बलिया की कई जर्जर सड़कें बयां कर रहीं क्षेत्र में विकास की उपेक्षा की कहानी
लखमिनिया-मधुसूदनपुर सड़क, बलिया-भगतपुर सड़क व गोखले नगर विष्णुपुर से भवानंदपुर जाने वाली सड़क जर्जर सड़क जर्जर ग्रामीण सड़कों की जर्जरता, बदहाली व उड़ती धूल से तंग आ चुके आमजन अब आंदोलन के मूड में ...

बलिया, एक संवाददाता। विकास के इस दौर में गांव को पक्की सड़क से जोड़ने का दावा किया जा रहा है लेकिन प्रशासनिक उपेक्षा, इच्छाशक्ति विहीन राजनेताओं व निर्माण कार्य में व्याप्त लूट-खसोट की वजह से प्रखंड क्षेत्र के लगभग सभी ग्रामीण सड़कें अपनी बदहाली पर वर्षों से आंसू बहा रही है। इन सभी अति महत्वपूर्ण सड़कों पर बरसात की बात तो दूर सुखाड़ के दिनों में भी गुजरना व चलना मुश्किल हो जाता है। विभिन्न ग्रामीण सड़कों की जर्जरता, बदहाली व उड़ती धूल से तंग आ चुके आमजन अब आंदोलन पर उतारू हैं। मालूम हो कि प्रखंड क्षेत्र के लखमिनियां चेचियाही बांध से मधूसुदनपुर होते हुए शाहपुर, भवानंदपुर, शिवनगर के अलावा मुंगेर जिला के कुतलूपुर पंचायत के बहादुरनगर को जोड़ने वाली सड़क, बलिया बाजार स्थित हाई स्कूल के सामने से भगतपुर जाने वाली सड़क सहित कई अन्य ग्रामीण सड़क जर्जर व बदहाल होकर वर्षों से आमजनों को मुंह चिढ़ा रही है।
इन सभी सड़कों के वर्षो पूर्व कराए गए निर्माण के बाद आजतक इसके जीर्णोद्धार व मरम्मती कराने का किसी राजनेता ने जहमत नही उठाई है। इन सभी जर्जर सड़क के कारण लोगों को आने-जाने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। परेशानी तब बढ़ जाती है जब आकस्मिक मौके पर किसी बीमार या प्रसव पीड़ा से परेशान किसी महिला को समुचित इलाज कराने के लिए चार पहिया वाहन या अन्य साधन से प्रखंड मुख्यालय या फिर बाहर ले जाना पड़ता है। ऐसी स्थिति में विकट समस्या खड़ी हो जाती है। ग्रामीणों का कहना है कि इन सभी महत्वपूर्ण सड़क से दर्जनों गांव के लोगों को जरूरी काम से आवाजाही लगी रहती है। उसके बावजूद सड़क नहीं बनना समझ से परे है। लोगों का यह भी कहना है कि इन सभी सड़कों के मरम्मती को लेकर जनप्रतिनिधि से लेकर प्रशासनिक अधिकारी को कई बार कहा गया। लेकिन हर बार निराशा ही हाथ लगी। इन सभी सड़कों पर दिनभर वाहनों की आवाजाही लगी रहती है। वहीं प्रतिदिन हजारो की संख्या में यात्री सफर करते हैं। कालीकरण के पूरी तरह उखड़ जाने से जगह- जगह बने गढ्डे व उबड़-खाबड़ सड़क क्षेत्र के विकास के दावे को खोखला कर रही है। दोपहिया व छोटे वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता सभी ग्रामीण सड़कों के जर्जर होने के कारण दोपहिया व छोटे वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके चलते कहीं न कहीं रोजाना हादसे भी होते रहते हैं। इतना ही नही बरसात के दिनों में तो ग्रामीण सड़कों की हालत और भी नारकीय हो जाती है। जगह-जगह टूटी सड़क के कीचड़मय हो जाने से राहगीरों को उस होकर निकलना भी मुश्किल हो जाता है। जर्जर व बदहाल सड़कों पर लगातार वाहनों के आवागमन से उड़ती धूल सड़क किनारे बसे आबादी सहित आमलोगों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है। उड़ती धूल के कारण वाहनों के आवागमन के दौरान जहां सड़क पर सामने से आ रहे वाहन तक दिखाई नहीं देते है। वहीं लोगों के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ रहा है। ग्रामीणों ने इन सभी ग्रामीण क्षेत्रों के क्षतिग्रस्त सड़कों के अविलंब मरम्मत कराने की मांग की है। विभाग द्वारा बीते छह महीने से बहुत जल्द टेंडर होने की बात कही जा रही है। कहते हैं अधिकारी ग्रामीण कार्य विभाग कार्य प्रमंडल बलिया के कार्यपालक अभियंता राहुल रंजन ने बताया कि 28 करोड़ की लागत से 10 सड़कें की लंबाई करीब 32.2 किलोमीटर है। उसका टेंडर निष्पादन विभाग की ओर से बहुत जल्द किया जाएगा। इसके बाद सड़क बनना शुरू हो जाएगा। राहुल रंजन, कार्यपालक अभियंता, ग्रामीण कार्य विभाग कार्य प्रमंडल बलिया
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