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डीएम ने कृषि विज्ञान व वनवासी केंद्र का किया निरीक्षण

डीएम सुनील कुमार ने अधौरा में कृषि विज्ञान केंद्र और वनवासी सेवा केंद्र का निरीक्षण किया। उन्होंने केंद्र के द्वारा किसानों को नवीनतम तकनीक, पोषण और खाद्य सुरक्षा के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रमों की...

Newswrap हिन्दुस्तान, भभुआSun, 8 June 2025 08:12 PM
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डीएम ने कृषि विज्ञान व वनवासी केंद्र का किया निरीक्षण

कृषि, महिला सशक्तिकरण, शिक्षा, स्वच्छता, जल प्रबंधन कार्य की ली जानकारी कहा, वनवासियों के उत्थान के लिए केविके द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रम सराहनीय (पेज चार) अधौरा, एक संवाददाता। डीएम सुनील कुमार ने अधौरा के कृषि विज्ञान केंद्र व वनवासी सेवा केंद्र का रविवार को निरीक्षण किया और इन संस्थानों द्वारा संचालित किए जा रहे कार्यक्रम के बारे में जानकारी ली। डीएम ने कहा कि यह केंद्र भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के तहत कार्यरत अग्रणी संस्थानों में से एक है, जिसका संचालन और प्रबंधन गैर-सरकारी संगठन वनवासी सेवा केंद्र द्वारा किया जाता है। डीएम ने संस्थान के कार्यों, उपलब्ध संसाधनों और ग्रामीण तथा आदिवासी समुदाय के लिए चल रहे कार्यक्रमों की सराहना की।

कृषि वैज्ञानिकों ने डीएम को बताया कि किसानों को नवीनतम कृषि तकनीक से परिचित कराने, कृषि उत्पादकता बढ़ाने, पोषण एवं खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने, जलवायु, मिट्टी, संसाधन और ग्रामीण आवश्यकताओं के अनुरूप कृषि समाधान प्रदान करता है। इसके माध्यम से किसानों को प्रशिक्षण, प्रदर्शन, प्रयोगात्मक परीक्षण और फील्ड विजिट जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से जानकारी दी जाती है। केविके की मेजबान संस्था वनवासी सेवा केंद्र की स्थापना वर्ष 1968 में लोकनायक जयप्रकाश नारायण की प्रेरणा से की गई थी। यह संगठन कैमूर के सुदूरवर्ती व पिछड़े वनवासी व आदिवासी क्षेत्र के समग्र विकास के लिए समर्पित है। अकाल में जेपी जी की गई थी नजर डीएम को बताया गया कि वर्ष 1966-67 में अकाल राहत कार्यों के दौरान जयप्रकाश जी का ध्यान अधौरा क्षेत्र की बदहाल स्थिति की ओर गया। 1967 में आदिवासी समुदाय पर सरकारी और साहूकारी उत्पीड़न ने उन्हें यह संस्था स्थापित करने के प्रेरित किया था। डीएम ने संस्थान के अनुसंधान फार्म, प्रशिक्षण हॉल, महिला कृषकों के लिए आयोजित कार्यक्रम, डेयरी व बागवानी इकाइयों का निरीक्षण किया। डीएम ने यह भी सुझाव दिया कि संस्थान अपने प्रयासों को डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से आम जनता तक पहुंचाने के लिए कार्य करें, ताकि तकनीकी जानकारी हर किसान तक समय पर पहुंचे। जिला प्रशासन पूर्ण सहयोग करेगा।

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