डीएम की नजर पड़ते ही बदल गई खानाबदोश बच्चों की जिंदगी
स्वास्थ्य जांच के बाद पुनर्वास के लिए कराई सुविधा उपलब्धस्वास्थ्य जांच के बाद पुनर्वास के लिए कराई सुविधा उपलब्ध बांका। जीतेन्द्र कुमार झा बांका डीएम

बांका। बांका डीएम अंशुल कुमार कुछ न कुछ अलग कार्य कर हमेशा चर्चा में रहते हैं। चाहे लोकसभा चुनाव को बेहतर रूप से संपन्न कराने के लिए निर्वाचन आयोग से बेस्ट निर्वाची पदाधिकारी का सम्मान पाने की बात हो या फिर विभिन्न विभागों के कार्य में राज्य में नबंर वन बनने की बात हो। इधर दो दिनों से बांका डीएम का वह मानवीय चेहरा सामने आया है जो उन खानाबदोश बच्चों व उसके परिवार की जिंदगी बदल दी है। कल तक सड़क किनारे फटे कपड़ पहनकर भीख मांगने वाले बच्चे आज नए लिबास में काफी बदले हुए नजर आए। डीएम के आदेश पर इन खानाबदोश परिवार के बच्चों को बांका सदर अस्पताल में इलाज कराया गया एवं एनआरसी में भर्ती कराया गया है। जिला पदाधिकारी के द्वारा बच्चों को भोजन एवं वस्त्र भी उपलब्ध कराया गया। बच्चों के माता पिता एवं बच्चों को विभिन्न योजनाओं से जोड़ने हेतु जिला पदाधिकारी द्वारा निर्देशित किया गया है। मालूम हो कि समुखिया मोड़ के समीप भ्रमण करते समय डीएम अंशुल कुमार सड़क किनारे कचरा बीनते हुए घुमंतू परिवार के बच्चों को देखा। तत्क्षण उन्होंने अपने काफिले को रोक कर बच्चों से संवाद किया। बातचीत के दौरान बच्चों ने बताया कि वे अपने परिवारों के साथ सड़क किनारे ही अस्थायी रूप से रह रहे हैं। घुमंतू परिवारों में लगभग 20 सदस्य हैं, जिनमें अधिकांश बच्चे कुपोषण का शिकार पाए गए। डीएम ने बच्चों को बिस्कुट के पैकेट वितरित किए, जिससे बच्चों के चेहरों पर खुशी की एक अलग ही चमक दिखाई दी। बच्चों के माता-पिता भी डीएम के इस मानवीय और संवेदनशील व्यवहार से अत्यंत आश्चर्यचकित हुए। उन्होंने त्वरित कार्रवाई करते हुए जिला कार्यक्रम प्रबंधक, स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया कि इन बच्चों को पोषण पुनर्वास केन्द्र (एनआरसी) में भर्ती कराया जाए। निर्देश के आलोक में सभी बच्चों को सदर अस्पताल, बांका में स्वास्थ्य जांच कराई गई तथा उन्हें समुचित देखभाल और उपचार हेतु एनआरसी में भर्ती किया गया। बच्चों के लिए तत्काल भोजन और वस्त्र की व्यवस्था भी सुनिश्चित की गई। साथ ही, बच्चों और उनके अभिभावकों को विभिन्न सरकारी योजनाओं, जैसे कि शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जोड़ने हेतु विशेष पहल शुरू की गई है, ताकि उनके भविष्य को सुरक्षित और सशक्त बनाया जा सके। इसके अतिरिक्त डीएम ने शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, योजना विभाग एवं बाल संरक्षण इकाई के पदाधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी बच्चों के लिए उत्तम व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
सरकार की हर योजना का लाभ उन लाभूकों तक पहुंचाने का हमारा कर्तव्य है। सड़क किनारे इन घुमंतू परिवार के बच्चों को भी शिक्षित किया जाना जरूरी है। बच्चे देश के भविष्य हैं। जिले के अन्य जगहों पर भी ऐसे बच्चों को चिन्हित कर उन्हें शिक्षित करने का प्रयास प्रशासन करेगी।
अंशुल कुमार, डीएम, बांका
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