Shravani Mela Major Cultural Festival of Bihar and Jharkhand Faces Preparation Challenges बिहार और झारखंड को जोड़ने वाला आस्था का सेतु है श्रावणी मेला, Banka Hindi News - Hindustan
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बिहार और झारखंड को जोड़ने वाला आस्था का सेतु है श्रावणी मेला

श्रावणी मेला 2025श्रावणी मेला 2025 तैयारियों की धीमी रफ्तार से कांवरियों की राह होगी मुश्किल महज 24 दिन बाद श्रावणी मेले का होगा आगाज प

Newswrap हिन्दुस्तान, बांकाTue, 17 June 2025 04:26 AM
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बिहार और झारखंड को जोड़ने वाला आस्था का सेतु है श्रावणी मेला

कटोरिया (बांका) निज प्रतिनिधि। श्रावणी मेला सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि बिहार और झारखंड को सांस्कृतिक और आध्यात्मिक डोर में जोड़ने वाला एक ऐसा महापर्व है, जो हर साल लाखों श्रद्धालुओं को सुल्तानगंज से देवघर की ओर खींच लाता है। सावन माह की पहली तारीख से लेकर पूरे महीने भर चलने वाला यह मेला श्रद्धा, आस्था और समर्पण का प्रतीक है। लगभग 108 किलोमीटर की इस यात्रा में 54 किलोमीटर की सबसे लंबी दूरी बांका जिले में ही तय की जाती है। जिससे मेले की तैयारी को लेकर जिला प्रशासन की जिम्मेदारी स्वाभाविक रूप से अधिक हो जाती है। श्रावणी मेले की शुरुआत में अब महज 24 दिन शेष रह गए हैं, लेकिन तैयारियों की सुस्ती कांवरियों की यात्रा में रोड़ा बनती नजर आ रही है।

विशेषकर कच्ची कांवरिया पथ, जो श्रद्धालुओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण मार्ग है, उसकी स्थिति फिलहाल चिंताजनक बनी हुई है। कई स्थानों पर गड्ढों की स्थिति बनी हुई है और समतलीकरण कार्य अधूरा है। पदयात्रा में कांवरियों को सबसे अधिक राहत पथ की सुगमता से मिलती है, लेकिन इस बार कांवरिया पथ पर बालू बिछाने का काम अब तक गति नहीं पकड़ सका है। कांवरिया पथ में गंगा के बालू की डंपिंग की शुरुआत हुई है। अभी समतलीकरण और बिछावन का कार्य अधूरा है। बता दें कि वर्ष 2022 से पथ पर स्थानीय बालू के बजाय गंगा नदी का महीन बालू बिछाया जा रहा है, जिससे श्रद्धालुओं को काफी सुविधा मिलती है। वहीं बारिश होने के बाद गंगा के बालू पर यात्रा करने में कांवरियों को और आंनद आता है। कड़ी निगरानी की होगी जरूरत, एक महीने तक पथ को रखना है सुगम जहां पथ को सुगम बनाने के कार्य को लगभग डेढ़ महीने पहले शुरू कर देना चाहिए था, वहां अब महज तीन हफ्ते का समय बचा है। कांवरिया पथ में कांवरियों को राहत दिलाने के लिए बालू की मोटी परत बिछाई जानी है। ताकि एक महीने तक चलने वाले श्रावणी मेले में पथ की सुगमता बरकरार रह सके और कांवरियों को दिक्कत ना हो। डीएम द्वारा साफ तौर पर गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किए जाने की बात कही गई है। निर्देश का पालन कराने के लिए शुरू से ही कार्य पर जिम्मेदार पदाधिकारियों की निगरानी की जरूरत है। अन्यथा अंतिम समय में संवेदक जैसे-तैसे बालू बिछाकर कोरम पूरा कर देंगे, जिससे कांवरियों की यात्रा कठिन हो सकती है। मेले से संबंधित अन्य विभागों की तैयारी जारी श्रावणी मेले को लेकर केवल पथ निर्माण ही नहीं, बल्कि अन्य विभागों की भी जिम्मेदारियां तय कर दी गई हैं। कांवरियों को कोई असुविधा ना हो इसके लिए डीएम द्वारा मेले से संबंधित सभी विभाग के पदाधिकारियों को ससमय एवं गुणवत्ता के साथ अपने टास्क को पूरा करने का निर्देश दिया गया है। पीएचईडी विभाग द्वारा कांवरिया पथ पर चापाकल एवं नल-जल योजना की मरम्मत, शौचालय व स्नानागार मरम्मत आदि कार्य किया जा रहा है। बिजली विभाग द्वारा कांवर पथ और मेला क्षेत्र में स्ट्रीट लाइट और विद्युत आपूर्ति को दुरुस्त करने का कार्य जारी है। पूर्व में की गई निरीक्षण के दौरान डीएम ने स्पष्ट किया है कि मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को किसी तरह की असुविधा नहीं होनी चाहिए। चाहे वह आवागमन हो, स्वास्थ्य सेवा, जल आपूर्ति, बिजली व्यवस्था या सुरक्षा, हर मोर्चे पर समन्वित और तत्पर व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

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