होम्योपैथिक पद्धति के जनक डॉक्टर हैनिमैन की 270 वीं जन्मदिन मनाई गई।
बेगूसराय में गुरुवार को डॉ. हैनिमैन की 270वीं जयंती मनाई गई। शिक्षक नेता अमरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि होम्योपैथी के जनक के रूप में इस दिन को विश्व होम्योपैथी दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर...

बेगूसराय संवाददाता: गुरुवार को शहीद सुखदेव सिंह समन्वय समिति कार्यालय में डॉ, हैनिमैन की 270 वीं जयंती मनाई गई। शिक्षक नेता अमरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि होम्योपैथी के जनक महात्मा हैनिमैन के नाम पर आज ही के दिन विश्व होम्योपैथी दिवस के रुप में मनाया जाता है। होम्योपैथिक दुनिया की सबसे बड़ी दूसरी स्वास्थ्य पद्धति मानी जाती है। साथ ही सुलभ और सरल है। और इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है।इस अवसर पर जिला अध्यक्ष होम्योपैथी मेडिकल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के राजकुमार शर्मा ने कहा कि डॉक्टर हैनिमैन का जन्म यूरोप के देश जर्मनी में हुआ था। इनके पिता एक पोर्सिलिन सलीम पेंटर थे। एलोपैथी टन का सबसे पहला इस्तेमाल साल 1810 में हुआ था ,जिसे जर्मन चिकित्सक सैमुअल हैनिमैन ने दिया था। ऐसे महान डॉक्टर हैनिमैन जो भगवान या अल्लाह के रूप में माने जाते हैं । जिन्होंने होम्योपैथी की स्थापना कर विश्व में अपना नाम रोशन किया। इस अवसर पर डॉक्टर एमएम रहमानी ने चिकित्सक हैनिमैन के तैलचित्र पर पुष्प अर्पित कर ,उन्हें श्रद्धांजलि दी और कहा की डॉक्टर हैनिमैन विश्व के हम अमेठी के महान डॉक्टर थे। वे एमडी डिग्री प्राप्त एलोपैथी चिकित्सा विज्ञान के ज्ञाता थे। डॉ हैनिमैन एलोपैथी के चिकित्सक होने के साथ-साथ कई यूरोपियन भाषाओं के ज्ञाता थे। ऐसे महान चिकित्सक को शत-शत नमन। इस अवसर पर मृणाल शंकर मनु,आलोक कुमार,सोनू कुमार,पवन शर्मा रोटी बैंक, आनाया सिंह,विवेक कुमार एवं अनेकों ने उनके तैल चित्र पर माल्यार्पण कर उनको श्रद्धांजलि अर्पित किया।
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