक्ता वीरेंद्र वर्मा, सोनू कुशवाहा ने कहा कि मोहल्ले में फॉगिंग नहीं होने से मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है। कहने के लिए हम लोग नगर निगम में हैं, लेकिन सुविधा के मामले में ग्रामीण क्षेत्र से भी बदतर स्थित मोहल्लेवासियों की है। मोहल्ले के बीच से निकली सनसरैया माइनर की सफाई नहीं होने से भी लोग परेशान हैं। गर्मी के मौसम में माइनर में झाड़ी उग जाने के कारण कीट पतंगों में वृद्धि हो गई है। शहरी जलापूर्ति योजना अभी तक शुरू नहीं हुई है। मोहल्ले वासी डोलबाग को बरसों से पार्क बनाने की मांग करते आ रहे हैं। लेकिन 20 वर्षों में बुद्धा पार्क बनाने की मांग फाइलों में धूल चाट रही है। पुलिस लाइन होते हुए राम लखन सिंह यादव कॉलेज जाने में लोगों को काफी परेशानी होती है। क्योंकि हल्की बारिश में नालियों का पानी सड़क पर लग जाता है। नियमित साफ सफाई का भी अभाव है। सबसे ज्यादा परेशान मॉर्निंग वॉक के समय लोगों को होती है। पूरा क्षेत्र में अंधेरा होने के कारण सुबह में टहलने में लोगों को परेशानी होती है। स्थानीय मोहल्लेवासियों का मानना है कि इस क्षेत्र के विकास के लिए जितनी राशि चाहिए। उतनी राशि नगर निगम द्वारा उपलब्ध नहीं करायी जाती है। इसके कारण इस मोहल्ले का विकास नहीं हो रहा है। इसके लिए विशेष योजना की जरूरत है। 

प्रस्तुति-श्रीकांत तिवारी/शत्रुघ्न शर्मा 

गंदगी की वजह से शांति चौक से बस स्टैंड जाने में होती है परेशानी

 शांति चौक से बस स्टैंड जाने में स्थानीय मोहल्ले के लोगों गंदगी और बदबू के कारण नाक पर रुमाल रखना पड़ता है। मांस मछली के अवशेष सड़क के किनारे फेंके जाने से राहगीरों को गुजरने के समय बदबू से परेंशानी होती है। इसके लिए नगर निगम गंभीर नहीं है। सड़क चौड़ीकरण नहीं होने के कारण भी लोगों को परेशानी होती है। हमेशा जाम की समस्या रहती है। सड़क के किनारे स्ट्रीट लाइट नहीं होने के कारण 8 बजे रात्रि के बाद इस सड़क से कोई यात्री गुजरना नहीं चाहते हैं। हमेशा असुरक्षा का माहौल रहता है। कई बार छिनतई की घटनाएं घट चुकी है। रात में इस सड़क से महिला ताे क्या पुरुष भी एक बार जाने के लिए सोचते हैं। क्योंकि यह क्षेत्र सुनसान इलाका है। रोशनी की व्यवस्था नहीं होने से लोगों को भय लगता है। हालांकि सड़क के चौड़ीकरण का प्रस्ताव सरकार के स्तर से प्रस्तावित है। हजारी मैदान से होकर गुजरने वाले लोगों के लिए गंदगी सबसे बड़ी परेशानी है। मैदान में लगातार अतिक्रमण किया जा रहा है। नित्य नयी झोपड़ी इसमें भूमाफिया लगवा रहे हैं। लेकिन प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। इस रास्ते से प्रशासन की दर्जनों गाड़ियां और अधिकारी गुजरते हैं। लेकिन उन्हें इससे कोई मतलब नहीं है। हजारी मेला मैदान में बायोडायवर्सिटी पार्क बनाया जाय तो पूरे राज्य को इससे फायदा होगा। तापमान में बढ़ोत्तरी विश्व के लिए चुनौती बनी हुई है। इस निर्माण से राज्य में तापमान में कमी आ सकती है। लेकिन सैंकड़ों एकड़ वाले इस मैदान का कोई उपयोग नहीं हो पा रहा है। 

जयप्रकाश नगर समेत नव अधिग्रहित वार्डों में 68 करोड़ की लागत से हर घर नल-जल की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। प्रस्ताव की स्वीकृति मिलने के बाद सभी छूटे वार्डों में शहरी जलापूर्ति योजना शुरू हो जाएगी। इसके लिए विभाग प्रयत्नशील है। ड्रेनेज सिस्टम दुरुस्त करने के लिए निर्माण कार्य चल रहा है। शीघ्र ही जल जमाव से मुक्ति मिलेगी। 

-रविकांत कुमार कार्यपालक अभियंता बुडको 

बस स्टैंड से जयप्रकाश नगर होते हुए बेतिया-गोविन्दगंज पथ (एसएच-54) के बीच 2.36 किलोमीटर लंबे बाइपास का निर्माण कराया जाएगा। इसकी प्रशासनिक स्वीकृति मिल गई है। योजना के तहत 1.69 किमी मुख्य सड़क व 0.67 किमी लंबी पुलिस लाइन लिंक पथ का निर्माण कराया जाएगा। परियोजना पर कुल 19.32 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

 -वीरेंद्र कुमार सिंह, कार्यपालक अभियंतापथ निर्माण विभाग 

सुझाव 

1. जयप्रकाश नगर के सभी चौक चौराहों और गलियों में स्ट्रीट लाइट लगाने की व्यवस्था की जानी चाहिए।

 2. बरसात के दिनों में जलजमाव से मुक्ति के लिए जल निकासी की व्यवस्था होनी चाहिए। 

3. हर घर नल की व्यवस्था शुरू की जानी चाहिए। ताकि मोहल्ले के लोगों को बोतल बंद पानी के खरीदने से मुक्ति मिल जाए। 

4. सनसरैया माइनर की सफाई काफी जरूरी है। क्योंकि यह नहर मोहल्ले के बीचोंबीच से गुजरती है। 

5. मोहल्ले की नियमित साफ-सफाई नहीं होती है। फॉगिंग नहीं होने से मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है।

 शिकायतें 

1. मोहल्ले की नियमित सफाई नहीं होती है। फॉगिंग नहीं होने से मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है।

 2. पुलिस लाइन से होते हुए राम लखन सिंह यादव कॉलेज तक जाने वाली सड़क पर भारी जलजमाव होता है। 

3. सड़क से लेकर मोहल्ले के 80 फीसदी सड़कें कच्ची है। नाली की व्यवस्था सही नहीं है। 

4. शांति चौक से बस स्टैंड वाली रोड का चौड़ीकरण होना चाहिए। चौड़ीकरण नहीं होने से जाम की समस्या गंभीर हो गई है।

 5.यह क्षेत्र विकास के मामले में पहले से ही काफी पिछड़ा हुआ है। सड़क से लेकर लाइट तक की व्यवस्था दुरुस्त नहीं है।

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