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माया के मोहक वन की क्या कहूं कहानी परदेसी...

बॉटम:::::::तिक कार्यक्रम के दौरान मौजूद साहित्यकार व अन्य। सिमरिया धाम, एक संवाददाता। राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की 51वीं पुण्यतिथि के मौके पर गुरुवार की शाम सिमरिया स्थित दिनकर आवास परिसर में...

Newswrap हिन्दुस्तान, बेगुसरायFri, 25 April 2025 07:54 PM
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माया के मोहक वन की क्या कहूं कहानी परदेसी...

सिमरिया धाम, एक संवाददाता। राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की 51वीं पुण्यतिथि के मौके पर गुरुवार की शाम सिमरिया स्थित दिनकर आवास परिसर में सांस्कृतिक संध्या सह विराट कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। दिनकर स्मृति विकास समिति एवं दिनकर पुस्तकालय सिमरिया के संयुक्त तत्वावधान में दो सत्र में आयोजित कार्यक्रम के प्रथम सत्र में दिनकर के गीतों की प्रस्तुति दिनकर प्लस टू स्कूल की छात्रा ने दी। स्कूल के संगीत शिक्षक सुनील कुमार के नेतृत्व में श्रेया, नैंसी, साक्षी और खुशी ने दिनकर के चर्चित गीत ‘माया के मोहक वन की क्या कहूं कहानी परदेसी, लोहे के पेड़ हरे होंगे, तू गान प्रेम का गाता चल और कलम आज उनकी जय बोल... से सिमरिया गूंज उठा। वहीं, मिथिलांचल संगीत केंद्र बीहट की कलाकार नीशु के द्वारा प्रस्तुत कबीर के भजन व लोकगीत पर दर्शक झूमते दिखे। नाल पर अशोक पासवान ने साथ दिया। कार्यक्रम के दूसरे सत्र में आयोजित कवि सम्मेलन की अध्यक्षता जलेस के राज्य सचिव विनीताभ ने की। संचालन वरिष्ठ पत्रकार सह कवि प्रवीण प्रियदर्शी ने किया। स्वागत भाषण दिनकर स्मृति विकास समिति के कोषाध्यक्ष रामनाथ सिंह एवं धन्यवाद ज्ञापन आरपीएफ इंस्पेक्टर अरविंद कुमार सिंह ने दिनकर की रचनाओं का पाठ कर किया। उन्होंने दिनकर को युग पुरूष बताया। कवि सम्मेलन में मोकामा से आए कवि आनंद शंकर ने भाई-भाई बंटने लगे हिन्दू-मुसलमान में सुनाकर देश में व्याप्त सांप्रदायिक माहौल पर करारा प्रहार किया। वहीं, बबलू दिव्यांशु ने सूख गए हैं अश्क गमों को सहते-सहते गजल प्रस्तुत किया। जसम के देवेन्द्र कुंवर ने भोजपुरी रचना बगिया में चिरई के शोर भईल बा, उठ-उठ ऐ बलमुआ भोर भइल बा... सुनाकर श्रोताओं की वाहवाही बटोरी। संजीव फिरोज ने किसी ने मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई किसी ने मस्जिद तोड़कर मंदिर... कविता का पाठ किया। युवा कवि विनोद बिहारी ने अभी तक भी न हम पहचान कर पाए अपनों की...कविता सुनायी। मौके पर ए. के. मनीष, श्यामनंदन निशाकर, पारस कुमार, अमन कुमार समेत कई कवियों ने काव्य पाठ किया। दिनकर पुस्तकालय के अध्यक्ष विश्वंभर सिंह, राजेश कुमार सिंह, लक्ष्मणदेव कुमार, कृष्णनंदन कुमार पिंकू, जितेन्द्र झा, अमर कुमार, बीजेपी के शंभु प्रसाद सिंह, विपिन कुमार सिंह, अमरदीप सुमन, प्रदीप कुमार, कमल वत्स, ईशु वत्स, राजेन्द्र राय, अश्विनी कुमार आदि मौजूद थे।

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