चहारदीवारी व जेनरेटर की मिले सुविधा, जलजमाव का हो निदान
पश्चिम चंपारण जिले के बगहा में अनुसूचित जाति के छात्रों को छात्रावास में असुरक्षा और सुविधाओं की कमी का सामना करना पड़ रहा है। हॉस्टल में चहारदीवारी नहीं है, जिससे बाहरी तत्वों का डर बना रहता है।...
पश्चिम चंपारण जिले के बगहा, रामनगर और हरनाटाड़ में अनुसूचित जाति की आबादी अच्छी खासी है। सौ किमी से अधिक दूरी तय कर जिला मुख्यालय आने वाले इन छात्रों की परेशानी कम नहीं है। सरकार की ओर से छात्रों के लिए हॉस्टल की व्यवस्था की गई है। राम लखन सिंह यादव कॉलेज में कल्याण विभाग की ओर से संचालित तीन मंजिले अनुसूचित जनजाति छात्रावास में छात्र असुरक्षा के माहौल में रहने को विवश हैं। इंटर से लेकर पीजी तक के छात्र यहां रहते हैं, लेकिन सुविधाओं के अभाव उन्हें पढ़ाई करने में दिक्कतें हो रही हैं। ऊपर से इस हॉस्टल में लगभग 200 सीटें होने के कारण अधिकांश छात्रों को यहां जगह नहीं मिल पाती है।
इसमें भी अलग-अलग वर्ग के छात्रों के लिए अलग-अलग सीटें निश्चित की गई हैं। हॉस्टल के कुल सीटों के 45 फीसदी इंटर के छात्रों के लिए है। 40 फीसदी सीटें स्नातक व 15 फीसदी स्नातकोत्तर के छात्रों के लिए रिजर्व हैं। हॉस्टल के छात्र नायक राजेश्वर उरांव ने बताया कि यहां पर छात्रों के लिए इंटरनेट और लाइब्रेरी की सुविधा है। पत्र-पत्रिकाएं भी आती हैं। लेकिन खाना बनाने के लिए सरकार की ओर से हमें 1000 रुपये दिये जाते हैं। हालांकि इस राशि को बढ़ा कर 2000 करने की घोषणा हो चुकी है। बावजूद हमलोगों को 1000 रुपये ही मिल रहे हैं। ऐसे में छात्रों को घर से राशि मांगनी पड़ती है। हॉस्टल के छात्र जिलाजीत उरांव ने बताया यहां चहारदीवारी नहीं होने के कारण डर बना रहता है। कहीं कोई बाहरी शरारती तत्व आकर यहां हंगामा नहीं कर दे। असामाजिक तत्वों का जमावड़ा आसपास में लगा रहता है। इसको लेकर छात्रों को हमेशा मारपीट व अनहोनी की आशंका सताते रहती है। हॉस्टल के छात्र रवि रंक बताते हैं कि यहां आने के लिए पहुंच पथ का निर्माण नहीं किया गया है। रास्ते में कई गड्ढे हैं इसमें पानी लगा रहता है। बारिश के दिनों में जलजमाव की समस्या गंभीर हो जाती है। छात्रों के लिए पैदल चलना दूभर हो जाता है। इधर, चहारदीवारी नहीं होने के कारण यहां मवेशी घूमते रहते हैं। मैदान भैंस और घोड़े का चरागाह बन गया है। आसपास के मोहल्ले के लोग और जानवरों की वजह से यहां गंदगी लगी रहती है। वहीं छात्र आकाश उरांव, रंजीत उरांव ने बताया कि हॉस्टल के सुप्रीटेंडेंट का पद अभी तक खाली है। ऐसे में कैंपस के अंदर होने के बावजूद महाविद्यालय प्रशासन हमारी देखरेख नहीं कर पाता है। अभी सुप्रीटेंडेंट और समन्वयक का प्रभार ब्लॉक वेलफेयर ऑफिसर के पास है। वहीं से हॉस्टल संचालित होता है। छात्र आशुतोष उरांव और हिमांशु उरांव कहते हैं कि हमलाेगों को सबसे ज्यादा परेशानी बिजली कटने पर होती है। यहां पर जेनरेटर है लेकिन बताया जाता है कि इसमें तेल नहीं है। यहां की रखवाली करने वाले गार्ड जेनरेटर नहीं चलाते हैं। ऐसे में बहुत सारे छात्र रात को पढ़ाई नहीं कर पाते हैं। उन्हें परेशानी होती है। छात्रों को बिजली कट जाने की स्थिति में जेनरेटर की सुविधा नहीं मिल पाती है। छात्रों का कहना है कि पुलिस की गश्ती गाड़ी इधर नहीं आती है। इससे असामाजिक तत्वों का मनोबल बढ़ा रहता है।
प्रस्तुति- गौरव कुमार
कल्याण विभाग द्वारा अभी तक महाविद्यालय प्रशासन से अधीक्षक की मांग नहीं की गई है। ऐसे में महाविद्यालय प्रशांसन के कैंपस में हॉस्टल होने के बावजूद रखरखाव की जिम्मेवारी हमारी नहीं बनती है। ओबीसी हॉस्टल के लिए अधीक्षक की मांग की गई थी तो अधीक्षक दिया गया था। अगर इस हॉस्टल के लिए भी अधीक्षक की मांग की जाती है तो अधीक्षक उपलब्ध कराया जाएगा।
-डॉ अभय कुमार, प्राचार्य राम लखन सिंह यादव कॉलेज
कल्याण विभाग की ओर से हॉस्टल के अप्रोच पथ को लेकर महाविद्यालय प्रशासन से अब तक कोई संपर्क नहीं किया गया है। अगर जिला प्रशासन और कल्याण विभाग विभाग महाविद्यालय से अप्रोच पथ की मांग करता है तो इस मामले में महाविद्यालय प्रशासन छात्रहित को देखते हुए आगे कार्रवाई करेगा।
-डॉ. दिग्विजय प्रसाद यादव, वरसर राम लखन सिंह यादव कॉलेज
सुझाव
1 छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखे हुए तत्काल हॉस्टल की चाहरदीवारी का निर्माण कराया जाना चाहिए।
2. हॉस्टल में पहुंचने के लिए रास्ते का निर्माण किया जाना चाहिए। मैदान व रास्ते के गड्ढ़े की मरम्मत कराया जाना चाहिए।
3. 2000 रुपये प्रति माह भोजन के लिए राशि मिलेगी ऐसी घोषणा की गई थी। लेकिन विभाग की ओर से अभी राशि नहीं मिली है।
4. राम लखन सिंह यादव कॉलेज के अंदर हॉस्टल है। इसमें अधीक्षक की बहाली होनी चाहिए। इससे छात्रों को किसी तरह की जरूरत पड़ने पर मदद मिलेगी।
5. बिजली कटने पर जेनरेटर की सुविधा बहाल की जानी चाहिए। जेनेरेटर में अगर तेल नहीं रहता है। प्रशासन की ओर से तेल की व्यवस्था की जानी चाहिए।
शिकायतें
1 हॉस्टल की चहारदीवारी नहीं होने से छात्रों को परेशानी होती है। असामाजिक तत्वों का जमावड़ा आसपास लगा रहता है।
2. छात्रों का कहना है कि खाने के लिए 2000 रुपये देने की घोषणा की गई। घर से रुपए मांगने पड़ते हैं।
3. हॉस्टल में जेनरेटर उपलबध है लेकिन वह कभी चलता नहीं जाता है। बिजली कट जाने पर अंधेरे में छात्र रहते हैं।
4. हॉस्टल में जाने के लिए पथ नहीं बनाया गया है। इससे हॉस्टल आने-जाने में छात्रों को परेशानी होती है। बारिश के दिनों में रास्ते में पानी लग जाता है
5. राम लखन सिंह यादव कॉलेज के अंदर ही हॉस्टल होने के बावजूद अधीक्षक का पद खाली चल रहा है। इससे छात्रों को परेशानी हाेती है।
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