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हॉस्टल में शौचालय और पानी की भी नहीं है समुचित व्यवस्था

बेतिया के आईटीआई कॉलेज के छात्र-छात्राओं को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। ड्रेस के लिए तीन हजार रुपये का आवंटन नहीं हुआ है, जिससे छात्र बिना ड्रेस के कॉलेज जा रहे हैं। कॉलेज की चहारदीवारी का...

Newswrap हिन्दुस्तान, बगहाSat, 22 Feb 2025 09:37 PM
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हॉस्टल में शौचालय और पानी की भी नहीं है समुचित व्यवस्था

बेतिया के आईटीआई कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के समक्ष कई तरह की समस्याएं हैं। इनका नामांकन तो कॉलेज में हो गया है, लेकिन अभी तक ड्रेस के लिए तीन हजार रुपये नहीं मिले हैं। पैसे के आवंटन के इंतजार में छात्र बिना ड्रेस के ही कॉलेज जाने को विवश हैं। कुछ छात्रों ने घर व इधर-उधर से मांग कर ड्रेस सिलवा लिया है। उधार के रुपये लौटाने में उन्हें परेशानी हो रही है। डरे सहमे रहते हैं छात्र : कॉलेज में पांच सौ से अधिक छात्र बिना चहारदीवारी के रह रहे हैं। यहां असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है। असामाजिक तत्वों के डर से छात्र डरे सहमे रहते हैं। खुला होने के कारण मवेशी कभी भी मैदान में आ जाते हैं। आवारा पशुओं के भय से उन्हें कमरे से निकलने में भी परेशानी होती है। सुरक्षा को लेकर छात्राएं भी हमेशा भयभीत रहती हैं। उनका कहना है कि शाम के समय यहां पर नशेड़ियों का जमावड़ा लगा रहता है। इससे छात्रों को मारपीट व दुर्व्यवहार का भय हमेशा सताते रहता है। इधर, कुछ छात्रों का कहना है कि कॉलेज की चहारदीवारी नहीं होने से आए दिन चोरी की घटनाएं होती हैं।

शौचालय की समस्या गंभीर : छात्र संजय कुमार ने बताया कि परिसर खुला होने के कारण आने-जाने में डर लगता है। छात्र साहब कुमार ने बताया कि वे कॉलेज के छात्रावास में रहते हैं। यहां शौचालय की सुविधा नहीं है। सैकड़ों छात्रों के लिए मात्र एक शौचालय है। कॉलेज में भी कमोबेश यही समस्या छात्रों के लिए सबसे गंभीर है। कॉलेज में शौचालय की संख्या ज्यादा है, लेकिन चालू हालत में सिर्फ एक ही है। सुबह10 बजे के बाद उसमें भी पानी समाप्त हो जाता है। ऐसे में पानी के लिए भी हमें कॉलेज का चक्कर लगाना पड़ता है। कॉलेज कैंपस से थोड़ी दूर हॉस्टल होने के कारण आने-जाने में परेशानी होती है। हॉस्टल में भी नियमित रूप से पानी नहीं आता। वहीं शौचालय की सुविधा नहीं होने से छात्रों को इंतजार करना पड़ता है। हॉस्टल में हमें खाना भी खुद से बनाना पड़ता है। मेस की व्यवस्था नहीं है। प्रशासन को छात्रों के लिए मेस की व्यवस्था करनी चाहिए।

1965 में हुई थी महाविद्यालय की स्थापना : नगर के आईटीआई कॉलेज की स्थापना 1965 में हुई थी। फिलहाल यहां 13 ट्रेड की पढ़ाई होती है। इसमें आईओटी, ऑटो इलेक्ट्रिक मेंटेनेंस जूनियर टेक्नीशियन, बैटरी इलेक्ट्रिक व्हीकल, जूनियर प्रोडक्ट डिजाइनर जेनरिक, जूनियर प्रोडक्ट डिजाइनर एंड डेवलपर जेनरिक, एडवांस पेंटिंग यूजिंग सिम्युलेटेड टेक्निक आदि शामिल है। दो वर्षीय पाठ्यक्रम में लगभग 600 छात्र-छात्राओं का नामांकन है। फिलहाल में टाटा टेक द्वारा 6 विषयों में व्यावसायिक प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है।

खेलकूद की सुविधा नहीं : छात्र शिवम पटेल ने बताया कि महाविद्यालय में खेलकूद की सुविधा नहीं है। महाविद्यालय में मैदान होने के बावजूद हमलोग खेलकूद नहीं कर पाते हैं। इंडोर और आउटडोर गेम के लिए जो सुविधाएं मिलनी चाहिए, वह सुविधा आईटीआई कॉलेज में नहीं है। छात्रा नंदिनी जागृति का कहना है कि में छात्राओं के लिए बने शौचालय में गंदगी रहती है। इसकी नियमित सफाई नहीं होती। शौचालय की व्यवस्था में सुधार की जरूरत है। महाविद्यालय के छात्र सुजीत कुमार बताते हैं कि परिसर खुला होने के कारण चारों तरफ गंदगी पसरी रहती है। परिसर काफी बड़ा होने के कारण हम लोग इसकी साफ-सफाई भी नहीं कर पाते। महाविद्यालय की ओर से सफाई की व्यवस्था नहीं है। हॉस्टल में सुविधा नहीं होने से छात्र-छात्राओं को काफी परेशानी उठानी पड़ती है। उन्होंने बताया कि कई छात्र जिले के सुदूर ग्रामीण क्षेत्र से आते हैं। उन्हें आने-जाने में काफी कठिनाई होती है। आने-जाने में कई छात्रों की कक्षाएं छूट जाती हैं जबकि उन्हें आने-जाने का भाड़ा भी वहन करना पड़ता है। इससे अभिभावकों पर आर्थिक बोझ पड़ता है। उन्होंने बताया कि यहां इंडोर खेलों की व्यवस्था नहीं है। इंडोर खेलों की सामग्री नहीं होने के कारण छात्र इंडोर गेम नहीं खेल पाते हैं। आउटडोर गेम का मैदान होने के बावजूद खेल सामग्री नहीं है। इस कारण छात्रों की खेल गतिविधियां नहीं हो पाती। क्रिकेट, कबड्डी, बॉलीबॉल, फुटबॉल नहीं खेल पाने से राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में भाग नहीं ले पाते हैं। प्रशासन की नियमित गश्ती नहीं होने से असामाजिक तत्वों का मनोबल बढ़ा रहता है। शाम होते ही हॉस्टल से निकलने में परेशानी होती है। प्रशासन को हमारी समस्या पर ध्यान देना चाहिए।

प्रस्तुति: गौरव कुमार

विरोध के कारण नहीं पूरा हो सका निर्माण

भवन निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता कमलेश प्रसाद ने बताया कि आईटीआई कॉलेज की चहारदीवारी निर्माण स्थानीय लोगों के विरोध के कारण पूर्ण नहीं हो सका। दो वर्ष पहले इसका निर्माण शुरू कराया गया था लेकिन स्थानीय स्तर पर उस समय विरोध हो गया। इस कारण चहारदीवारी अधूरी रह गयी। कॉलेज प्रबंधन अगर दोबाराचहारदीवारी निर्माण के लिए प्राक्कलन बनाने की मांग करता है तो प्राक्कलन बनाकर विभाग को भेजा जाएगा। इसके बाद विभागीय स्तर पर राशि मिलने के बाद निर्माण की कवायद शुरू कर दी जाएगी।

छात्रों की समस्याओं का होगा समाधान

आईटीआई कॉलेज के प्राचार्य अजीत कुमार चौधरी ने बताया कि छात्र-छात्राओं की जो भी समस्याएं हैं, सभी का समाधान किया जाएगा। जहां तक चहारदीवारी का सवाल है वह भवन निर्माण विभाग द्वारा ही बनाया जाना है। कॉलेज के हॉस्टल की समस्या का जल्द से जल्द समाधान किया जाएगा। वहां शौचालय और पानी की जो समस्या छात्र बता रहे हैं उसका समाधान होगा। जबकि खेलकूद के संसाधन अगर छात्र कहेंगे तो इसकी खरीदारी की जाएगी। महाविद्यालय प्रशासन के पास इसके लिए राशि उपलब्ध है।

 

सुझाव

1.महाविद्यालय की चहारदीवारी को पूरी तरह से बनवाया जाए। जिससे कि यहां पर नशेड़ियों का जमावड़ा नहीं लग सके।

2.कॉलेज के छात्र-छात्राओं की पोशाक राशि को जल्द से जारी किया जाए। छात्र-छात्राएं महाविद्यालय के पोशाक को पहनकर कॉलेज जा सकें।

3.कॉलेज के छात्रावास में पानी और शौचालय की समस्या को दूर किया जाए। जिससे कि वहां रहने और खाने-पीने में छात्रों को कठिनाई नहीं हो।

4.महाविद्यालय में छात्र-छात्राओं के लिए खेलकूद के संसाधन को उपलब्ध कराया जाए। जिससे छात्र पढ़ाई के साथ खेलकूद में भी भाग ले सकें।

5.छात्राओं के शौचालय की सफाई नियमित रूप से करायी जाए। ताकि उन्हें आने जाने में कोई कठिनाई नहीं हो।

शिकायतें

1.पोशाक राशि के 3000 रुपया अब तक मिल जाने चाहिए थे, नहीं मिला है। इस कारण छात्रों को परेशानी हो रही है।

2.महाविद्यालय के छात्र जिस हॉस्टल में रहते हैं वहां शौचालय की समस्या है। हॉस्टल में एक शौचालय होने से छात्रों को परेशानी होती है।

3.महाविद्यालय में खेलकूद के संसाधन नहीं होने से छात्र-छात्राओं को खेल गतिविधियां नहीं होती हैं।

4.कॉलेज के छात्रावास में सुबह10 के बाद पानी नहीं आ पाता है। पानी की समस्या यहां बराबर रहती है। छात्रों को पानी के लिए कॉलेज जाना पड़ता है।

5.महाविद्यालय की चहारदीवारी पूरी नहीं होने के कारण यहां नशेड़ियों का जमावड़ा रहता है। शाम के समय आने-जाने में परेशानी होती है।

 

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