Farmers Face Irrigation Crisis Again Due to Broken Canal in Rajdand टूटे छिटका का निर्माण नहीं होने से किसानों के सर चिंता की लकीरें गहराई, Banka Hindi News - Hindustan
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टूटे छिटका का निर्माण नहीं होने से किसानों के सर चिंता की लकीरें गहराई

पंजवारा(बांका),निज प्रतिनिधिपंजवारा(बांका),निज प्रतिनिधि खरीफ की खेती के मौसम में राजडांड़ नहर वितरण पर टूटा हुआ छिटका किसानों को पिछले साल

Newswrap हिन्दुस्तान, बांकाFri, 9 May 2025 04:27 AM
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टूटे छिटका का निर्माण नहीं होने से किसानों के सर चिंता की लकीरें गहराई

पंजवारा(बांका),निज प्रतिनिधि खरीफ की खेती के मौसम में राजडांड़ नहर वितरण पर टूटा हुआ छिटका किसानों को पिछले साल की तरह इस वर्ष भी दर्द देगा।एक साल बीतने को है,लेकिन राजडांड़ नहर वितरणी पर हरिपुर गाँव के समीप टूटा हुआ छिटका का निर्माण नहीं कराया जा सका है।जिससे किसानों को इस वर्ष भी खरीफ की खेती के समय सिंचाई की समस्या से जूझना होगा। मालूम हो की बाराहाट प्रखंड क्षेत्र के लौंढ़िया खुर्द पंचायत अंतर्गत हरिपुर गांव के समीप राजडांड़ नहर वितरणी पर स्थित छिटका पानी के तेज बहाव के चलते एक साल पूर्व टूट गया था।तब से लेकर आज तक इसकी मरम्मति नहीं हो सकी है।जिससे

किसानों के सर चिंता की लकीरें गहराने लगी है।लघु जल संसाधन विभाग एवं सिंचाई विभाग ने छिटका की मरम्मती कराने से पिछले साल ही साफ इनकार कर दिया था।जबकि,माइनर इरिगेशन विभाग के अधिकारी का तर्क था कि विभाग द्वारा 50 फीट से कम लंबाई वाले छिटका की मरम्मती का कार्य नहीं कराया जा सकता है,वहीं सिंचाई विभाग के अधिकारी का कहना था कि मुख्य नहर के मेंटेनेंस का कार्य उनके विभाग द्वारा किया जाता है,वितरणी शाखाओं की मरम्मती और देखभाल की जिम्मेदारी उनकी नहीं है।वहीं छिटका के मरम्मती की दिशा में पंचायत प्रतिनिधियों ने भी एक साल बाद कोई रुचि नहीं लिया।जिससे इस साल किसानों के समक्ष सिंचाई की समस्या से दो-चार होना होगा। छिटका से पांच हजार एकड़ जमीन का होता था पटवन - राजडांड़ नहर वितरणी के केनाल पर स्थित छिटका से निकले डांड़ के द्वारा करीब पांच हजार एकड़ से ज्यादा खेतों की सिंचाई होती थी।इसमें पचटकिया,हरिपुर,दुबराजपुर, जगतपुर,राजबांध,महमदपुर आदि गाँव के किसान लाभान्वित होते थे।किसानों का कहना था कि इस छिटका के माध्यम से हमलोगों का समय पर धान रोपाई का कार्य हो जाता था। यहां बने छिटका से आगे बहियार में नहर का पानी पहुंचता था।पिछले साल हुई जोरदार बारिश के बाद पानी के दबाव के चलते छिटका टूट गया था।तब से लेकर अभी तक छिटका उसी हाल में पड़ा हुआ है।

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