बारिश होने पर सोने की तलाश में मधुरी टीला पर लगती है भीड़
मधुरी टीला पर प्राचीन ईंट, मिट्टी के बर्तन और खिलौनों के टुकड़े मिले हैं। यह टीला चेरो राजा बाघामल का किला था। बारिश के बाद किसान यहां खुदाई करते हैं, जिससे सोने के आभूषण मिलने की चर्चा होती है।...

प्राचीन ईंट, मिट्टी के बर्तन, खिलौनों के टुकड़े, भवन की नींव का मिलता है अवशेष बोले पुरातत्वविद्, मधुरी टीला पर था बाघामल नामक एक चेरो राजा का बड़ा किला (सर के ध्यानर्थ) भगवानपुर, एक संवाददाता। प्रखंड की भभुआ-अधौरा मुख्य सड़क स्थित हनुमान घाट के पास के मधुरी नामक एक ऐतिहासिक टीला है, जो वर्तमान में रैयती खेत के रूप में बदल गया है। कहते हैं कि बारिश होने के बाद जब किसानों द्वारा इसकी जुताई की जाती है, तब हरिपुर, देवसरना, हनुमान घाटी आदि गांव के ग्रामीणों की भीड़ जुट जाती है। यह भीड़ सोने के आभूषण को मिट्टी में तलाशती है।
ग्रामीणों ने बताया कि इस भू-भाग में प्राचीन ईंट के टुकड़े, मिट्टी के बर्तन, खिलौने के टुकड़े, मोटी दीवार की नींव जैसे प्राचीन किले एवं नगर के अवशेष मिलते हैं। इस टीला के किला के बारे में अंग्रेज लेखक बुकानन ने भी अपनी पुस्तक में की है। हालांकि इस किला के बारे में पुरातत्वविद भी चर्चा करते हैं। लेकिन, इसके बारे में बहुत कम ही लोग जानते हैं। हालांकि भगवानपुर प्रखंड के अधिकतर लोगों को इस टीला के बारे में जानकारी है। बुजुर्गों रामस्वारथ सिंह व लालसाहेब सिंह ने बताया कि उनके परिवार के पूर्वजों ने बताया था कि माधुरी में एक प्राचीन किला था, जहां एक सुंदर नगर भी बसा था। अब इसके नष्ट होने से मात्र उसके अवशेष मिलते हैं। बारिश होने पर मधुरी के खेतों की जुताई के बाद सोना मिलने की आज भी खूब चर्चा होती है। उन्होंने बताया कि भगवानपुर के चरित्र राम को सोने का एक सिक्का मिला था, जिसपर देवी-देवताओं का चित्र अंकित था। हरिपुर कृष्णापुर की हथिया कुंवर को सोने के आभूषण के छोटे-छोटे टुकड़े मिले थे। क्या कहते हैं पुरातत्वविद् काशी प्रसाद शोध संस्थान पटना के पुरातत्व मानस रंजन मानवंश ने अपने शोध के दौरान 13 वर्ष पहले बताया था कि मकरीखोह मौजा के गढ़वट, सिलसिला और मधुरी तीन प्राचीन ऐतिहासिक टीला है, जहां हजारों वर्ष के पुराने इतिहास छुपा हुआ है। आकाशवाणी सासाराम के पूर्व लाइब्रेरियन सह पुरातत्वविद् डॉ. श्यामसुंदर तिवारी ने भी बताया था कि मधुरी में बाघामल नामक एक चेरो राजा का किला था, जिसपर डुमरांव के राजा और शारिवाहन राजा के वंशज के भगवानपुर राजा के सैनिकों ने संयुक्त आक्रमण किया था। फोटो- 16 जून भभुआ- 7 कैप्शन- भगवानपुर प्रखंड की हनुमान घाटी के पास इसी मधुरी टीला के खेत में बारिश हाने पर मिलते हैं आभूषण के टुकड़े।
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