सुभाष चौक-बाघी आरओबी के आसपास गंदगी का अंबार, नगर निगम की अनदेखी से लोग बेहाल
लीड या सेकेंड लीड::::::रम पर पहुंच चुका है। शौचालय सफाई टैंकों की गंदगी पुल से नीचे बहाई जा रही है। इससे आसपास रहने वाले लोगों और आने-जाने वाले हजारों राहगीरों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। इस...

बेगूसराय, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। शहर के मुख्य मार्गों में शुमार सुभाष चौक-बाघी के बीच स्थित रोड ओवरब्रिज (आरओबी) के आसपास गंदगी का आलम चरम पर पहुंच चुका है। शौचालय सफाई टैंकों की गंदगी पुल से नीचे बहाई जा रही है। इससे आसपास रहने वाले लोगों और आने-जाने वाले हजारों राहगीरों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। इस मार्ग से बाघा, बाघी, पचंबा, पनहास, हर्रख और पहाड़चक जैसे कई मोहल्ले के लोग रोजाना गुजरते हैं लेकिन सड़क पर फैली गंदगी और उससे उठती बदबू ने इस रास्ते को नारकीय बना दिया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह समस्या काफी समय से बनी हुई है लेकिन नगर निगम प्रशासन इस पर ध्यान नहीं दे रहा है। स्थानीय अवकाशप्राप्त शिक्षक रमण झा, अरविंद झा, विनय महतो और अमित सिंह सहित अन्य नागरिकों ने बताया कि गंदगी की शिकायत नगर निगम प्रशासन से कई बार की गई लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। हालात इतने खराब हो चुके हैं कि मरे हुए जानवरों के शव भी इसी स्थान पर फेंक दिए जाते हैं जिन्हें कौवे और कुत्ते नोचते रहते हैं। इससे वातावरण में न केवल दुर्गंध फैलती है बल्कि बीमारियों के फैलने का भी खतरा बढ़ गया है। स्थानीय नागरिकों ने नगर निगम पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि एक ओर सरकार स्वच्छ भारत अभियान का नारा देती है, दूसरी ओर नगर निगम खुद शहर में गंदगी के फैलाने का काम कर रहा है। पूर्व डिप्टी मेयर सह वार्ड पार्षद राजीव रंजन ने नगर निगम की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि नगर निगम की उदासीनता से शहर की व्यवस्था चरमरा गई है। वर्तमान मुख्य पार्षद ने नगर निगम को 'नरक निगम' में तब्दील कर दिया है। जगह-जगह जलजमाव, कचरों का अंबार, टूटी सड़कें व नाले के जर्जर ढक्कन नगर निगम के निठल्लेपन की कहानी बयां कर रहे हैं। वहीं, भाजपा नेता अधिवक्ता अमरेंद्र अमर ने कहा कि नगर निगम के पास कचरा डंप करने की कोई समुचित व्यवस्था नहीं है। कभी रेलवे की जमीन पर, तो कभी फोरलेन की जमीन पर कूड़े का ढेर लगा दिया जाता है जिससे शहर में प्रदूषण तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने नगर निगम प्रशासन से ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की एक व्यवस्थित और दीर्घकालिक योजना बनाने की मांग की है। बोले विशेषज्ञ खुले में पड़े मल-मूत्र से न केवल भूजल प्रदूषित होता है बल्कि इससे कृषि उत्पाद भी प्रभावित होते हैं। यह स्थिति संक्रामक रोगों के फैलाव को तेज करती है। खुले में मल-मूत्र के निष्पादन से पर्यावरण बुरी तरह प्रदूषित हो सकता है। यह डायरिया, हैजा, टाइफाइड, गैस्ट्रोइंट्राइटिस, पेचिश, पीलिया जैसी बीमारियों के कीटाणुओं को फैलाने में अहम भूमिका निभाता है। संक्रमित व्यक्ति के मल में हजारों की संख्या में हानिकारक कीटाणु और कीड़ों के अंडे पाए जाते हैं जो विभिन्न माध्यमों से इंसानों के शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। इससे पेट संबंधी रोग, त्वचा संक्रमण और आंखों के संक्रमण जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। -डॉ. राहुल कुमार, फिजिशियन एवं डॉय बिटोलॉजिस्ट। कहते हैं सफाई प्रबंधक मामला संज्ञान में नहीं है। अभी संज्ञान में आया है। इसकी जांच करवाकर कार्रवाई की जाएगी। सूरज कुमार, सफाई प्रबंधक, बेगूसराय नगर निगम
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